के. के. हेब्बार
कटिंगेरी कृष्णा हेब्बार (अंग्रेज़ी: Kattingeri Krishna Hebbar, जन्म- 15 जून, 1911; मृत्यु- 26 मार्च, 1996) प्रसिद्ध भारतीय कलाकार थे। उन्हें मुख्य रूप से उनकी कलाकृतियों के लिये जाना जाता है। के. के. हेब्बार अधिकांशत: भारत विषयक कलाकृति ही बनाया करते थे। भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से सन 1961 में सम्मानित किया था।
परिचय
के. के. हेब्बार का जन्म सन 15 जून सन 1911 को उडुपी के नज़दीक कटिंगेरी में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन से ही उनका रुझान कला की ओर था, क्योंकि उनके पिता सामयिक मूर्तिकार थे जो गणेश की मूर्तियाँ बनाते थे। एक कलात्मक पारिवारिक पृष्ठभूमि से होने के नाते के. के. हेब्बार ने कला की पढ़ाई की और सन 1940-1945 के बीच जे. जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट, मुम्बई में औपचारिक अध्ययन किया। बाद में उन्होंने पेरिस में अकादेमी जूलियन में भी कला का अध्ययन किया।
कॅरियर
के. के. हेब्बार ने आरंभ में लगातार मालाबार और तुलु नाडू के सतत क्षेत्रों का चित्रण किया। बाद में उन्होंने अन्य विषयों के साथ प्रयोग करना शुरू किया। उनकी कला पॉल गौगुइन और अमृता शेरगिल से प्रेरित थी। आर्ट नाऊ इन इंडिया में उन्होंने पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्शकों का दिल जीता। जिसका आयोजन ब्रूसेल्स और लंदन में 1965 में किया गया था। उनकी कलाकृतियों को आज भारतीय कला इतिहास में अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है। के. के. हेब्बार ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनियों में भी भाग लिया, जैसे- वेनिस बिनाले, साओ पाउलो आर्ट बाईएनिअल साथ ही साथ टोक्यो बाईएनिअल।
पुरस्कार व सम्मान
- पद्म श्री, 1961
- पद्म भूषण, 1989
- बॉम्बे आर्ट सोसायटी पुरस्कार
- बम्बई राज्य पुरस्कार
- ललित कला अकादमी पुरस्कार
- वर्ना शिल्पी के वेंकटप्पा पुरस्कार
- सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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