बसवराज बोम्मई

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
बसवराज बोम्मई
बसवराज बोम्मई
बसवराज बोम्मई
पूरा नाम बसवराज सोमप्पा बोम्मई
जन्म 28 जनवरी, 1960
जन्म भूमि हुबली, कर्नाटक
अभिभावक पिता- एस. आर. बोम्मई

माता- गंगम्मा

पति/पत्नी चेन्नम्मा
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी भारतीय जनता पार्टी
पद मुख्यमंत्री, कर्नाटक- 28 जुलाई, 2021 से पदस्थ
शिक्षा बीई
विद्यालय भूमाराद्दी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
अन्य जानकारी इंजीनियर और खेती से जुड़े होने के नाते बसवराज बोम्मई को कर्नाटक के सिंचाई मामलों का जानकार माना जाता है। राज्य में कई सिंचाई प्रोजेक्ट शुरू करने की वजह से उनकी तारीफ होती है।
अद्यतन‎

बसवराज सोमप्पा बोम्मई (अंग्रेज़ी: Basavaraj Somappa Bommai, जन्म- 28 जनवरी, 1960) कर्नाटक के नवनियुक्त मुख्यमंत्री हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येदयुरप्पा के इस्तीफे के बाद वह राज्य के नये मुख्यमंत्री बनाये गये हैं। 27 जुलाई, 2021 को बी. एस. येदयुरप्पा ने खुद बसवराज बोम्मई के नाम का प्रस्ताव रखा था, जिसका मंत्री के. एस. ईश्वरप्पा और बाकी सभी विधायकों ने समर्थन किया। जनता दल से राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत करने वाले बसवराज बोम्मई येदयुरप्पा सरकार में गृहमंत्री रहे हैं और उनके बेहद करीबी भी माने जाते हैं।

परिचय

बसवराज बोम्मई का जन्म 28 जनवरी 1960 को हुबली, कर्नाटक में हुआ था। पूर्व मुख्‍यमंत्री एस. आर. बोम्मई के पुत्र बसवराज बोम्मई कर्नाटक में भाजपा के बड़े नेताओं में शुमार हैं। उन्होंने भूमाराद्दी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से 1982 में बीई की डिग्री ली। बसवराज बोम्मई की पत्नी का नाम चेन्नम्मा है और उनके दो बच्चे हैं। बसवराज बोम्मई साल 2021 की शुरुआत में कर्नाटक के गृहमंत्री बनाए गए थे। वे कर्नाटक विधानसभा के 2004 से 2008 तक सदस्य रहे हैं। वह धारवाड़ से 1998 और 2004 में विधायक चुने गए। जब येदयुरप्पा मुख्यमंत्री बने तो वे हावेरी जिले के शिगांव निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए थे।[1]

सिंचाई मामलों के एक्सपर्ट

इंजीनियर और खेती से जुड़े होने के नाते बसवराज बोम्मई को कर्नाटक के सिंचाई मामलों का जानकार माना जाता है। राज्य में कई सिंचाई प्रोजेक्ट शुरू करने की वजह से उनकी तारीफ होती है। उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र में भारत की पहली 100% पाइप सिंचाई परियोजना लागू करने का श्रेय भी दिया जाता है।

येदयुरप्पा ने सुझाया बोम्मई का नाम

कर्नाटक के गृहमंत्री रहे बसवराज बोम्मई येदयुरप्पा के चहेते और उनके शिष्य हैं। सूत्रों की मानें तो येदयुरप्पा ने इस्तीफा देने से पहले ही बसवराज बोम्मई का नाम भाजपा आलाकमान को सुझा दिया था। दरअसल, लिंगायत समुदाय के मठाधीशों के साथ हुई बैठक में येदयुरप्पा ने अपनी तरफ से इस नाम को उन सबके बीच रखा था। कर्नाटक के मशहूर लिंगेश्वर मंदिर के मठाधीश शरन बसवलिंग के अनुसार- 'अगर येदयुरप्पा एक इशारा करते तो पूरा समुदाय उनके लिए भाजपा के विरोध में उतर आता। चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ती, लेकिन खुद येदयुरप्पा ने बसवराज बोम्मई की हिमायत की। लिंगायत समुदाय के होने की वजह से उनके नाम पर सभी मठाधीश जल्दी राजी हो गए'।[2]

लिंगायत समुदाय

येदयुरप्पा को सीएम पद से इस्तीफा न देने के लिए अड़े लिंगायत समुदाय के सामने येदयुरप्पा ने जब बसवराज बोम्मई के नाम का सुझाव रखा, तब जाकर भाजपा का विरोध रुका। दसअसल, लिंगायत समुदाय नहीं चाहता था कि येदयुरप्पा इस्तीफा दें, लेकिन येदयुरप्पा ने इस समुदाय की बैठक में कहा था, 'सीएम पद की शपथ लेने से पहले ही यह तय हो चुका था कि मुझे 2 साल बाद आलाकमान के निर्देश के हिसाब से काम करना होगा। शीर्ष नेतृत्व का पैगाम आ गया है। मुझे पद छोड़ना होगा'।

संघ से नजदीकी

बसवराज बोम्मई के अलावा मुर्गेश निरानी और अरविंद बल्लाड के नाम भी चर्चा में रहे। तीनों ही लिंगायत समुदाय से आते हैं, लेकिन बसवराज बोम्मई येदयुरप्पा के करीबी ही नहीं, उनके शिष्य भी माने जाते हैं। इसके अलावा वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी काफी लोकप्रिय हैं। माना जाता है कि संघ और येदयुरप्पा के बीच की कड़ी के रूप में इन्होंने ही काम किया। बी. एस. येदयुरप्पा से संघ के बिगड़े रिश्तों का असर येदयुरप्पा के कामकाज पर न पड़े इसमें भी बड़ी भूमिका बसवराज बोम्मई ने निभाई।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जानिए कौन हैं बसवराज बोम्मई (हिंदी) jagran.com। अभिगमन तिथि: 29 जुलाई, 2021।
  2. बसवराज बोम्मई ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली (हिंदी) bhaskar.com। अभिगमन तिथि: 29 जुलाई, 2021।

संबंधित लेख

भारतीय राज्यों में पदस्थ मुख्यमंत्री
क्रमांक राज्य मुख्यमंत्री तस्वीर पार्टी पदभार ग्रहण
1. अरुणाचल प्रदेश पेमा खांडू
भाजपा 17 जुलाई, 2016
2. असम हिमंता बिस्वा सरमा
भाजपा 10 मई, 2021
3. आंध्र प्रदेश वाई एस जगनमोहन रेड्डी
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी 30 मई, 2019
4. उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ
भाजपा 19 मार्च, 2017
5. उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी
भाजपा 4 जुलाई, 2021
6. ओडिशा नवीन पटनायक
बीजू जनता दल 5 मार्च, 2000
7. कर्नाटक सिद्धारमैया
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 20 मई, 2023
8. केरल पिनाराई विजयन
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी 25 मई, 2016
9. गुजरात भूपेन्द्र पटेल
भाजपा 12 सितम्बर, 2021
10. गोवा प्रमोद सावंत
भाजपा 19 मार्च, 2019
11. छत्तीसगढ़ विष्णु देव साय
भारतीय जनता पार्टी 13 दिसम्बर, 2023
12. जम्मू-कश्मीर रिक्त (राज्यपाल शासन) लागू नहीं 20 जून, 2018
13. झारखण्ड हेमन्त सोरेन
झारखंड मुक्ति मोर्चा 29 दिसम्बर, 2019
14. तमिल नाडु एम. के. स्टालिन
द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम 7 मई, 2021
15. त्रिपुरा माणिक साहा
भाजपा 15 मई, 2022
16. तेलंगाना अनुमुला रेवंत रेड्डी
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस 7 दिसंबर, 2023
17. दिल्ली अरविन्द केजरीवाल
आप 14 फ़रवरी, 2015
18. नागालैण्ड नेफियू रियो
एनडीपीपी 8 मार्च, 2018
19. पंजाब भगवंत मान
आम आदमी पार्टी 16 मार्च, 2022
20. पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी
तृणमूल कांग्रेस 20 मई, 2011
21. पुदुचेरी एन. रंगास्वामी
कांग्रेस 7 मई, 2021
22. बिहार नितीश कुमार
जदयू 27 जुलाई, 2017
23. मणिपुर एन. बीरेन सिंह
भाजपा 15 मार्च, 2017
24. मध्य प्रदेश मोहन यादव
भाजपा 13 दिसंबर, 2023
25. महाराष्ट्र एकनाथ शिंदे
शिव सेना 30 जून, 2022
26. मिज़ोरम लालदुहोमा
जोरम पीपल्स मूवमेंट 8 दिसम्बर, 2023
27. मेघालय कॉनराड संगमा
एनपीपी 6 मार्च, 2018
28. राजस्थान भजन लाल शर्मा
भारतीय जनता पार्टी 15 दिसम्बर, 2023
29. सिक्किम प्रेम सिंह तमांग
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा 27 मई, 2019
30. हरियाणा नायब सिंह सैनी
भाजपा 12 मार्च, 2024
31. हिमाचल प्रदेश सुखविंदर सिंह सुक्खू
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 11 दिसम्बर, 2022