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*मैसूर चिड़ियाघर विश्व के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है। इसका निर्माण [[1892]] में शाही संरक्षण में हुआ था।  
 
*मैसूर चिड़ियाघर विश्व के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है। इसका निर्माण [[1892]] में शाही संरक्षण में हुआ था।  
 
*यहाँ के बगीचों को बहुत ही ख़ूबसूरती से सजाया और संभाला गया है। शेर यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं।  
 
*यहाँ के बगीचों को बहुत ही ख़ूबसूरती से सजाया और संभाला गया है। शेर यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं।  
*इसके अतिरिक्त यहाँ एक जैविक उद्यान भी है जहाँ भारतीय और विदेशी पेड़ों की करीब 85 प्रजातियाँ रखी गई हैं।
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*इसके अतिरिक्त यहाँ एक जैविक उद्यान भी है जहाँ भारतीय और विदेशी पेड़ों की क़रीब 85 प्रजातियाँ रखी गई हैं।
 
*इसके अलावा [[हाथी]], [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] [[मोर]], दरियाई घोड़े, गैंडे और गोरिल्ला भी यहाँ देखे जा सकते हैं।  
 
*इसके अलावा [[हाथी]], [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] [[मोर]], दरियाई घोड़े, गैंडे और गोरिल्ला भी यहाँ देखे जा सकते हैं।  
  

08:08, 5 मार्च 2011 का अवतरण

तेंदुआ, मैसूर चिड़ियाघर, कर्नाटक
  • मैसूर चिड़ियाघर कर्नाटक के मैसूर शहर में स्थित है।
  • चिड़ियाघर में करंजी झील भी है। यहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं।
  • इस चिड़ियाघर में 40 से भी ज़्यादा देशों से लाए गए जानवरों को रखा गया है।
  • मैसूर चिड़ियाघर विश्व के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है। इसका निर्माण 1892 में शाही संरक्षण में हुआ था।
  • यहाँ के बगीचों को बहुत ही ख़ूबसूरती से सजाया और संभाला गया है। शेर यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं।
  • इसके अतिरिक्त यहाँ एक जैविक उद्यान भी है जहाँ भारतीय और विदेशी पेड़ों की क़रीब 85 प्रजातियाँ रखी गई हैं।
  • इसके अलावा हाथी, सफ़ेद मोर, दरियाई घोड़े, गैंडे और गोरिल्ला भी यहाँ देखे जा सकते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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