अंकुल - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत अङ्कुर)[1]
अंकुर
(क) 'अंकुल बीज नसाय के भए बिदेही थान।'[2]
(ख) बीज बिन अंकुल पेड़ बिनु तरिवर, बिनु फूले फल फरिया।[3]