बौद्ध धर्म के अठारह बौद्ध निकायों में दश शील की यह परिभाषा है:-
अष्टाङ्ग शील के 7वें शील को दो भागों में विभक्त कर दिया जाता है, इस तरह 8वें के स्थान पर 9 हो जाते हैं तथा उसमें स्वर्ण, चाँदी आदि का ग्रहण न करना एक शील को और जोड़ दिया जाता है, इस तरह कुल 10 शील हो जाते हैं।
संबंधित लेख
|
|