बौद्ध धर्म के अठारह बौद्ध निकायों में अष्टाङ्ग शील की यह परिभाषा है:-
- प्राणि-हिंसा से विरत रहना,
- चोरी न करना,
- ब्रह्मचर्य का पालन करना,
- झूठ बोलने से विरत रहना,
- शराब आदि मादक द्रव्यों के सेवन से विरत रहना,
- दोपहर 12 बजे के बाद (विकाल में) भोजन न करना,
- नृत्य, गीत आदि न देखना, न सुनना तथा माला, सुगन्ध आदि का इस्तेमाल न करना तथा
- ऊँचे और श्रेष्ठ आसनों का त्याग करना।
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