शैवनक्षत्र व्रत

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  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • फाल्गुन शुक्ल पक्ष में हस्त नक्षत्र से आरम्भ होता है।
  • नक्त विधि किन्तु तेल एवं नमक का त्याग किया जाता है।
  • शिव पूजन, पाद से सिर तक हस्त से आरम्भ कर सभी नक्षत्रों को समन्वित कर 'शिवायेति च हस्तेन पादौ सम्पूजयेतद् विभो:' के रूप में पूजा की जाती है।
  • सभी नक्त दिनों में घृतपूर्ण पात्र के साथ एक प्रस्थ चावल का दान दिया जाता है।
  • पारण पर शिव एवं उमा की प्रतिमाओं, एक सुसज्जित पलंग तथा गाय का दान दिया जाता है।
  • नक्षत्रव्रत रखा जाता है।
  • भगवान शिव की पूजा की जाती है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 703-706, विष्णुधर्मोत्तरपुराण से उद्धरण)।

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