हुबली

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हुबली
हुबली का एक दृश्य
हुबली का एक दृश्य
विवरण 'हुबली' एक प्रसिद्ध नगर है, जो उत्तरी कर्नाटक का वाणिज्यिक केन्द्र और बैंगलोर के बाद राज्य का विकासशील औद्यौगिक, ऑटोमोबाइल और शैक्षणिक केन्द्र है।
राज्य कर्नाटक
ज़िला धारवाड़
तापमान तापमान 16-37 डिग्री
कब जाएँ अक्टूबर से फ़रवरी
कैसे पहुँचें हुबली कर्नाटक और पड़ोसी राज्यों के सभी प्रमुख स्थलों से सड़क और रेलमार्गों द्वारा भली-भाँति जुड़ा है।
हवाई अड्डा हुबली (घरेलू हवाईअड्डा)
क्या देखें 'भवानीशंकर मन्दिर', 'असार', 'सिद्धरूधा मठ', 'उन्कल झील', 'नृपटूँगा बेट्टा' और 'ग्लास हाउस'।
संबंधित लेख कर्नाटक, हुबली-धारवाड़ क्षेत्रफल 202.28 वर्ग कि.मी.
जनसंख्या 12 लाख
अन्य जानकारी हुबली अपने सूत कातने और विभन्न प्रसंस्करण मिलों के लिये जाना जाता है, जो इसके हथकरथा वस्त्र उद्योग के भाग हैं। यह कर्नाटक का प्रमुख कपास और मूँगफली व्यापार केन्द्र है, क्योंकि आसपास के ग्रामीण इलाके में यही फ़सलें मुख्य रूप से उगाई जाती हैं।

हुबली दक्षिण भारत का एक शहर है, जिसे अक्सर "धारवाड़ का जुड़वा शहर" के नाम से जाना जाता है। यह पश्चिमी कर्नाटक (भूतपूर्व मैसूर), दक्षिण-पश्चिम भारत में स्थित है। हुबली कर्नाटक के धारवाड़ ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय है। यह उत्तरी कर्नाटक का वाणिज्यिक केन्द्र और बैंगलोर के बाद राज्य का विकासशील औद्यौगिक, ऑटोमोबाइल और शैक्षणिक केन्द्र है।[1]

इतिहास

हुबली, जिसे अक्सर 'हुब्बली' या 'पुब्बली'[2] कहा जाता है, 11वीं शताब्दी के पाषाण मंदिर 'अहर्निशंकर' के आस-पास विकसित हुआ था।[3] 'हुबली' शब्द की उत्पत्ति 'हुब्बल्ली' से हुई है, जिसका कन्नड़ भाषा में अर्थ होता है- "फूलयुक्त रेंगने वाला"। हुबली एक ऐतिहासिक शहर है, जिसकी उत्पत्ति चालुक्यों के समय की है। इसे पूर्व में 'रायरा हुबली' या 'इलेया पुरावदा हल्ली' और 'पुरबल्ली' नामों से जाना जाता रहा है। विजयनगर साम्राज्य के शासन काल में रायरा हुबली कपास, शोरा और लोहे के व्यापार का प्रमुख केन्द्र बन गया था।[1]

हुबली अक्सर मराठा, मुग़ल और अंग्रेज़ों के निशाने पर रहा। अंग्रेज़ों ने हुबली में एक कारखाना लगाया था, जिसेसन्1675 ई. में शिवाजी ने लूट लिया था। हुबली थोड़े समय के लिये मुग़लों के सवानूर नवाब के अधीन आया और दुर्गाडबेल के आसपास बसप्पा शेट्टी नाम के व्यापारी द्वारा एक नये कस्बे को बनाया गया। मराठाओं ने इस पर 1755-56 ई. में क़ब्ज़ा कर लिया था। बीच में हैदर अली ने भी इसे छीन लिया था, लेकिन बाद में 1790 ई. में मराठाओं ने इसे फिर से हासिल कर लिया।सन्1817 में पुराना हुबली अंग्रेज़ों के अदीन हो गया और 1820 ई. में नये हुबली के साथ भी ऐसा ही हुआ।सन्1880 ई. में अंग्रेज़ों ने हुबली में एक रेलवे कार्यशाला की शुरुआत की, जिसके कारण यह स्थान प्रसिद्ध औद्यौगिक क्षेत्र में बदल गया।

उद्योग तथा व्यापार

आज हुबली अपने सूत कातने और विभन्न प्रसंस्करण मिलों के लिये जाना जाता है, जो इसके हथकरथा वस्त्र उद्योग के भाग हैं। यह कर्नाटक का प्रमुख कपास और मूँगफली व्यापार केन्द्र है, क्योंकि आसपास के ग्रामीण इलाके में यही फ़सलें मुख्य रूप से उगाई जाती हैं। हुबली दक्षिण पश्चिमी रेलवे ज़ोन और हुबली डिवीजन का मुख्यालय है।[1]

आसपास के पर्यटक स्थल

हाल के वर्षों में हुबली एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण के रूप में उभरा है। हुबली के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में 'भवानीशंकर मन्दिर', 'असार', 'सिद्धरूधा मठ', 'उन्कल झील', 'नृपटूँगा बेट्टा' और 'ग्लास हाउस' शामिल हैं। हुबली में धारवाड़ के जुड़वा शहरों, नविलतीर्थ, सथोडा, सोगल्ला और मथोडा झरने, इस्कॉन मन्दिर, स्काइस पॉइन्ट और उलाविया की यात्रा पर भी पर्यटक जा सकते हैं। बीजापुर, बीदर, बादामी, ऐहोल, पतादकल और हम्पी जैसे स्थलों पर भी यात्री जा सकते हैं।

कब जाएँ

मालेनाड और दक्षिण के पठार के बीच में स्थित इस शहर की जलवायु उष्ण कटिबन्धीय नम और शुष्क प्रकार की है और अक्टूबर से फ़रवरी के बीच का मौसम हुबली आने के लिये सबसे अनुकूल होता है।

कैसे पहुँचें

हुबली तक आसानी से पहुँचा जा सकता है, क्योंकि यह कर्नाटक और पड़ोसी राज्यों के सभी प्रमुख स्थलों से सड़क और रेलमार्गों द्वारा भली-भाँति जुड़ा है। हुबली के घरेलू हवाईअड्डे से बैंगलोर, हैदराबाद और मुम्बई के लिये नियमित उड़ाने उपलब्ध रहती हैं।[1]


इन्हें भी देखें: हुबली-धारवाड़


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 हुबली पर्यटन- दक्षिण भारत का जुड़वाँ शहर (हिन्दी) नेटिव प्लेनेट। अभिगमन तिथि: 26 जून, 2014।
  2. अर्थ, पुराना गांव
  3. भारत ज्ञानकोश, खण्ड-6 |लेखक: इंदु रामचंदानी |प्रकाशक: एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 241 |

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