वारित्त शील बौद्ध निकाय

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:11, 14 सितम्बर 2010 का अवतरण (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==")
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

बौद्ध धर्म के अठारह बौद्ध निकायों में वारित्त शील की यह परिभाषा है:-
जिन कर्मों का सम्पादन नहीं करना चाहिए, उन्हें न करना 'वारित्त शील' है। और निषिद्ध कर्मों के न करने से 'वारित्त शील' पूरा हो जाता है, तथापि उन्होंने निर्वाण प्राप्ति के लिए जो मार्ग प्रदर्शित किया है, उसे अपने जीवन में न उतारने से वारित्त शील, होता है।

संबंधित लेख

साँचा:बौद्ध दर्शन2

साँचा:बौद्ध दर्शन