राहुल बजाज
राहुल बजाज
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पूरा नाम | राहुल बजाज |
जन्म | 10 जून, 1938 |
जन्म भूमि | बंगाल प्रेसीडेंसी |
मृत्यु | 12 फ़रवरी, 2022 |
मृत्यु स्थान | पुणे, महाराष्ट्र |
अभिभावक | माता- सावित्री बजाज पिता- कमलनयन बजाज |
पति/पत्नी | रूपा घोलप |
संतान | पुत्र- राजीव बजाज और संजीव बजाज पुत्री- सुनैना केजरीवाल |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | उद्योगपति |
शिक्षा | अर्थशास्त्र (ऑनर्स) की डिग्री, सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय कानून की डिग्री, बंबई विश्वविद्यालय |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म भूषण, 2001 |
प्रसिद्धि | बजाज समूह के अध्यक्ष |
नागरिकता | भारतीय |
व्यवसाय विस्तार | राहुल बजाज ने मुख्य रूप से दुपहिया वाहन, घरेलू उपकरणों, इलेक्ट्रिक लैम्प, पवन ऊर्जा, विशेष मिश्र धातु और स्टेनलेस स्टील, फोर्जिंग, बुनियादी ढांचे के विकास, सामग्री हैंडलिंग उपकरणों, यात्रा, जनरल और जीवन बीमा और निवेश में वित्तीय सेवाओं जैसे क्षेत्रों में किया है। |
अन्य जानकारी | आर्थिक क्षेत्र और उद्योग दुनिया में उनके योगदान के लिए उन्हें भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा (2006-2010) के लिए चुना गया। |
अद्यतन | 12:59, 13 फ़रवरी 2022 (IST)
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राहुल बजाज (अंग्रेजी: Rhaul Bajaj जन्म: 10 जून, 1938) भारत के सबसे सफल उद्योगपतियों में से एक हैं। वह बजाज समूह के अध्यक्ष हैं जिसे भारत और विदेशों में विनिर्मित उत्पादों और वित्तीय सेवाओं को प्रदान करने के लिए जाना जाता है। बजाज समूह का व्यवसाय दुपहिया वाहन, घरेलू उपकरणों, इलेक्ट्रिक लैम्प, पवन ऊर्जा, विशेष मिश्र धातु और स्टेनलेस स्टील, फोर्जिंग, बुनियादी ढांचे के विकास, सामग्री हैंडलिंग उपकरणों, यात्रा, जनरल और जीवन बीमा और निवेश में वित्तीय सेवाओं जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है।[1]
जीवन परिचय
राहुल बजाज का जन्म 10 जून 1938 को बंगाल प्रेसीडेंसी में हुआ था। बजाज व्यवसायिक घराने की नीव राहुल के दादा जमना लाल बजाज ने रखी थी। आने वाली पीढ़ियों ने बजाज घराने के व्यवसाय को आगे बढ़ाया। राहुल ने कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र (ऑनर्स) डिग्री और बंबई विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली है और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए हैं।[1]
कॅरियर
राहुल बजाज ने सन 1965 में बजाज समूह की बागडोर संभाली। उनके कुशल नेतृत्व में कंपनी ने लाइसेंस-राज जैसे कठिन समय में भी सफलता के नयी बुलंदियों को छुआ। सन 1980 के दशक में बजाज दो पहिया स्कूटरों का शीर्ष निर्माता था। समूह के ‘चेतक’ ब्रांड स्कूटर की मांग इतनी ज्यादा थी की इसके लिए 10 साल तक का वेटिंग-पीरियड था। राहुल कई कंपनियों के बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। आर्थिक क्षेत्र और उद्योग दुनिया में उनके योगदान के लिए उन्हें भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा (2006-2010) के लिए चुना गया। उनको आईआईटी रुड़की सहित 7 विश्वविद्यालयों द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई है।[1]
पुरस्कार और सम्मान
आर्थिक और व्यापर के क्षेत्र में उनके बहुमूल्य योगदान को देखते हुए, राहुल को अनेकों पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
- सन 2001 में भारत सरकार द्वारा ‘पद्म भूषण’ प्रदान किया
- हार्वर्ड बिजनेस स्कूल द्वारा अलुमिनी (पूर्व छात्रों) अचीवमेंट पुरस्कार प्राप्त हुआ
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 राहुल बजाज (हिन्दी) itshindi.com। अभिगमन तिथि: 15 सितम्बर, 2017।
बाहरी कड़ियाँ
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