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{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय
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<quiz display=simple>
|चित्र=Nyaya-Darshan.jpg
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{किस अनुच्छेद के तहत कहा गया है कि "[[राज्यपाल]] अन्य कोई लाभ का पद धारण नहीं करेगा"? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-520
|चित्र का नाम=न्याय दर्शन
+
|type="()"}
|विवरण='न्याय दर्शन' [[भारत]] के छः वैदिक दर्शनों में से एक [[दर्शन]] है। '[[न्यायसूत्र]] इस दर्शन का सबसे प्राचीन एवं प्रसिद्ध [[ग्रन्थ]] है।
+
-157 (1)
|शीर्षक 1=प्रवर्तक
+
-158 (2)
|पाठ 1=अक्षपाद गौतम
+
-156 (2)
|शीर्षक 2=प्रमुख ग्रंथ
+
+160 (1)
|पाठ 2='[[न्यायसूत्र]]'
+
 
|शीर्षक 3=महत्त्व
+
{"नौकरशाही पंचायत स्तर पर अपनी सत्ता के प्रतिनिधियों की भागीदारी नहीं चाहती। वह इसे अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं पाती।" निम्न में से यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-655
|पाठ 3=न्याय दर्शन की सबसे बड़ी देन निष्कर्ष की विवेचना प्रणाली का विस्तृत वर्णन है।
+
|type="()"}
|शीर्षक 4=प्रतिपाद्य
+
-मैल्स वेबर
|पाठ 4=यहाँ न्याय दर्शन के प्रतिपाद्य सोलह पदार्थों का यथाक्रम संक्षेप में परिचय प्रस्तुत है।
+
-[[जवाहरलाल नेहरू]]
|शीर्षक 5=
+
-[[भीमराव आम्बेडकर]]
|पाठ 5=
+
+डॉ. बी.एस. भार्गव
|शीर्षक 6=
+
 
|पाठ 6=
+
{[[संविधान]] का कौन-सा अनुच्छेद तदर्थ न्यायधीशों की नियुक्ति से सम्बन्धित है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-777
|शीर्षक 7=
+
|type="()"}
|पाठ 7=
+
-अनुच्छेद 125
|शीर्षक 8=
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-अनुच्छेद 124
|पाठ 8=
+
+अनुच्छेद 127
|शीर्षक 9=
+
-अनुच्छेद 130
|पाठ 9=
+
 
|शीर्षक 10=विशेष
+
{"दल प्रणाली किसी देश के राजनीतिक जीवन को यंत्रवंत जड़ बना देती है।" निम्न में से यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-905
|पाठ 10=[[वात्स्यायन]] ने 'न्याय' को समस्त विद्याओं का 'प्रदीप' कहा है। 'न्याय' का व्यापक अर्थ है- "विभिन्न प्रमाणों की सहायता से वस्तुतत्त्व की परीक्षा"।
+
|type="()"}
|संबंधित लेख=[[भारतीय दर्शन]][[न्यायसूत्र]], [[न्याय दर्शन के प्रवर्तक]], [[न्याय दर्शन का इतिहास]]
+
-हेरोल्ड लास्की
|अन्य जानकारी=आस्तिक दर्शनों में न्याय दर्शन का प्रमुख स्थान है। [[वैदिक धर्म]] के स्वरूप के अनुसन्धान के लिए न्याय की परम उपादेयता है। इसीलिए '[[मनुस्मृति]]' में श्रुत्यनुगामी तर्क की सहायता से ही [[धर्म]] के रहस्य को जानने की बात कही गई है।
+
+गिलक्राइस्ट
|बाहरी कड़ियाँ=
+
-[[अरस्तु]]
|अद्यतन=
+
-[[कार्ल मार्क्स]]
}}
+
 
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{"लोक प्रशासन से अभिप्राय उन क्रियाओं से है, जो केन्द्र, [[राज्य]] तथा स्थानीय कार्यपालिका शाखाओं द्वारा सम्पादित की जाती है।" यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-16
{{न्याय दर्शन विषय सूची}}
+
|type="()"}
|}
+
-[[थिओफ़्रैस्टस]]
'''न्याय''' [[संस्कृत]] शब्द है, जिसका अर्थ है- "व्युत्पत्ति के आधार पर मार्गदर्शन करने वाला"। बाद में इसका निश्चित अर्थ नियम हो गया, जो व्यक्ति को किसी निष्कर्ष, पाठ की व्याख्या के सिद्धांत या तर्क तक ले जाता है। भारतीय व्याख्यात्मक और विवेकपूर्ण चिंतन के आरंभिक काल में न्याय का उपयोग सामान्यत: [[मीमांसा दर्शन|मीमांसा]] द्वारा विकसित विवेचन के सिद्धांतों के लिये किया गया है। लेकिन बाद में इस शब्द का उपयोग [[भारतीय दर्शन]] की छह प्रणालियों (दर्शनों) में से एक के लिए होने लगा, जो अपने तर्क तथा ज्ञान मीमांसा के विश्लेषण के लिए महत्त्वपूर्ण था। न्याय दर्शन की सबसे बड़ी देन निष्कर्ष की विवेचना प्रणाली का विस्तृत वर्णन है।
+
-चेस्टर बर्नार्ड
==न्याय में दर्शन तथा धर्म==
+
+एच. साइमन
अन्य प्रणालियों के समान न्याय में भी [[दर्शन]] और [[धर्म]], दोनों हैं ; लेकिन इसका धार्मिक तत्व सामान्यत: आस्तिकता या ईश्वर के आस्तित्व को स्थापित करने से आगे नहीं बढ़ता। ईश्वर तक पहुँचने के मार्ग को इसने विचार तथा तकनीक की अन्य परंपराओं के लिए छोड़ दिया है। न्याय का परम उद्देश्य मनुष्य के उस दु:खभोग को समाप्त करना है। जिसका मूल कारण वास्तविकता की अज्ञानता है। अन्य प्रणालियों के अनुसार, इसमें भी यह स्वीकार किया जाता है, सम्यक ज्ञान से ही मुक्ति मिल सकती है। इसके बाद यह मुख्यत: सम्यक ज्ञान के साधनों की विवेचना करता है।
+
-[[सुकरात]]
==तत्त्व मीमांसा==
+
 
अपनी तत्त्व मीमांसा में न्याय, वैशेषिक प्रणाली के साथ जुड़ा है और 10वीं शताब्दी से इन दोनों विचार धाराओं को अक्सर संयुक्त रूप में प्रस्तुत किया जाता है। न्याय का प्रमुख ग्रंथ '[[न्यायसूत्र]]' है, जिसका श्रेय गौतम (लगभग दूसरी शताब्दी ई.पू.) को दिया जाता है। न्याय प्रणाली गौतम और उनके महत्त्वपूर्ण आरंभिक भाष्यकार [[वात्स्यायन]] (लगभग 450 ई.) से लेकर [[उदयनाचार्य|उदयन]] (10वीं शताब्दी) तक 'प्राचीन न्याय' के रूप में स्थापित रही, जब तक कि [[बंगाल]] में न्याय के नए मत (नव्य न्याय या नया न्याय) का उदय नहीं हुआ। 'नव्य न्याय' के सबसे प्रख्यात दार्शनिक इसके संस्थापक गणेश (13वीं शताब्दी) थे। उन्होंने दार्शनिक वक्तव्यों के प्रतिपादन की नई तकनीक का विकास किया और न्यायिक यथार्थ तथा प्रमाणिक ज्ञान बनाए रखने के संबंध में नए रास्ते निकाले।
+
{रिग्स के मॉडल में औद्योगिक (Industrial) मॉडल का प्रतिनिधित्व निम्न में से कौन करता है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-114
==ज्ञान के मान्य साधन तथा कारण==
+
|type="()"}
न्याय मत का मानना है कि ज्ञान के चार मान्य साधन हैं-
+
+[[अमरीका]]
#अनुभूति (प्रत्यक्ष)
+
-[[चीन]]
#अर्थ निकालना (अनुमान)
+
-[[भारत]]
#तुलना करना (उपमान)
+
-इनमें से कोई नहीं
#शब्द (साक्य)
+
 
अप्रामाणिक ज्ञान में स्मृति, शंका, भूल और काल्पनिक वाद-विवाद शामिल हैं।
+
{निम्न में से किसका लक्ष्य [[विज्ञान]] और वैज्ञानिक विश्लेषण का एकीकरण था? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-239
 +
|type="()"}
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+व्यवस्था सिद्धांत
 +
-आगत-निर्गत सिद्धांत
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-निर्णय-निर्माण सिद्धांत
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-उपरोक्त सभी
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{ग्रेट ब्रिटेन में बजट अनुमानों का कार्य कब से आरम्भ होता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-861;प्रश्न-823
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-[[1 जून]]
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-[[1 मार्च]]
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-[[1 सितम्बर]]
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+[[1 अक्टूबर]]
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{"दो दल राष्ट्रीय सुख और कर्त्तव्य के लिए अनेक दलों की तुलना में अच्छे होते हैं।" यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-691;प्रश्न-278
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-ब्राइस
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-मोरिस जोन
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+फाइनर
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-बर्क
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{वह कौन-सा निकाय है, जो सरकारी कर्मचारियों से संबंधित सामान्य बातों पर विचार करता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-604
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-विभागीय परिषद
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-संयुक्त वार्ता तंत्र
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+राष्ट्रीय परिषद
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-इनमें से कोई नहीं
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{बजट पारित करने सम्बंधी संसदीय अधिकारों का उल्लेख [[संविधान]] में कहाँ तक है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-861;प्रश्न-821
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|type="()"}
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+112 से 117 तक
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-112 से 127 तक
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-112 से 130 तक
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-112 से 137 तक
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{[[पंचायती राज]] संस्थाओं को 'संवैधानिक दर्जा' किस [[संविधान संशोधन]] में दिया गया है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-656
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|type="()"}
 +
-[[संविधान संशोधन- 74वाँ|74वाँ संविधान संशोधन]]
 +
-[[संविधान संशोधन- 80वाँ|80वाँ संविधान संशोधन]]
 +
-[[संविधान संशोधन- 93वाँ|93वाँ संविधान संशोधन]]
 +
+[[संविधान संशोधन- 73वाँ|73वाँ संविधान संशोधन]]
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{[[सर्वोच्च न्यायालय]] के न्यायधीशों को कौन शपथ दिलाता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-778
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|type="()"}
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+[[राष्ट्रपति]]
 +
-[[भारत के मुख्य न्यायाधीश|मुख्य न्यायधीश]]
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-[[उपराष्ट्रपति]]
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-उपर्युक्त कोई नहीं
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{"राजनीतिक दल वह समुदाय है जिसका संगठन किसी विशेष सिद्धांत या नीति के समर्थन के लिए हुआ हो, जो संवैधानिक उपायों का सहारा लेकर इस सिद्धांत अथवा नीति को सरकार का आधार बनाने का प्रयत्न करता हो।" निम्न में से यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-906
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+मैकाइवर
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-लॉर्ड ब्रॉइस
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-गौटिल
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-उपर्युक्त में से कोई नहीं
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{लोक प्रशासन शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसके द्वारा किया गया? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-17
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|type="()"}
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+हैमिल्टन
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-एल. डी. ह्वाइट
 +
-चेस्टर बर्नार्ड
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-टेलर
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{तीन बीघा भूमि' किस स्थान पर स्थित है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.942.प्रश्न-908
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|type="()"}
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+[[भारत]]-[[बांग्लादेश]] सीमा पर
 +
-भारत-[[पाकिस्तान|पाक]] सीमा पर
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-[[भारत]]-[[श्रीलंका]] के मध्य
 +
-[[पाकिस्तान|पाक]]-[[जम्मू कश्मीर]] के मध्य
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{ड्वाइट वाल्डो के अनुसार कौन-सा [[वर्ष]] लोक प्रशासन के पुराने और नये उपागमों के बीच विभाजन का वर्ष था? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-240
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|type="()"}
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-[[1950]]
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-[[1931]]
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-[[1930]]
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+[[1940]]
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{'राजस्थान सिविल सेवा' के प्रशिक्षार्थियों को कहाँ प्रशिक्षित किया जाता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-508
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|type="()"}
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-एल.ए.एस. [[गंगानगर|गंगा नगर]]
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+ओ.टी.एस. [[जयपुर]]
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-काजरी (CAZRI) [[जोधपुर]]
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-इनमें से कोई नहीं
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{"संचार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति की सूचनाएँ एवं समझ हस्तांतरित करने की प्रक्रिया है।" यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-737
 +
|type="()"}
 +
+थियो हैमन
 +
-साइमन
 +
-चेस्टर बर्नार्ड
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-पुलमोर
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 +
{निम्न में से किस देश में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल अवैध है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-605
 +
|type="()"}
 +
-[[जापान]]
 +
-[[ऑस्ट्रेलिया]]
 +
-स्विट्जरलैण्ड
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+उपरोक्त सभी
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{[[विधान सभा]] में [[राज्यपाल]] द्वारा आंग्ल-भारतीय समुदाय के कितने व्यक्ति नियुक्त किए जा सकते हैं? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-522
 +
|type="()"}
 +
-चार (4)
 +
-दो (2)
 +
-तीन (3)
 +
+पाँच (5)
 +
 
 +
{[[संविधान संशोधन- 73वाँ|73वें संविधान संशोधन]] में यह प्रावधान किन [[राज्य|राज्यों]] के लिए किया गया कि वहाँ की पंचायतें द्विस्तरीय होंगी?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-657
 +
|type="()"}
 +
+जिनकी जनसंख्या 20 लाख से कम हो
 +
-जिनकी जनसंख्या 20 लाख से अधिक हो
 +
-जिनकी जनसंख्या 1 करोड़ से कम हो
 +
-उपर्युक्त में से कोई नहीं
 +
 
 +
{[[संविधान]] के किस अनुच्छेद में [[सर्वोच्च न्यायालय]] के प्रारंभिक क्षेत्राधिकार का वर्णन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-779
 +
|type="()"}
 +
-अनुच्छेद 130
 +
-अनुच्छेद 129
 +
-अनुच्छेद 135
 +
+अनुच्छेद 131
 +
 
 +
{"पोलिटिकल पार्टिज एण्ड इंटिग्रेशव इन ट्रॉपिकल अफ़्रीका" निम्न में से किसकी कृति है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-907
 +
|type="()"}
 +
-फ्रेड्रिक
 +
-न्यूमैन
 +
+जे.ए. कोलमेन
 +
-बर्क
 +
 
 +
{"प्रशासन राजनीति है, अत: इसे जनहित के प्रति जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।" निम्न में से यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-18
 +
|type="()"}
 +
-लास्की
 +
-माओ
 +
-स्वार्जबर्जर
 +
+पाल एपलबी
 +
 
 +
{रिग्स ने समपार्श्वीय समाज (prismatic society) की उप-आर्थिक व्यवस्था को.... का नाम दिया है। (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-116
 +
|type="()"}
 +
-साला
 +
-इंडस्ट्रिया
 +
+बाजार कैंटीन मॉडल
 +
-उपरोक्त सभी
 +
 
 +
{प्रशासन में 'मानव संबंधी अवधारणा' का विकास किस दशक में हुआ? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-241
 +
|type="()"}
 +
-1940
 +
-1935
 +
+1930
 +
-1950
 +
 
 +
{[[भारतीय रेल]] सेवा के लिए प्रशिक्षण कहाँ दिया जाता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-509
 +
|type="()"}
 +
-[[नागपुर]]
 +
+[[बड़ौदा]]
 +
-[[अजमेर]]
 +
-[[दिल्ली]]
 +
 
 +
{संचार प्रक्रिया के प्रमुख तत्त्व हैं।(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-738
 +
|type="()"}
 +
-प्राप्तकर्ता
 +
-माध्यम
 +
-सूचना
 +
+उपरोक्त सभी
 +
 
 +
{"लोक सेवा विनियमों द्वारा हड़ताल के निषेध को न तो तर्कशास्त्र और न राजनीतिक दर्शन के आधार पर न्याय संगत ठहराया जा सकता है" किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-606
 +
|type="()"}
 +
-डिमॉक
 +
+डबल्यू. एफ. मोशर
 +
-पर्सी मैक्वीन
 +
-पीटर ड्रकर
 +
 
 +
 
 +
 
 +
 
 +
 
 +
{क्या [[राज्यपाल]], [[राष्ट्रपति]] की भांति किसी के मृत्यु दण्डादेश को माफ़ कर सकता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-523
 +
|type="()"}
 +
-हां
 +
-कुछ मामलों में
 +
+नहीं
 +
-उपर्युक्त कोई नहीं
 +
 
 +
{73 वां [[संविधान]] संशोधन [[राष्ट्रपति]] द्वारा कब स्वीकार किया गया? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-658
 +
|type="()"}
 +
+[[20 अप्रैल]], [[1993]]
 +
-[[20 मार्च]], [[1994]]
 +
-[[1 अप्रैल]], [[1993]]
 +
-[[1 जनवरी]], [[1992]]
 +
 
 +
{[[सर्वोच्च न्यायालय]] के अन्य न्यायधीशों की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-780
 +
|type="()"}
 +
-[[संसद]]
 +
+मुख्य न्यायधीश के परामर्श से [[राष्ट्रपति]] द्वारा
 +
-[[मंत्रिपरिषद]]
 +
-उपर्युक्त कोई नहीं
 +
 
 +
{"स्वतंत्र राजनीतिक दल का लोकतंत्रीय सरकार का दूसरा नाम है" निम्न में से किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-908
 +
|type="()"}
 +
+प्रो. मुनरो
 +
-बर्क
 +
-प्रो. न्यूमैन
 +
-मैकानवर
 +
 
 +
{"प्रशासन का संबंध कार्यों को सम्पन्न करने से है, जिसके लिए निर्धारित लक्ष्य पूरे हो सके।" किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-19
 +
|type="()"}
 +
-उर्विक
 +
+गुलिक
 +
-टेलर
 +
-मैकाइवर
 +
 
 +
{'Comparative public Administration' किसकी रचना है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-117
 +
|type="()"}
 +
+आर. के. अरोड़ा
 +
-रिग्स
 +
-वाइडनर
 +
-[[गोस्वामी]]
 +
 
 +
{"यह (प्रबंध) संहिता परमावश्यक है। चाहे यह वाणिज्य हो, उद्योग, राजनीति, [[धर्म]], युद्ध अथवा उदारता हो, प्रत्येक क्षेत्र में प्रबंध का कार्य किया जाता है और इसके निष्पादन हेतु सिद्धांत होने चाहिए....।" किसका मत है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-242
 +
|type="()"}
 +
-टेलर
 +
-मार्क्स
 +
+फेयोल
 +
-वेबर
 +
 
 +
{किस समिति ने भारतीय विदेश सेवा के प्रशिक्षण के लिए 3 [[वर्ष]] की अवधि निर्धारित की थी? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-510
 +
|type="()"}
 +
+पिल्लेई कमेटी
 +
-प्रशासनिक समिति
 +
-के. संथानम समिति
 +
-कोई नहीं
 +
 
 +
{निम्न में से किसके लिए संचार महत्त्वपूर्ण है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-739
 +
|type="()"}
 +
-नियोजन
 +
-उत्प्रेरण
 +
-समंवय
 +
+उपरोक्त सभी
 +
 
 +
{केन्द्रीय सरकार ने किस [[वर्ष]] सरकार के कार्यकारी आदेश के अंतर्गत पुलिस संगठन (SPE) का गठन किया गया था? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-607
 +
|type="()"}
 +
+[[1941]]
 +
-[[1947]]
 +
-[[1948]]
 +
-[[[1950]]
 +
 
 +
 
 +
 
 +
 
 +
 
 +
{[[राज्य]] के [[मुख्यमंत्री]] की नियुक्ति की जाती है। (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-524
 +
|type="()"}
 +
-[[राष्ट्रपति]]
 +
-[[प्रधानमंत्री]]
 +
-[[उच्च न्यायालय]] के मुख्य न्यायाधीश
 +
+[[राज्यपाल]] द्वारा
 +
 
 +
{"ग्राम पंचायतों में [[गणतंत्र]] के समस्त गुण पाये जाते हैं। जिन चीजों की रक्षा की सम्भावना कहीं नहीं थी, उनकी रक्षा इन ग्राम पंचायतों द्वारा हुई। ग्राम पंचायतों के संगठन की वजह से ही प्रत्येक गांव एक छोटे [[राष्ट्र]] की भांति हैं।" निम्न में से किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-659
 +
|type="()"}
 +
-[[गांधी]]
 +
+सर चार्ल्स मेटकाफ
 +
-[[नेहरू]]
 +
-[[सरदार पटेल]]
 +
 
 +
{[[सर्वोच्च न्यायालय]] के किसी न्यायधीश के विरूद्ध महाभियोग प्रस्ताव पारित हो जाने पर उसे पदभुक्ति का आदेश कौन देता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-781
 +
|type="()"}
 +
+[[राष्ट्रपति]]
 +
-[[प्रधानमंत्री]]
 +
-[[संसद]]
 +
-उपर्युक्त कोई नहीं
 +
 
 +
{"[[भारत]] में दलों की संख्या इतनी अधिक है कि ये न केवल प्रजातंत्र के लिए हानिकारक हैं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र के अस्तित्व के लिए भी खतरनाक है।" निम्न में से यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-909
 +
|type="()"}
 +
+आर. ए. गोपालस्वामी
 +
-लास्की
 +
-गिलक्राइस्ट
 +
-गैटिल
 +
 
 +
{'Administrative State' नामक पुस्तक किसने लिखी? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-20
 +
|type="()"}
 +
-वुडरो विल्सन
 +
-विंसेंट डी. गार्ने
 +
+ड्वाइड वाल्डो
 +
-उपरोक्त कोई नहीं
 +
 
 +
{"तुलनात्मक लोक प्रशासन तुलनात्मक आधार पर लोक प्रशासन का अध्ययन है।" किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-118
 +
|type="()"}
 +
-आर.के. अरोड़ा
 +
+निभरोड राफाली
 +
-एप्टर
 +
-राबर्ट डहल
 +
 
 +
{प्रबंध क्रांति का आरम्भ निम्नलिखित में से किस देश में हुआ? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-243
 +
|type="()"}
 +
-[[अमरीका]]
 +
+[[ब्रिटेन]]
 +
-[[भारत]]
 +
-[[फ़्राँस]]
 +
 
 +
{निम्न में से किस विद्वान ने सिफारिश की थी कि भारतीय उच्च सेवाओं के लिए [[फ़्राँस]] की तरह ही 3 [[वर्ष]] की प्रशिक्षण अवधि होनी चाहिए? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-511
 +
|type="()"}
 +
-एन. पालखीवाला
 +
-टेकचन्द दमिति
 +
-कृपलानी समिति
 +
+अशोक चन्दा
 +
 
 +
{किसी प्रशासनिक प्रणाली की उप प्रणालियों को जोड़ने वाले 'थ्रुपुटस' में क्या नहीं है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-740
 +
|type="()"}
 +
-निर्णय
 +
-संतुलन
 +
+प्रक्रिया
 +
-संचार
 +
 
 +
{[[भारत]] में किस [[वर्ष]] केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए संयुक्त वार्तातंत्र तथा अनिवार्य पंच निर्णय की योजना प्रारम्भ की गयी? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-608
 +
|type="()"}
 +
-[[1950]]
 +
-[[1957]]
 +
+[[1966]]
 +
-[[1965]]
 +
 
 +
 
 +
 
 +
 
 +
{[[संविधान]] के किस अनुच्छेद के तहत [[मुख्यमंत्री]] और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति का प्रावधान है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-525
 +
|type="()"}
 +
-अनुच्छेद 165 (1)
 +
-अनुच्छेद 160(2)
 +
-अनुच्छेद 155 (2)
 +
+अनुच्छेद 164 (1)
 +
 
 +
{निम्न में किन दो स्तरों की सिफारिश अशोक मेहता समिति ने की थी? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-660
 +
|type="()"}
 +
+मंडलीय पंचायत तथा जिला परिषद
 +
-पंचायत समिति तथा जिला परिषद
 +
-मंडलीय समिति तथा जिला परिषद
 +
-उपरोक्त में से कोई नहीं।
 +
 
 +
{[[सर्वोच्च न्यायालय]] का प्रथम मुख्य न्यायधीश कौन था? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-782
 +
|type="()"}
 +
+हीरालाल जे. कीनिया
 +
-जस्टिस भगवती
 +
-वेंकट चलैया
 +
-उपरोक्त कोई नहीं
 +
 
 +
{राजनीतिक दल ऐसे लोगों का समूह होता है, जो किसी सिद्धांत के आधार पर जिस पर वे एकमत हो अपने सामूहिक प्रयत्नों द्वारा जनता के हित में काम करने के लिए एकता में बंधे हैं। (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-910
 +
|type="()"}
 +
-लास्की
 +
-प्यूरिटस
 +
-न्यूमैन
 +
+बर्क
 +
 
 +
{लोक प्रशासन में (POSDCORB) शब्द किसकी देन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-21
 +
|type="()"}
 +
-फेयोल
 +
-उर्विक
 +
+गुलिक
 +
-माओ
 +
 
 +
{आगत-निर्गत से सम्बन्धित सिद्धांत.... है। (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-119
 +
|type="()"}
 +
-परिस्यितिय सिद्धांत
 +
-मानव सम्बन्ध सिद्धांत
 +
+व्यवस्था सिद्धांत
 +
-उपरोक्त कोई नहीं
 +
 
 +
{"जब व्यक्तियों का अवलोकन किया जाता है तो उनका व्यवहार बदल जाता है।" किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-244
 +
|type="()"}
 +
-रोथलिज बर्जर
 +
-हजबर्ग
 +
+मायो
 +
-उपरोक्त सभी
 +
 
 +
{किसने कम्पनी के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए [[कलकत्ता]] में पोर्ट विलियम कालेज की स्थापना की? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-512
 +
|type="()"}
 +
+लार्ड वेलेजली
 +
-लार्ड मिंटो
 +
-लार्ड क्लाइव
 +
-लार्ड मार्ले
 +
 
 +
{सम्प्रेषण का प्रमुख लक्षण कौन-सा है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-741
 +
|type="()"}
 +
-'यह द्विपक्षीय होता है।
 +
-यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है
 +
-दो व्यक्तियों के मध्य विचारों का आदान-प्रदान
 +
+उपरोक्त सभी।
 +
 
 +
{[[भारत]] में किस आयोग ने सन 1969 में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल पर कानूनी रोक लगाने की सिफारिश की थी? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-609
 +
|type="()"}
 +
-संथानम समिति
 +
+प्रशासनिक सुधार आयोग
 +
-टेकचन्द्र समिति
 +
-मालीमथ समिति
 +
 
 +
 
 +
 
 +
 
 +
 
 +
{[[मुख्यमंत्री]] व अन्य मंत्रियों को पद की शपथ दिलाई जाती है। (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-526
 +
|type="()"}
 +
-[[उच्च न्यायालय]] के मुख्य न्यायाधीश द्वारा
 +
-[[राष्ट्रपति]]
 +
-[[उपराष्ट्रपति]]
 +
+[[राज्यपाल]] द्वारा।
 +
 
 +
{"गांवों के लोगों को अधिकार सौंपना चाहिए। उनको काम करने दो, चाहें वे हज़ारों गलतियां करें, इससे घबराने की जरुरत नहीं पंचायतों को अधिकार दो।" निम्न में से किसका कथन है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-661
 +
|type="()"}
 +
-[[महात्मा गांधी]]
 +
-[[सरदार पटेल]]
 +
-[[विवेकानन्द]]
 +
+[[जवाहरलाल नेहरू]]
 +
 
 +
{[[सर्वोच्च न्यायालय]] में न्यायिक कार्यों हेतु किस [[भाषा]] को प्रयोग में लाया जाता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-783
 +
|type="()"}
 +
-[[हिन्दी]]
 +
+[[अंग्रेज़ी]]
 +
-उपरोक्त दोनों
 +
-उपुर्यक्त कोई नहीं
 +
 
 +
{"दो दल राष्ट्रीय सुख और कर्त्तव्य के लिए अनेक दलों की तुलना में अच्छे होते हैं।" निम्न में से किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-911
 +
|type="()"}
 +
-ब्राइस
 +
+फाइनर
 +
-मैकाइवर
 +
-कोलमेन
 +
 
 +
{लोक प्रशासन के विकास का प्रथम चरण 1887 से....(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-22
 +
|type="()"}
 +
-[[1930]]
 +
+[[1926]]
 +
-[[1901]]
 +
-[[1924]]
 +
 
 +
{संगठन के व्यवस्था उपागम के प्रतिपादक का नाम.... है। (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-120
 +
|type="()"}
 +
+चेस्टर बर्नार्ड
 +
-साइमन
 +
-आमण्ड
 +
-ईस्टन
 +
 
 +
{पिफनर ने स्टाफ के कितने कार्यों का उल्लेख किया है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-245
 +
|type="()"}
 +
-2
 +
-3
 +
-4
 +
+7
 +
 
 +
{कार्यालय के अन्दर ही अगर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए तो उसे क्या कहा जाता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-513
 +
|type="()"}
 +
-केन्द्रीय प्रशिक्षण
 +
-कार्यालयी प्रशिक्षण
 +
-अंत:विभागीय प्रशिक्षण
 +
+विभागीय प्रशिक्षण
 +
 
 +
{वह व्यक्ति जिसे दूसरे व्यक्ति को एक विशिष्ट संदेश देना है, उसे क्या कहा जाता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-742
 +
|type="()"}
 +
-संदेश
 +
+संप्रेषक
 +
-वाहक
 +
-संकेतन
 +
 
 +
{केन्द्रीय सतर्कता आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति कौन करता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-610
 +
|type="()"}
 +
-[[प्रधानमंत्री]]
 +
+[[राष्ट्रपति]]
 +
-[[गृहमंत्री]]
 +
-[[वित्तमंत्री]]
 +
 
 +
 
 +
 
 +
 
 +
 
 +
{[[राज्यपाल]] द्वारा निम्न में से किसकी नियुक्ति नहीं की जाती? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-527
 +
|type="()"}
 +
-[[मुख्यमंत्री]] की
 +
+[[राज्य]] के [[उच्च न्यायालय]] के [[न्यायाधीशों]] की
 +
-मंत्रियों की
 +
-उपर्युक्त कोई नहीं।
 +
 
 +
{किस [[राज्य]] की ज़िला परिषद सबसे शाक्तिशाली है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-662
 +
|type="()"}
 +
+[[महाराष्ट्र]]
 +
-[[गुजरात]]
 +
-[[उत्तर-प्रदेश]]
 +
-[[मध्य प्रदेश]]
 +
 
 +
{किस अनुच्छेद के तहत [[राष्ट्रपति]] [[सर्वोच्च न्यायालय]] से परामर्श ले सकता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-784
 +
|type="()"}
 +
-अनुच्छेद 141
 +
+अनुच्छेद 143
 +
-अनुच्छेद 130
 +
-अनुच्छेद 142
 +
 
 +
{"थोड़ों के काम के लिए अनेक का पागलपन ही दल व्यवस्था है।" निम्न में से यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-912
 +
|type="()"}
 +
+अलैक्जेण्डर पोप
 +
-बर्क
 +
-लार्ड ब्राइस
 +
-लास्की
 +
 
 +
{निम्न में से आधुनिक लोक प्रशासन के जनक के रूप में किसको जाना जाता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-23
 +
|type="()"}
 +
+वुडरो विल्सन
 +
-एल.डी. ह्वाइट
 +
-डायसी
 +
-अरस्तु
 +
 
 +
{"संगठन एक व्यवस्था है, जिसका निर्माण विभिन्न उप-व्यवस्थाओं से मिलकर होता है।" किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-121
 +
|type="()"}
 +
-रिग्स
 +
-कैपलान
 +
+बर्नार्ड
 +
-लुण्ड बर्ग
 +
 
 +
{किस प्रकार के संगठन में यह स्वीकार किया गया है कि विशेषज्ञों का सूत्र के निम्न अधिकारियों पर नियंत्रण होना चाहिए? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-246
 +
|type="()"}
 +
-औपचारिक संगठन
 +
+कार्यात्मक संगठन
 +
-केन्द्रीकृत संगठन
 +
-उपरोक्त सभी
 +
 
 +
{विशेष तकनीक या जटिल कानून व्यवस्था का प्रशिक्षण.... कहलाता है। (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-514
 +
|type="()"}
 +
-सैण्डविच प्रशिक्षण
 +
+कौशल्य प्रशिक्षण
 +
-A+B
 +
-कोई नहीं
 +
 
 +
{ग्रेपवाइन या कानाकूसी संप्रेषण की कौन-सी श्रेणी है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-743
 +
|type="()"}
 +
-विसमतलीय
 +
+अनौपचारिक
 +
-औपचारिक
 +
-समतलीय।
 +
 
 +
{"ऐसी हड़ताल, जो समुदाय के किसी प्रमुख हित के लिए सीधा तत्काल निश्चित तथा सम्भीर संकट उत्पादन करने वाली हो, कानून द्वारा निषिद्ध कर देना चाहिए।" किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-611
 +
|type="()"}
 +
+लियोनार्ड ह्वाइट
 +
-एपलबी
 +
-डिमॉक
 +
-मार्टिन
 +
 
 +
 
 +
 
 +
 
 +
 
 +
{क्या [[राज्य]] की विधायिका को महाभियोग के द्वारा [[राज्यपाल]] को पदच्युत करने का अधिकार है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-528
 +
|type="()"}
 +
-हां
 +
+नहीं
 +
-कुछ परिस्थितियों में
 +
-उपर्युक्त कोई नहीं।
 +
 
 +
{"मैं पंचायती राज के प्रति पूर्णत: आशान्वित हूँ कि [[भारत]] के संदर्भ में यह बहुत कुछ मौलिक एवं क्रांतिकारी हैं।" निम्न में से किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-663
 +
|type="()"}
 +
+[[जवाहर लाल नेहरू]]
 +
-[[महात्मा गांधी]]
 +
-[[अम्बेडकर]]
 +
-[[दयानन्द]]
 +
 
 +
{[[सर्वोच्च न्यायालय]] में प्रथम महिला न्यायधीश कौन थी? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-785
 +
|type="()"}
 +
-श्री मति विजय लक्ष्मी पड़ित
 +
+मीरा साहिब फातिमा बीवी
 +
-सरोजनी नायडु
 +
-उपर्युक्त कोई नहीं।
 +
 
 +
{'दल विहीन लोकतंत्र' की बात किसने कही है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-913
 +
|type="()"}
 +
-अरस्तु
 +
+प्यूरिटस
 +
-प्लेटो
 +
-बर्क
 +
 
 +
{एक विषय के रूप में लोक प्रशासन का जन्म किस देश में हुआ? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-24
 +
|type="()"}
 +
-[[भारत]] में
 +
-[[इंग्लैण्ड]] में
 +
+[[अमरीका]] में
 +
-[[मिस्र]] में
 +
 
 +
{बर्नार्ड संगठन को एक.... मानता है- (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-122
 +
|type="()"}
 +
-सामाजिक व्यवस्था
 +
-राजनीतिक व्यवस्था
 +
-आर्थिक व्यवस्था
 +
+सहकारी व्यवस्था
 +
 
 +
{[[भारत]] में निम्न में से कौन स्टाफ अभिकरण का उदाहरण नहीं है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-247
 +
|type="()"}
 +
+मंत्रालय
 +
-मंत्री मण्डलीय सचिवालय
 +
-योजना आयोग
 +
-उपरोक्त सभी
 +
 
 +
{ब्रिटिश काल में सबसे पहले किसने प्रशिक्षण की आवश्यकता अनुभव किया? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-515
 +
|type="()"}
 +
-लार्ड मिंटो
 +
-लार्ड सेलिसबटी
 +
+वारेन हेस्टिगस
 +
-लार्ड चाल्सवर्थ
 +
 
 +
{संचार को सुगम (आसान) बनाने के उपाय किसने बताए हैं? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-744
 +
|type="()"}
 +
-साइमन
 +
+चेस्टर बर्नाड
 +
-हेमेन
 +
-पुलमो
 +
 
 +
{[[1986]] में किस आयोग ने संयुक्त वार्तातंत्र का अनुमोहन किया एवं इसका कार्य संतोषजनक पाया? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-612
 +
|type="()"}
 +
-सरकारिया आयोग
 +
-केन्द्रीय वित्त आयोग
 +
+चतुर्थ वेतन आयोग
 +
-कोई नहीं
 +
 
 +
 
 +
 
 +
 
 +
 
 +
{[[राज्यपाल]] द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता है- (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-529
 +
|type="()"}
 +
-[[राज्य सरकार]] का
 +
-[[राष्ट्रपति]] का
 +
-केवल A
 +
+केन्द्रीय सरकार का
 +
 
 +
{निम्न में से किस अनुच्छेद में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए सीटों का प्रावधान है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-664
 +
|type="()"}
 +
-240 A
 +
+243 D
 +
-250
 +
-244
 +
 
 +
{[[सर्वोच्च न्यायालय]] को अभिलेख न्यायालय स्थान प्रदान करता है। (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-786
 +
|type="()"}
 +
-अनुच्छेद 121
 +
-अनुच्छेद 128
 +
+अनुच्छेद 129
 +
-अनुच्छेद 130
 +
 
 +
{समाजवादी नीति कौन-सा दल विश्वास रखता है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-914
 +
|type="()"}
 +
-पूंजीवादी दल
 +
-उदारवादी दल
 +
-उपर्युक्त दोनों
 +
+श्रमिक दल
 +
 
 +
{'The frontiers of public Administration' के रचयिता कौन है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-25
 +
|type="()"}
 +
+जे. एम. गौस
 +
-ड्वाड वाल्डो
 +
-मूने
 +
-टेलर
  
कारण-कार्य संबंध के न्याय सिद्धांत में कारण को प्रभाव के सहज<ref>बिना शर्त के</ref> और अपरिवर्तनीय पूर्ववर्ती के रूप में परिभाषित किया गया है। 'प्रभाव अपने कारण में पहले से अस्तित्व नहीं रखता है', इस परिणाम पर बल देने के कारण न्याय सिद्धांत सांख्य योग तथा वेदांती विचार धाराओं से भिन्न है। तीन प्रकार के कारणों का उल्लेख है-  
+
{व्यवस्था सिद्धांत निम्न में से किस पर आधारित है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-123
#अंतर्निहित या भौतिक कारण<ref>[[तत्त्व]], जिससे प्रभाव की उत्पत्ति होती है</ref>
+
|type="()"}
#ग़ैर अंतर्निहित कारण<ref>जो कारण की उत्पत्ति में सहायता करता है</ref>
+
-परस्पर नियंत्रण
#सक्षम कारण <ref>वस्तु, क्रिया या शक्ति, जो भौतिक कारण के उत्पादन में सहायता करती है</ref>।
+
-आत्मनिर्भरता
न्याय सिद्धांत में ईश्वर ब्रह्मांड का भौतिक कारण के उत्पादन में सहायता करती है। न्याय सिध्दांत में ईश्वर ब्रह्मांड का भौतिक कारण नहीं है, क्योंकि [[अणु]] और [[आत्मा|आत्माएं]] भी शाश्वत हैं। वह तो सक्षम कारण है।
+
+परस्पर निर्भरता
==न्याय दर्शन का स्थान==
+
-उपरोक्त सभी
आस्तिक दर्शनों में न्याय दर्शन का प्रमुख स्थान है। [[वैदिक धर्म]] के स्वरूप के अनुसन्धान के लिए न्याय की परम उपादेयता है। इसीलिए [[मनुस्मृति]] में श्रुत्यनुगामी तर्क की सहायता से ही धर्म के रहस्य को जानने की बात कही गई है। [[वात्स्यायन]] ने न्याय को समस्त विद्याओं का 'प्रदीप' कहा है। 'न्याय' का व्यापक अर्थ है- विभिन्न प्रमाणों की सहायता से वस्तुतत्त्व की परीक्षा<ref>प्रमाणैरर्थपरीक्षणं न्याय:। (वा.न्या.भा. 1/1/1)।</ref> प्रमाणों के स्वरूप वर्णन तथा परीक्षण प्रणाली के व्यावहारिक रूप के प्रकटन के कारण यह न्याय दर्शन के नाम से अभिहित है। न्याय का दूसरा नाम है आन्वीक्षिकी अर्थात अन्वीक्षा के द्वारा प्रवर्तित होने वाली विद्या। अन्वीक्षा का अर्थ है- [[प्रत्यक्ष]] या आगम पर आश्रित अनुमान अथवा प्रत्यक्ष तथा शब्द प्रमाण की सहायता से अवगत विषय का अनु-पश्चात ईक्षणपर्यालोचन - ज्ञान अर्थात अनुमति। अन्वीक्षा के द्वारा प्रवृत्त होने से न्याय विद्या आन्वीक्षिकी है।
 
  
भारतीय [[दर्शन शास्त्र|दर्शन]] के इतिहास में ग्रन्थ सम्पत्ति की दृष्टि से वेदान्त दर्शन को छोड़कर न्याय दर्शन का स्थान सर्वश्रेष्ठ है। विक्रम पूर्व ''पञ्चमशतक'' से लेकर आज तक न्याय दर्शन की विमल धारा अबाध गति से प्रवाहित है। न्याय दर्शन के विकास की दो धारायें दृष्टिगोचर होती हैं।
+
{"स्टाफ तथा सूत्र के बीच समंवय प्रशासन का एक सर्वाधिक कठिन क्षेत्र है।" किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-248
*प्रथम धारा [[सूत्रकार गौतम]] से आरम्भ होती है, जिसे षोडश पदार्थों के यथार्थ निरूपक होने से 'पदार्थमीमांसात्मक' प्रणाली कहते हैं। इस प्रथम धारा को 'प्राचीन न्याय' कहा जाता है। प्राचीन न्याय में मुख्य विषय 'पदार्थमीमांसा' है।
+
|type="()"}
*दूसरी प्रणाली को 'प्रमाणमीमांसात्मक' कहते हैं, जिसे [[गंगेशोपाध्याय]] ने 'तत्त्वचिन्तामणि' में प्रवर्तित किया। इस द्वितीय धारा को 'नव्यन्याय' कहते हैं और इस 'नव्यन्याय' में 'प्रमाणमीमांसा' वर्णित है।
+
-पिफनर
==न्यायसूत्र के रचयिता==
+
-मूनी एवं रेले
न्यायसूत्र के रचयिता का गोत्र नाम 'गौतम' और व्यक्तिगत नाम 'अक्षपाद' है। न्यायसूत्र पाँच अध्यायों में विभक्त है जिनमें प्रमाणादि षोडश पदार्थों के उद्देश्य, लक्षण तथा परीक्षण किये गये हैं। वात्स्यायन ने न्यायसूत्रों पर विस्तृत भाष्य लिखा लिखा है। इस भाष्य का रचनाकाल विक्रम पूर्व प्रथम शतक माना जाता है। न्याय दर्शन से सम्बद्ध 'उद्योतकर' का 'न्यायवार्तिक', 'वाचस्पति मिश्र' की 'तात्पर्यटीका', 'जयन्तभट्ट' की 'न्यायमञ्जरी', 'उदयनाचार्य' की 'न्याय-कुसुमाज्जलि', 'गंगेश उपाध्याय' की 'तत्त्वचिन्तामणि' आदि ग्रन्थ अत्यन्त प्रशस्त एवं लोकप्रिय हैं। न्याय दर्शन षोडश पदार्थो के निरूपण के साथ ही 'ईश्वर' का भी विवेचन करता है। न्यायमत में ईश्वर के अनुग्रह के बिना जीव न तो प्रमेय का यथार्थ ज्ञान पा सकता है और न इस जगत के दु:खों से ही छुटकारा पाकर मोक्ष पा सकता है। ईश्वर इस जगत की सृष्टि, पालन तथा संहार करने वाला है। ईश्वर असत पदार्थों से जगत की रचना नहीं करता, प्रत्युत परमाणुओं से करता है जो सूक्ष्मतम रूप में सर्वदा विद्यमान रहते हैं। न्यायमत में ईश्वर जगत का निमित्त कारण है, उपादान कारण नहीं। ईश्वर जीव मात्र का नियन्ता है, कर्मफल का दाता है तथा सुख-दु:खों का व्यवस्थापक है। उसके नियन्त्रण में रहकर ही जीव अपना कर्म सम्पादन कर जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य प्राप्त करता है।
+
+डिमॉक और कोइंग
{{seealso|न्यायसूत्र}}
+
-उपरोक्त कोई नहीं
==न्याय दर्शन पर आक्षेप==
 
यद्यपि प्राचीन काल से ही तर्कविद्या या हेतुशास्त्र की निन्दा भी शास्त्रों में देखी जाती है। अत: इसकी उपादेयता में सन्देह होना या इस शास्त्र के प्रति अनादर भाव का होना स्वाभाविक है।
 
*[[रामायण]] में कहा गया है कि क्या आप लोकायतिकों की सेवा करते हैं? ये तो अनर्थ करने में ही कुशल हैं। पाण्डित्य का दम्भ ही इनमें रहता है। धर्मशास्त्र के रहते हुए ये तर्क करके उन धर्मशास्त्रीय विषयों की उपेक्षा करते हैं और अभिमान में चूर रहते हैं।
 
  
<poem>काञ्चित् लोकायतिकान् ब्राह्मणांस्तात सेवसे।
+
{कौन-सा प्रशिक्षण भावी नागरिक सेवकों को तैयार करता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-516
अनर्थकुशला ह्येते बाला: पण्डितमानिन:॥
+
|type="()"}
धर्मशास्त्रेषु मुख्येषु विद्यमानेषु दुर्बुधा:।
+
-प्रवेशोत्तर प्रशिक्षण
बुद्धिमान्वीक्षिकीं प्राप्य निरर्थ प्रवदन्ति ते।<ref> ([[अयोध्या काण्ड वा. रा.|वाल्मीकि रामायण. अयोध्या काण्ड]] 100.38-39</ref></poem>
+
+प्रवेश-पूर्ण प्रशिक्षण
*[[महाभारत]] कहता है कि वेद निन्दक ब्राह्मण निरर्थक तर्कविद्या में अनुरक्त है।<ref>भवेत् पण्डितमानी च ब्राह्मणो वेदनिन्दक:।
+
-विभागीय प्रशिक्षण
आन्वीक्षिकीं तर्कविद्यामनुरक्तो निरर्थिकाम्॥ ([[अनुशासन पर्व महाभारत|अनुशासन पर्व]] 37.12</ref>
+
-कोई नहीं
*[[मनुस्मृति]] में कहा गया है कि हेतुशास्त्र का अवलम्बन कर जो [[ब्राह्मण]] [[वेद]] और [[मनुस्मृति|स्मृति]] की अवहेलना करे उसका परित्याग करना चाहिए।<ref>योऽवमन्येत ते मूले हेतुशास्त्राश्रयाद् द्विज:
 
स साधुर्भिर्बहिष्कार्यो नास्तिको वेदनिन्दक:॥ (मनु. 2.11)  
 
हेतुकान् वकवृत्तींश्च वाङ्मात्रेणापि नार्चयेत्। (मनु. 2.11</ref> तथापि यह मानना होगा कि नास्तिक न्यायविद्या के प्रसंग में ये सारी बातें कही गयी हैं। गौतमीय न्यायशास्त्र इस निन्दा का लक्ष्य नहीं है।
 
प्राचीन काल में आन्वीक्षिकी विद्या की दो परम्परायें रही होंगी। एक वेदानुगामिनी, जो परलोक और ईश्वर में विश्वास रखती रही और दूसरी केवल तर्क करने वाली परम्परा रही होगी। दूसरी परम्परा ने इसकी प्रक्रिया तो अपनायी किन्तु वह इसके हार्दिक अभिप्राय को नहीं पकड़ पायी या उसे छोड़ दिया। अत: युक्तिविद्या की इस दूसरी परम्परा की निन्दा और इसकी पहली परम्परा की अर्थात गौमतीय न्यायविद्या की प्रशंसा सर्वत्र शास्त्रों में की गयी है। ‘तर्काप्रतिष्ठानात्’ (2/1/11/) इस वेदान्तसूत्र का संकेत भी इसी ओर है। गौतमीयन्यायविद्या भगवान व्यास के लिए निन्द्य नहीं है। अतएव शंकर भगवत्पाद ने वेदान्तसूत्र के भाष्य में प्रमाण के रूप में न्याय दर्शन के द्वितीय सूत्र का उपयोग किया है।<ref>द्र. शाङ्करभाष्य 1/1/4/</ref> यह संभव भी नहीं है कि एक ही ग्रन्थ में एक ही लेखक एक ही शास्त्र की प्रशंसा और निन्दा एक साथ करे।
 
====अवयवी की सिद्धि में युक्तियाँ====
 
परमाणु की सिद्धि की प्रक्रिया ही अवयवी द्रव्य की सिद्धि करती है। अवयवी का व्युत्पत्तिलभ्य अर्थ होता है सावयव पदार्थं इसके तीन प्रकार कहे गये हैं-  
 
#आद्यावयवी यथा द्व्यणुक
 
#अन्तरावयवी यथा त्रसरेणु, चतुरणुक, कपालिका तथा कपाल आदि 
 
#अन्त्यावयवी यथा घट, पट आदि।
 
[[बौद्ध दर्शन|बौद्ध दार्शनिक]] को छोड़कर प्राय: सभी दार्शनिक अवयवी को स्वीकार करते हैं। अत: बौद्ध दार्शनिक के समक्ष अवयवी को उपपन्न करने के लिए नैय्यायिकों ने सफल प्रयास किया है। बौद्धों का कहना है कि परमाणुओं के समूह से ही किसी पदार्थ की स्थूलता या महत्परिमाण उपपन्न हो जाएगा, अवयवी मानने की आवश्यकता क्या है ! परमाणु के अप्रत्यक्ष होने पर भी उसके समूह में प्रत्यक्षता आ जाएगी जैसे एक बाल के प्रत्यक्ष नहीं होने पर भी उसके समूह का प्रत्यक्ष होता है। पदार्थ में एकत्व बुद्धि की उपपत्ति हेतु भी अवयवी मानना आवश्यक नहीं है। जैसे धान के ढेर में एकत्व बुद्धि होती है उसी तरह यहाँ भी वह बुद्धि हो जाएगी । इसके उत्तर में नैय्यायिकों ने कहा है कि बाल का दृष्टान्त यहाँ नहीं संघटित होता है, क्योंकि दूर से एक बाल के प्रत्यक्ष नहीं होने पर भी निकट में उसका प्रत्यक्ष होता है और परमाणु तो दूरस्थ हो या निकटस्थ सर्वत्र वह अतीन्द्रिय ही है। अत: इसके समूह का भी प्रत्यक्ष नहीं होगा। यही कारण है कि तीन द्व्यणुकों से त्रसरेणु की उत्पत्ति कही गयी है छह परमाणुओं से नहीं। न्यायसूत्रकार ने स्पष्ट कहा है कि अवयवी के नहीं मानने पर किसी भी प्रत्यक्ष योग्य पदार्थ का प्रत्यक्ष नहीं होगा- 'सर्वाग्रहणमवयव्यसिद्धै:' (2/1/35) दूसरी बात यह है कि धारणा और आकर्षण अवयवी में ही उत्पन्न होते हैं। अन्यथा किसी काष्ठ खण्ड या घट आदि के एक देश के धारण और आकर्षण होने पर उसके समुदाय का धारण और आकर्षण नहीं होगा। परमाणु स्वरूप जो अंश धारित या आकृष्ट होगा उसी अंश का धारण और आकर्षण होगा सम्पूर्ण का नहीं। क्योंकि अंशी या अवयवी पदार्थ स्वीकृत नहीं है। इसलिए परमाणुपुंज से भिन्न उक्त प्रक्रिया के द्वारा परमाणुओं से ही गठित अवयवी द्रव्य अवश्य मान्य है। ‘धारणाकर्षणोपपत्तेश्च’ 2/1/36। न्यायसूत्र का यही तात्पर्य है।
 
====ईश्वरसिद्धि====
 
{{main|न्यायसूत्र में ईश्वर का अस्तित्व}}
 
ऐसा प्रतीत होता है कि न्यायसूत्रकार के समक्ष ईश्वर विवेच्य विषय नहीं था अपितु उपास्य के रूप में वह प्रसिद्ध था। ईश्वर के अस्तित्व में किसी को सन्देह नहीं थां अत एव सूत्रकार ने इस पर अपना मन्तव्य प्रस्तुत नहीं किया है। अन्यथा ऋषि की दृष्टि से इसका ओझल होना असंभव है। प्रावादुकों के मत के प्रसंग में जो ईश्वर के विषय में तीन सूत्र उपलब्ध होते हैं, वे तो निराकरणीय मतों के मध्य विद्यमान है। अतएव उनका महत्त्व अधिक नहीं माना जा सकता। उसका आशय तो कुछ भिन्न ही प्रतीत होता है। वार्त्तिक एवं तात्पर्य टीका में यहाँ मतभेद है। एक केवल ईश्वरकारणतावाद को पूर्वपक्ष के रूप में लेता है तो अपर ईश्वर में अभिन्न निमित्त उपादान कारणतावाद को पूर्वपक्ष रूप में स्वीकार करता है। यह मतभेद प्रमाणित करता है कि सम्प्रदाय में ईश्वरवाद प्रचलित नहीं था। किन्तु पूर्वपक्षी के रूप में [[बौद्ध दर्शन|बौद्ध]], [[मीमांसा दर्शन|मीमांसक]] एवं अन्य दार्शनिकों के खड़ा होने पर [[आचार्य उदयन]] ने उनके मुखविधान हेतु एक विशाल प्रकरण ग्रन्थ भी प्रस्तुत किया, व्याख्यामुखेन इसका उपपादन तो किया ही। वही प्रकरण ग्रन्थ है न्यायकुसुमांजलि, जिसकी व्याख्या एवं उपव्याख्याएँ इस वर्तमान शताब्दी में भी लिखी जा रही हैं। सबसे पहले ईश्वर के विषय में भाष्यकार के समक्ष बौद्ध आदि की ओर से समस्या आयी होगी। अत: इन्होंने इसका समाधान किया है।
 
  
==आरम्भवाद==
+
{संचार को प्रभावशाली बनाने के लिए कितने तत्त्वों पर बल दिया गया है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-745
आचार्य उद्योतकर ने इसका संयुक्तिक पल्लवन किया है। इनकी दृष्टि में ईश्वर इस संसार का निमित्त कारण तथा अदृष्ट का अधिष्ठाता है। न्यायदर्शन का आरम्भवाद प्रसिद्ध है, जहाँ चारों महाभूतों के परमाणु समूह को परम्परया संसार का समवायि (उपादान) कारण कहा गया है। कर्मों की सहायता से ईश्वर परमाणुओं के द्वारा सभी कार्यों को उत्पन्न करता है। अतएव वह निमित्त कारण है। जिस जीव के जिस कर्म का विपाक काल आता है, उस जीव को उस कर्म के अनुसार वह इस संसार में फल देता है- यही है ईश्वर का अनुग्रह। ईश्वर का ऐश्वर्य नित्य है, वह धर्म का (पूर्वकृत कर्म का) फल नहीं है। ईश्वर की संख्या, परिमाण, पृथक्त्व, संयोग, विभाग और बुद्धि – ये छह गुण नित्य विद्यमान रहते हैं। इसमें अक्लिष्ट तथा अव्याहत इच्छा भी है। यह शरीरी नहीं है।
+
|type="()"}
==परमाणुओं की क्रिया ==
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-10
परमाणुओं में जो क्रिया देखी जाती है, वह प्रवृत्ति के पहले बुद्धिमान कर्ता से अधिष्ठित है। बुद्धिमान के अधिष्ठान के बिना अचेतन में क्रिया नहीं होती है। बढ़ई के अधिष्ठान के बिना कुल्हाडी लकड़ी को नहीं काट पाती है। अत: अचेतन परमाणुओं में क्रिया देखकर अनुमान होता है कि वह किसी चेतन से अधिष्ठित है। हम लोग उस क्रिया का अधिष्ठाता नहीं हो सकते हैं। क्योंकि अधिष्ठाता को अधिष्ठेय का प्रत्यक्ष ज्ञान आवश्यक है। परमाणुओं में महत्त्व के अभाव रहने से मानव इन्द्रियों से उसका प्रत्यक्ष संभव नहीं है। अत: अतीन्द्रिय परमाणुओं का प्रत्यक्ष करने वाला, हम लोगों से भिन्न, बुद्धिमान ईश्वर परमाणुओं की क्रिया का अधिष्ठाता सिद्ध होता है। धर्म और अधर्म बुद्धिमान कारण से अधिष्ठित होकर जीव को सुख एवं दु:ख का उपभोग कराते हैं। चूँकि धर्म और अधर्म करण है और करण किसी चेतन से अधिष्ठित होकर ही कार्य कर सकता है। अत: उसका अधिष्ठाता ईश्वर माना गया है और जीव उसका आश्रय होता है।
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{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
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{किस अधिनियम के तहत [[अमरीका]] में 'सरकार के कर्मचारियों या सरकार के किन्हीं अभिकरणों के कर्मचारियों द्वारा जिनमें सरकारी निगम भी सम्मिलित हैं, सरकार के विरुद्ध हड़ताल करना अवैध घोषित किया गया है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-613
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
+
|type="()"}
<references/>
+
+श्रम प्रबंध संबंध (टाफ्ट हर्टले) अधिनियम, [[1947]]
==संबंधित लेख==
+
-श्रम अधिनियम [[1946]]
{{संस्कृत साहित्य}}{{दर्शन शास्त्र}}
+
-प्रबंध अधिनियम [[1944]]
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-उपरोक्त कोई नहीं
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13:04, 10 मार्च 2017 के समय का अवतरण

1 किस अनुच्छेद के तहत कहा गया है कि "राज्यपाल अन्य कोई लाभ का पद धारण नहीं करेगा"? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-520

157 (1)
158 (2)
156 (2)
160 (1)

2 "नौकरशाही पंचायत स्तर पर अपनी सत्ता के प्रतिनिधियों की भागीदारी नहीं चाहती। वह इसे अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं पाती।" निम्न में से यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-655

मैल्स वेबर
जवाहरलाल नेहरू
भीमराव आम्बेडकर
डॉ. बी.एस. भार्गव

3 संविधान का कौन-सा अनुच्छेद तदर्थ न्यायधीशों की नियुक्ति से सम्बन्धित है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-777

अनुच्छेद 125
अनुच्छेद 124
अनुच्छेद 127
अनुच्छेद 130

4 "दल प्रणाली किसी देश के राजनीतिक जीवन को यंत्रवंत जड़ बना देती है।" निम्न में से यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-905

हेरोल्ड लास्की
गिलक्राइस्ट
अरस्तु
कार्ल मार्क्स

5 "लोक प्रशासन से अभिप्राय उन क्रियाओं से है, जो केन्द्र, राज्य तथा स्थानीय कार्यपालिका शाखाओं द्वारा सम्पादित की जाती है।" यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-16

थिओफ़्रैस्टस
चेस्टर बर्नार्ड
एच. साइमन
सुकरात

6 रिग्स के मॉडल में औद्योगिक (Industrial) मॉडल का प्रतिनिधित्व निम्न में से कौन करता है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-114

अमरीका
चीन
भारत
इनमें से कोई नहीं

7 निम्न में से किसका लक्ष्य विज्ञान और वैज्ञानिक विश्लेषण का एकीकरण था? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-239

व्यवस्था सिद्धांत
आगत-निर्गत सिद्धांत
निर्णय-निर्माण सिद्धांत
उपरोक्त सभी

8 ग्रेट ब्रिटेन में बजट अनुमानों का कार्य कब से आरम्भ होता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-861;प्रश्न-823

1 जून
1 मार्च
1 सितम्बर
1 अक्टूबर

9 "दो दल राष्ट्रीय सुख और कर्त्तव्य के लिए अनेक दलों की तुलना में अच्छे होते हैं।" यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-691;प्रश्न-278

ब्राइस
मोरिस जोन
फाइनर
बर्क

10 वह कौन-सा निकाय है, जो सरकारी कर्मचारियों से संबंधित सामान्य बातों पर विचार करता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-604

विभागीय परिषद
संयुक्त वार्ता तंत्र
राष्ट्रीय परिषद
इनमें से कोई नहीं

11 बजट पारित करने सम्बंधी संसदीय अधिकारों का उल्लेख संविधान में कहाँ तक है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-861;प्रश्न-821

112 से 117 तक
112 से 127 तक
112 से 130 तक
112 से 137 तक

12 पंचायती राज संस्थाओं को 'संवैधानिक दर्जा' किस संविधान संशोधन में दिया गया है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-656

74वाँ संविधान संशोधन
80वाँ संविधान संशोधन
93वाँ संविधान संशोधन
73वाँ संविधान संशोधन

13 सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीशों को कौन शपथ दिलाता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-778

राष्ट्रपति
मुख्य न्यायधीश
उपराष्ट्रपति
उपर्युक्त कोई नहीं

14 "राजनीतिक दल वह समुदाय है जिसका संगठन किसी विशेष सिद्धांत या नीति के समर्थन के लिए हुआ हो, जो संवैधानिक उपायों का सहारा लेकर इस सिद्धांत अथवा नीति को सरकार का आधार बनाने का प्रयत्न करता हो।" निम्न में से यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-906

मैकाइवर
लॉर्ड ब्रॉइस
गौटिल
उपर्युक्त में से कोई नहीं

15 लोक प्रशासन शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसके द्वारा किया गया? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-17

हैमिल्टन
एल. डी. ह्वाइट
चेस्टर बर्नार्ड
टेलर

16 तीन बीघा भूमि' किस स्थान पर स्थित है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.942.प्रश्न-908

भारत-बांग्लादेश सीमा पर
भारत-पाक सीमा पर
भारत-श्रीलंका के मध्य
पाक-जम्मू कश्मीर के मध्य

17 ड्वाइट वाल्डो के अनुसार कौन-सा वर्ष लोक प्रशासन के पुराने और नये उपागमों के बीच विभाजन का वर्ष था? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-240

1950
1931
1930
1940

18 'राजस्थान सिविल सेवा' के प्रशिक्षार्थियों को कहाँ प्रशिक्षित किया जाता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-508

एल.ए.एस. गंगा नगर
ओ.टी.एस. जयपुर
काजरी (CAZRI) जोधपुर
इनमें से कोई नहीं

19 "संचार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति की सूचनाएँ एवं समझ हस्तांतरित करने की प्रक्रिया है।" यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-737

थियो हैमन
साइमन
चेस्टर बर्नार्ड
पुलमोर

20 निम्न में से किस देश में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल अवैध है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-605

जापान
ऑस्ट्रेलिया
स्विट्जरलैण्ड
उपरोक्त सभी

21 विधान सभा में राज्यपाल द्वारा आंग्ल-भारतीय समुदाय के कितने व्यक्ति नियुक्त किए जा सकते हैं? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-522

चार (4)
दो (2)
तीन (3)
पाँच (5)

22 73वें संविधान संशोधन में यह प्रावधान किन राज्यों के लिए किया गया कि वहाँ की पंचायतें द्विस्तरीय होंगी?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-657

जिनकी जनसंख्या 20 लाख से कम हो
जिनकी जनसंख्या 20 लाख से अधिक हो
जिनकी जनसंख्या 1 करोड़ से कम हो
उपर्युक्त में से कोई नहीं

23 संविधान के किस अनुच्छेद में सर्वोच्च न्यायालय के प्रारंभिक क्षेत्राधिकार का वर्णन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-779

अनुच्छेद 130
अनुच्छेद 129
अनुच्छेद 135
अनुच्छेद 131

24 "पोलिटिकल पार्टिज एण्ड इंटिग्रेशव इन ट्रॉपिकल अफ़्रीका" निम्न में से किसकी कृति है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-907

फ्रेड्रिक
न्यूमैन
जे.ए. कोलमेन
बर्क

25 "प्रशासन राजनीति है, अत: इसे जनहित के प्रति जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।" निम्न में से यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-18

लास्की
माओ
स्वार्जबर्जर
पाल एपलबी

26 रिग्स ने समपार्श्वीय समाज (prismatic society) की उप-आर्थिक व्यवस्था को.... का नाम दिया है। (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-116

साला
इंडस्ट्रिया
बाजार कैंटीन मॉडल
उपरोक्त सभी

27 प्रशासन में 'मानव संबंधी अवधारणा' का विकास किस दशक में हुआ? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-241

1940
1935
1930
1950

28 भारतीय रेल सेवा के लिए प्रशिक्षण कहाँ दिया जाता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-509

नागपुर
बड़ौदा
अजमेर
दिल्ली

29 संचार प्रक्रिया के प्रमुख तत्त्व हैं।(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-738

प्राप्तकर्ता
माध्यम
सूचना
उपरोक्त सभी

30 "लोक सेवा विनियमों द्वारा हड़ताल के निषेध को न तो तर्कशास्त्र और न राजनीतिक दर्शन के आधार पर न्याय संगत ठहराया जा सकता है" किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-606

डिमॉक
डबल्यू. एफ. मोशर
पर्सी मैक्वीन
पीटर ड्रकर

31 क्या राज्यपाल, राष्ट्रपति की भांति किसी के मृत्यु दण्डादेश को माफ़ कर सकता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-523

हां
कुछ मामलों में
नहीं
उपर्युक्त कोई नहीं

32 73 वां संविधान संशोधन राष्ट्रपति द्वारा कब स्वीकार किया गया? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-658

20 अप्रैल, 1993
20 मार्च, 1994
1 अप्रैल, 1993
1 जनवरी, 1992

33 सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायधीशों की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-780

संसद
मुख्य न्यायधीश के परामर्श से राष्ट्रपति द्वारा
मंत्रिपरिषद
उपर्युक्त कोई नहीं

34 "स्वतंत्र राजनीतिक दल का लोकतंत्रीय सरकार का दूसरा नाम है" निम्न में से किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-908

प्रो. मुनरो
बर्क
प्रो. न्यूमैन
मैकानवर

35 "प्रशासन का संबंध कार्यों को सम्पन्न करने से है, जिसके लिए निर्धारित लक्ष्य पूरे हो सके।" किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-19

उर्विक
गुलिक
टेलर
मैकाइवर

36 'Comparative public Administration' किसकी रचना है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-117

आर. के. अरोड़ा
रिग्स
वाइडनर
गोस्वामी

37 "यह (प्रबंध) संहिता परमावश्यक है। चाहे यह वाणिज्य हो, उद्योग, राजनीति, धर्म, युद्ध अथवा उदारता हो, प्रत्येक क्षेत्र में प्रबंध का कार्य किया जाता है और इसके निष्पादन हेतु सिद्धांत होने चाहिए....।" किसका मत है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-242

टेलर
मार्क्स
फेयोल
वेबर

38 किस समिति ने भारतीय विदेश सेवा के प्रशिक्षण के लिए 3 वर्ष की अवधि निर्धारित की थी? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-510

पिल्लेई कमेटी
प्रशासनिक समिति
के. संथानम समिति
कोई नहीं

39 निम्न में से किसके लिए संचार महत्त्वपूर्ण है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-739

नियोजन
उत्प्रेरण
समंवय
उपरोक्त सभी

40 केन्द्रीय सरकार ने किस वर्ष सरकार के कार्यकारी आदेश के अंतर्गत पुलिस संगठन (SPE) का गठन किया गया था? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-607

1941
1947
1948
[[[1950]]

41 राज्य के मुख्यमंत्री की नियुक्ति की जाती है। (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-524

राष्ट्रपति
प्रधानमंत्री
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
राज्यपाल द्वारा

42 "ग्राम पंचायतों में गणतंत्र के समस्त गुण पाये जाते हैं। जिन चीजों की रक्षा की सम्भावना कहीं नहीं थी, उनकी रक्षा इन ग्राम पंचायतों द्वारा हुई। ग्राम पंचायतों के संगठन की वजह से ही प्रत्येक गांव एक छोटे राष्ट्र की भांति हैं।" निम्न में से किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-659

गांधी
सर चार्ल्स मेटकाफ
नेहरू
सरदार पटेल

43 सर्वोच्च न्यायालय के किसी न्यायधीश के विरूद्ध महाभियोग प्रस्ताव पारित हो जाने पर उसे पदभुक्ति का आदेश कौन देता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-781

राष्ट्रपति
प्रधानमंत्री
संसद
उपर्युक्त कोई नहीं

44 "भारत में दलों की संख्या इतनी अधिक है कि ये न केवल प्रजातंत्र के लिए हानिकारक हैं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र के अस्तित्व के लिए भी खतरनाक है।" निम्न में से यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-909

आर. ए. गोपालस्वामी
लास्की
गिलक्राइस्ट
गैटिल

45 'Administrative State' नामक पुस्तक किसने लिखी? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-20

वुडरो विल्सन
विंसेंट डी. गार्ने
ड्वाइड वाल्डो
उपरोक्त कोई नहीं

46 "तुलनात्मक लोक प्रशासन तुलनात्मक आधार पर लोक प्रशासन का अध्ययन है।" किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-118

आर.के. अरोड़ा
निभरोड राफाली
एप्टर
राबर्ट डहल

47 प्रबंध क्रांति का आरम्भ निम्नलिखित में से किस देश में हुआ? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-243

अमरीका
ब्रिटेन
भारत
फ़्राँस

48 निम्न में से किस विद्वान ने सिफारिश की थी कि भारतीय उच्च सेवाओं के लिए फ़्राँस की तरह ही 3 वर्ष की प्रशिक्षण अवधि होनी चाहिए? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-511

एन. पालखीवाला
टेकचन्द दमिति
कृपलानी समिति
अशोक चन्दा

49 किसी प्रशासनिक प्रणाली की उप प्रणालियों को जोड़ने वाले 'थ्रुपुटस' में क्या नहीं है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-740

निर्णय
संतुलन
प्रक्रिया
संचार

50 भारत में किस वर्ष केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए संयुक्त वार्तातंत्र तथा अनिवार्य पंच निर्णय की योजना प्रारम्भ की गयी? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-608

1950
1957
1966
1965

51 संविधान के किस अनुच्छेद के तहत मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति का प्रावधान है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-525

अनुच्छेद 165 (1)
अनुच्छेद 160(2)
अनुच्छेद 155 (2)
अनुच्छेद 164 (1)

52 निम्न में किन दो स्तरों की सिफारिश अशोक मेहता समिति ने की थी? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-660

मंडलीय पंचायत तथा जिला परिषद
पंचायत समिति तथा जिला परिषद
मंडलीय समिति तथा जिला परिषद
उपरोक्त में से कोई नहीं।

53 सर्वोच्च न्यायालय का प्रथम मुख्य न्यायधीश कौन था? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-782

हीरालाल जे. कीनिया
जस्टिस भगवती
वेंकट चलैया
उपरोक्त कोई नहीं

54 राजनीतिक दल ऐसे लोगों का समूह होता है, जो किसी सिद्धांत के आधार पर जिस पर वे एकमत हो अपने सामूहिक प्रयत्नों द्वारा जनता के हित में काम करने के लिए एकता में बंधे हैं। (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-910

लास्की
प्यूरिटस
न्यूमैन
बर्क

55 लोक प्रशासन में (POSDCORB) शब्द किसकी देन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-21

फेयोल
उर्विक
गुलिक
माओ

56 आगत-निर्गत से सम्बन्धित सिद्धांत.... है। (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-119

परिस्यितिय सिद्धांत
मानव सम्बन्ध सिद्धांत
व्यवस्था सिद्धांत
उपरोक्त कोई नहीं

57 "जब व्यक्तियों का अवलोकन किया जाता है तो उनका व्यवहार बदल जाता है।" किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-244

रोथलिज बर्जर
हजबर्ग
मायो
उपरोक्त सभी

58 किसने कम्पनी के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए कलकत्ता में पोर्ट विलियम कालेज की स्थापना की? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-512

लार्ड वेलेजली
लार्ड मिंटो
लार्ड क्लाइव
लार्ड मार्ले

59 सम्प्रेषण का प्रमुख लक्षण कौन-सा है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-741

'यह द्विपक्षीय होता है।
यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है
दो व्यक्तियों के मध्य विचारों का आदान-प्रदान
उपरोक्त सभी।

60 भारत में किस आयोग ने सन 1969 में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल पर कानूनी रोक लगाने की सिफारिश की थी? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-609

संथानम समिति
प्रशासनिक सुधार आयोग
टेकचन्द्र समिति
मालीमथ समिति

61 मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों को पद की शपथ दिलाई जाती है। (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-526

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा
राष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति
राज्यपाल द्वारा।

62 "गांवों के लोगों को अधिकार सौंपना चाहिए। उनको काम करने दो, चाहें वे हज़ारों गलतियां करें, इससे घबराने की जरुरत नहीं पंचायतों को अधिकार दो।" निम्न में से किसका कथन है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-661

महात्मा गांधी
सरदार पटेल
विवेकानन्द
जवाहरलाल नेहरू

63 सर्वोच्च न्यायालय में न्यायिक कार्यों हेतु किस भाषा को प्रयोग में लाया जाता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-783

हिन्दी
अंग्रेज़ी
उपरोक्त दोनों
उपुर्यक्त कोई नहीं

64 "दो दल राष्ट्रीय सुख और कर्त्तव्य के लिए अनेक दलों की तुलना में अच्छे होते हैं।" निम्न में से किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-911

ब्राइस
फाइनर
मैकाइवर
कोलमेन

65 लोक प्रशासन के विकास का प्रथम चरण 1887 से....(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-22

1930
1926
1901
1924

66 संगठन के व्यवस्था उपागम के प्रतिपादक का नाम.... है। (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-120

चेस्टर बर्नार्ड
साइमन
आमण्ड
ईस्टन

67 पिफनर ने स्टाफ के कितने कार्यों का उल्लेख किया है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-245

2
3
4
7

68 कार्यालय के अन्दर ही अगर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए तो उसे क्या कहा जाता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-513

केन्द्रीय प्रशिक्षण
कार्यालयी प्रशिक्षण
अंत:विभागीय प्रशिक्षण
विभागीय प्रशिक्षण

69 वह व्यक्ति जिसे दूसरे व्यक्ति को एक विशिष्ट संदेश देना है, उसे क्या कहा जाता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-742

संदेश
संप्रेषक
वाहक
संकेतन

70 केन्द्रीय सतर्कता आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति कौन करता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-610

प्रधानमंत्री
राष्ट्रपति
गृहमंत्री
वित्तमंत्री

71 राज्यपाल द्वारा निम्न में से किसकी नियुक्ति नहीं की जाती? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-527

मुख्यमंत्री की
राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की
मंत्रियों की
उपर्युक्त कोई नहीं।

72 किस राज्य की ज़िला परिषद सबसे शाक्तिशाली है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-662

महाराष्ट्र
गुजरात
उत्तर-प्रदेश
मध्य प्रदेश

73 किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श ले सकता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-784

अनुच्छेद 141
अनुच्छेद 143
अनुच्छेद 130
अनुच्छेद 142

74 "थोड़ों के काम के लिए अनेक का पागलपन ही दल व्यवस्था है।" निम्न में से यह किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-912

अलैक्जेण्डर पोप
बर्क
लार्ड ब्राइस
लास्की

75 निम्न में से आधुनिक लोक प्रशासन के जनक के रूप में किसको जाना जाता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-23

वुडरो विल्सन
एल.डी. ह्वाइट
अरस्तु

76 "संगठन एक व्यवस्था है, जिसका निर्माण विभिन्न उप-व्यवस्थाओं से मिलकर होता है।" किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-121

रिग्स
कैपलान
बर्नार्ड
लुण्ड बर्ग

77 किस प्रकार के संगठन में यह स्वीकार किया गया है कि विशेषज्ञों का सूत्र के निम्न अधिकारियों पर नियंत्रण होना चाहिए? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-246

औपचारिक संगठन
कार्यात्मक संगठन
केन्द्रीकृत संगठन
उपरोक्त सभी

78 विशेष तकनीक या जटिल कानून व्यवस्था का प्रशिक्षण.... कहलाता है। (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-514

सैण्डविच प्रशिक्षण
कौशल्य प्रशिक्षण
A+B
कोई नहीं

79 ग्रेपवाइन या कानाकूसी संप्रेषण की कौन-सी श्रेणी है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-743

विसमतलीय
अनौपचारिक
औपचारिक
समतलीय।

80 "ऐसी हड़ताल, जो समुदाय के किसी प्रमुख हित के लिए सीधा तत्काल निश्चित तथा सम्भीर संकट उत्पादन करने वाली हो, कानून द्वारा निषिद्ध कर देना चाहिए।" किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-611

लियोनार्ड ह्वाइट
एपलबी
डिमॉक
मार्टिन

81 क्या राज्य की विधायिका को महाभियोग के द्वारा राज्यपाल को पदच्युत करने का अधिकार है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-528

हां
नहीं
कुछ परिस्थितियों में
उपर्युक्त कोई नहीं।

82 "मैं पंचायती राज के प्रति पूर्णत: आशान्वित हूँ कि भारत के संदर्भ में यह बहुत कुछ मौलिक एवं क्रांतिकारी हैं।" निम्न में से किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-663

जवाहर लाल नेहरू
महात्मा गांधी
अम्बेडकर
दयानन्द

83 सर्वोच्च न्यायालय में प्रथम महिला न्यायधीश कौन थी? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-785

श्री मति विजय लक्ष्मी पड़ित
मीरा साहिब फातिमा बीवी
सरोजनी नायडु
उपर्युक्त कोई नहीं।

84 'दल विहीन लोकतंत्र' की बात किसने कही है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-913

अरस्तु
प्यूरिटस
प्लेटो
बर्क

85 एक विषय के रूप में लोक प्रशासन का जन्म किस देश में हुआ? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-24

भारत में
इंग्लैण्ड में
अमरीका में
मिस्र में

86 बर्नार्ड संगठन को एक.... मानता है- (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-122

सामाजिक व्यवस्था
राजनीतिक व्यवस्था
आर्थिक व्यवस्था
सहकारी व्यवस्था

87 भारत में निम्न में से कौन स्टाफ अभिकरण का उदाहरण नहीं है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-247

मंत्रालय
मंत्री मण्डलीय सचिवालय
योजना आयोग
उपरोक्त सभी

88 ब्रिटिश काल में सबसे पहले किसने प्रशिक्षण की आवश्यकता अनुभव किया? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-515

लार्ड मिंटो
लार्ड सेलिसबटी
वारेन हेस्टिगस
लार्ड चाल्सवर्थ

89 संचार को सुगम (आसान) बनाने के उपाय किसने बताए हैं? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-744

साइमन
चेस्टर बर्नाड
हेमेन
पुलमो

90 1986 में किस आयोग ने संयुक्त वार्तातंत्र का अनुमोहन किया एवं इसका कार्य संतोषजनक पाया? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-612

सरकारिया आयोग
केन्द्रीय वित्त आयोग
चतुर्थ वेतन आयोग
कोई नहीं

91 राज्यपाल द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता है- (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-757प्रश्न-529

राज्य सरकार का
राष्ट्रपति का
केवल A
केन्द्रीय सरकार का

92 निम्न में से किस अनुच्छेद में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए सीटों का प्रावधान है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-765प्रश्न-664

240 A
243 D
250
244

93 सर्वोच्च न्यायालय को अभिलेख न्यायालय स्थान प्रदान करता है। (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-772प्रश्न-786

अनुच्छेद 121
अनुच्छेद 128
अनुच्छेद 129
अनुच्छेद 130

94 समाजवादी नीति कौन-सा दल विश्वास रखता है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-780प्रश्न-914

पूंजीवादी दल
उदारवादी दल
उपर्युक्त दोनों
श्रमिक दल

95 'The frontiers of public Administration' के रचयिता कौन है?(यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-811प्रश्न-25

जे. एम. गौस
ड्वाड वाल्डो
मूने
टेलर

96 व्यवस्था सिद्धांत निम्न में से किस पर आधारित है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-817प्रश्न-123

परस्पर नियंत्रण
आत्मनिर्भरता
परस्पर निर्भरता
उपरोक्त सभी

97 "स्टाफ तथा सूत्र के बीच समंवय प्रशासन का एक सर्वाधिक कठिन क्षेत्र है।" किसका कथन है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-824प्रश्न-248

पिफनर
मूनी एवं रेले
डिमॉक और कोइंग
उपरोक्त कोई नहीं

98 कौन-सा प्रशिक्षण भावी नागरिक सेवकों को तैयार करता है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-841प्रश्न-516

प्रवेशोत्तर प्रशिक्षण
प्रवेश-पूर्ण प्रशिक्षण
विभागीय प्रशिक्षण
कोई नहीं

99 संचार को प्रभावशाली बनाने के लिए कितने तत्त्वों पर बल दिया गया है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-856प्रश्न-745

10
7
8
5

100 किस अधिनियम के तहत अमरीका में 'सरकार के कर्मचारियों या सरकार के किन्हीं अभिकरणों के कर्मचारियों द्वारा जिनमें सरकारी निगम भी सम्मिलित हैं, सरकार के विरुद्ध हड़ताल करना अवैध घोषित किया गया है? (यूजीसी राजनीतिशास्त्र,पृ.सं.-848प्रश्न-613

श्रम प्रबंध संबंध (टाफ्ट हर्टले) अधिनियम, 1947
श्रम अधिनियम 1946
प्रबंध अधिनियम 1944
उपरोक्त कोई नहीं