बी. एस. येदयुरप्पा
बी. एस. येदयुरप्पा
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पूरा नाम | बूकानाकेरे सिद्धलिंगप्पा येदियुरप्पा |
जन्म | 27 फ़रवरी, 1943 |
जन्म भूमि | मंड्या, कर्नाटक |
अभिभावक | पिता- सिद्दलिंगप्पा, माता- पुट्टतायम्मा |
पति/पत्नी | मैत्रादेवी |
संतान | दो पुत्र व तीन पुत्रियाँ |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | मुख्यमंत्री (कर्नाटक) |
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अन्य जानकारी | बी. एस. येदियुरप्पा महज 15 वर्ष की आयु में ही 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' के साथ जुड़े गए थे। भाजपा ने इन्हें साल 1988 में कर्नाटक राज्य का अपना पार्टी अध्यक्ष बनाया था। |
बूकानाकेरे सिद्धलिंगप्पा येदियुरप्पा (अंग्रेज़ी: Bookanakere Siddalingappa Yediyurappa, जन्म- 27 फ़रवरी, 1943) भारतीय राजनीतिज्ञ और कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2008 में भी जीत दर्ज करने के बाद बी. एस. येदयुरप्पा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे। वे साल 2007 में जद(एस) के साथ गठबंधन टूटने से पहले भी थोड़े समय के लिए मुख्यमंत्री रहे। बी. एस. येदयुरप्पा किसी भी दक्षिण भारतीय राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री हैं। 26 जुलाई 2019 को बी. एस. येदयुरप्पा ने शपथ ग्रहण कर फिर से मुख्यमंत्री पद का कार्यभार सम्भाल लिया है।
परिचय
लिंगायत समाज से नाता रखने वाले बी. एस. येदयुरप्पा के पिता का नाम सिद्दलिंगप्पा था जबकि इनकी माता का नाम पुट्टतायम्मा था। येदियुरप्पा जब महज 4 वर्ष की आयु के थे, तभी इनकी माता का निधन हो गया था, जिसके बाद उनकी देखरेख इनके पिता द्वारा अकेले की गई। बी. एस. येदयुरप्पा ने साल 1967 में मैत्रादेवी नामक महिला के साथ विवाह किया। इस विवाह से इन्हें दो पुत्र और तीन बेटियां हैं। इनके बेटों का नाम राघवेंद्र और विजयेंद्र है, जबकि इन्होंने अपनी पहली पुत्री का नाम अरुणादेवी, दूसरी का नाम पद्मावती और तीसरी पुत्री का नाम उमादेवी रखा है।
शिक्षा
बी. एस. येदयुरप्पा ने 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद कला विषय को अपनी आगे की पढ़ाई करने के लिए चुना और इस विषय में इन्होंने ग्रजुऐट की डिग्री प्राप्त की। अपनी डिग्री हासिल करने के बाद येदियुरप्पा ने बतौर एक प्रथम-विभाजन क्लर्क के तौर पर कार्य भी किया; लेकिन सामाजिक कल्याण विभाग में कुछ समय तक बतौर एक क्लर्क अपनी सेवा देने के बाद इन्होंने अपनी ये नौकरी छोड़ दी, जिसके बाद ये कर्नाटक के शिकारीपुरा नगर चले गए और यहां पर जाकर इन्होंने एक चावल की फैक्ट्री में बतौर क्लर्क अपनी सेवाएं देना शुरू कर दिया और इसी फैक्ट्री के मालिक की बेटी मैत्रादेवी से विवाह भी किया।
राजनीतिक सफर
- बी. एस. येदियुरप्पा महज 15 वर्ष की आयु में ही 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' के साथ जुड़े गए थे, लेकिन येदियुरप्पा को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अपनी सेवा देने का मौका सन् 1965 में मिला और इन्हें इस संघ की शिकारीपुर इकाई के सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई।[1]
- इनके कार्य को देखते हुए बीजेपी पार्टी ने इन्हें साल 1988 में कर्नाटक राज्य का अपना पार्टी अध्यक्ष बना दिया था।
- सन् 1999 में येदियुरप्पा अपनी असेंबली सीट से हार गए थे, जिसके चलते इन्हें बीजेपी ने विधायी परिषद का सदस्य बनाने के लिए नॉमिनेटेड किया था।
- साल 2004 में फिर से हुए असेंबली चुनाव में इन्हें जीत मिली और इन्हें एक बार फिर से कर्नाटक विधानसभा का विपक्ष का नेता बना दिया गया।
- येदियुरप्पा ने जनता दल (धर्मनिरपेक्ष) के नेता एच. डी. कुमारस्वामी के साथ, कर्नाटक में अलायन्स गवर्नमेंट बनाई और इस दौरान येदियुरप्पा को उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन कुछ कारणों के चलते ये अलायन्स ज्यादा समय तक चल नहीं सकी थी और ये गवर्नमेंट गिर गई। लेकिन बाद में जनता दल (धर्मनिरपेक्ष) और बीजेपी पार्टी ने फिर से हाथ मिला लिया और इस बार येदियुरप्पा को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाया गया और इस तरह से इन्होंने 12 नवंबर 2007 को पहली बार इस राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाला। लेकिन इनको अपने ये पद जनता दल पार्टी के विरोध के कारण महज सात दिनों में छोड़ना पड़ा।
- कर्नाटक में साल 2008 में फिर से असेंबली इलेक्शंस हुए और इस बार बीजेपी पार्टी को प्रथम बार, इनके नेतृत्व में जीत मिली; जिसके साथ ही इन्हें 30 मई 2008 को फिर से सीएम का पद दे दिया गया; लेकिन कई विवादों में नाम आने के कारण इन्हें साल 2011 में अपना ये पद छोड़ना पड़ा था।
- हाल ही में कर्नाटक में हुए असेंबली चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को जीत हासिल हुई है, जिसके साथ ही बी. एस. येदियुरप्पा एक बार फिर से कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन गए हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बी एस येदियुरप्पा की जीवनी (हिंदी) deepawali.co.in। अभिगमन तिथि: 20 जनवरी, 2020।