अंकुर

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अंकुर - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत अङ्कुर) (विशेषण अङ्कुरित, क्रिया अङ्कुरना)[1]

1. अंखुआ। गाभ। अँगुसा।

उदाहरण

"पाइ कपट जल अंकुर जामा।"[2]

2. डाभ। कल्ला। कनखा। कोपल। आँख।

3. यव का नया नया अँखुआ, जो मांगलिक होता है।

उदाहरण

"अच्छत अंकुर रोचन लाजा। मंजुल मंजरि तुलसि बिराजा।"[3]

क्रिया प्रयोग - आना। उगना। जमना। निकलना। फूटना। फोड़ना। फेंकना। लेना।

4. कली।

5. संतति। संतान।

उदाहरण

(क) 'हमारे नष्ट कुल में ये एक अंकुर बचा है, इससे हमारा वंश चलेगा।'[4]
(ख) 'थे अंकुर हितकर कलश पयोधर पावन।'[5]

6. नोक
7. जल। पानी।
8. रुधिर। रक्त। खून।
9. रोम। रोआँ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 03 |
  2. रामचरितमानस 2।23
  3. रामचरितमानस 1।346
  4. श्रीनिवास ग्रंथावली, पृ146
  5. साकेत, पृ. 203

बाहरी कड़ियाँ

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