आन्तरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम
आन्तरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम (संक्षिप्त रूप: 'मीसा', अंग्रेज़ी: 'Maintenance of Internal Security Act' Or 'MISA') एक बड़ा क़ानून था, जिसकी शुरुआत 1971 में की गई थी। यह ऐसा कानून था, जो आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम के तहत भारतीय संसद द्वारा पारित किया गया। इस कानून में व्यवस्था बनाये रखने वाली संस्थाओं के अधिकारों को शामिल किया गया था। जब यह क़ानून लागू किया जा रहा था तो 1975-1977 के दौरान इसमें कई संशोधन भी किये गए और बहुत-से राजनीतिक बन्दियों पर इसे लागू किया गया। 1977 में जनता पार्टी की सरकार आने के बाद इसे समाप्त किया गया।
प्रथम गिरफ़्तारी
मीसा कानून के तहत सबसे पहले गिरफ़्तार किये जाने वाले लोगों की एक पूरी सूची तैयार की गई थी, जिसमें सबसे पहला नाम जयप्रकाश नारायण और मोरारजी देसाई का शामिल किया गया था। इस पूरी सूची को तैयार करने की जिम्मेदारी इंदिरा गाँधी के छोटे बेटे संजय गांधी को सौंपी गई थी। इन दोनों नेताओं का नाम सामने आते ही सबसे पहले जे.पी. और मोरारजी देसाई को मीसा के तहत जेल में बंद कर दिया गया था।[1]
जेल पहुंचे लोग
मीसा के तहत एक लाख से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर जेल में डाला गया और उस दौरान कैदियों से जेल पूरी तरह से भर गई थी, क्योंकि इस क़ानून के तहत काफ़ी लोगों को गिरफ़्तार किया गया था। उनकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया गया। इस क़ानून के तहत कई नियमो में बदलाव करके कानून को और अधिक शख्त बना दिया गया था, जिसके कारण न्यायपालिका में बंदियों की कहीं कोई सुनवाई नहीं की जा रही थी। जिसकी वजह से कुछ कैदी बंदियों को 21 महीने के आपातकाल के दौरान जेल में ही रहना पड़ा।
अन्य तथ्य
लालू की बेटी मीसा
मीसा क़ानून के तहत बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को भी आपातकाल के दौरान जेल में बंद कर दिया गया था। इस बीच साल 1976 में उनकी बेटी का जन्म हुआ और उस दौरान मीसा कानून के चलते उनकी बेटी का नाम भी मीसा भारती रख दिया गया।
जेटली ने याद किए दिन
नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रहे अरुण जेटली भी मीसा कानून के तहत जेल में बंद किये गए थे। इसलिए उन दिनों को याद करते हुए अरुण जेटली ने लिखा था कि- "मुझे 26 जून 1975 की सुबह एकमात्र विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का गौरव मिला और मैं आपातकाल के खिलाफ पहला सत्याग्रही बन गया। मुझे यह महसूस नहीं हुआ कि मैं 22 साल की उम्र में उन घटनाओं में शामिल हो रहा था, जो इतिहास का हिस्सा बनने जा रही थीं। इस घटना ने मेरे जीवन का भविष्य बदल दिया। शाम तक मैं तिहाड़ जेल में मीसा बंदी के तौर पर बंद कर दिया गया था।"[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 मीसा (MISA) कानून क्या है (हिंदी) kaiseinhindi.com। अभिगमन तिथि: 8 अक्टूबर, 2020।