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− | '''वत्सराज''' सम्राट की उपाधी धारण करने वाला [[गुर्जर प्रतिहार वंश]] का पहला शासक था। इसे प्रतिहार साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक कहा जाता है। | + | '''वत्सराज''' राष्ट्रकूट नरेश [[ध्रुव धारावर्ष]] का समकालीन था। वह 'सम्राट' की उपाधी धारण करने वाला [[गुर्जर प्रतिहार वंश]] का पहला शासक था। इसे प्रतिहार साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक कहा जाता है। |
− | *[[नागभट्ट प्रथम]] के दो भतीजे 'कक्कुक' एवं 'देवराज' के शासन के बाद | + | |
+ | *[[नागभट्ट प्रथम]] के दो भतीजे 'कक्कुक' एवं 'देवराज' के शासन के बाद देवराज का पुत्र वत्सराज (783-795 ई.) गद्दी पर बैठा। | ||
*वत्सराज के समय में ही [[कन्नौज]] के स्वामित्व के लिए त्रिदलीय संघर्ष आरम्भ हुआ। | *वत्सराज के समय में ही [[कन्नौज]] के स्वामित्व के लिए त्रिदलीय संघर्ष आरम्भ हुआ। | ||
− | * | + | *[[राजस्थान]] के मध्य भाग एवं [[उत्तर भारत]] के पूर्वी भाग को जीतकर वत्सराज ने अपने राज्य में मिला लिया। |
− | *उसने [[पाल वंश]] के शासक [[धर्मपाल]] को भी पराजित किया, पर वह [[राष्ट्रकूट वंश|राष्ट्रकूट]] नरेश [[ध्रुव]] से पराजित हुआ। | + | *उसने [[पाल वंश]] के शासक [[धर्मपाल]] को भी पराजित किया, पर वह [[राष्ट्रकूट वंश|राष्ट्रकूट]] नरेश [[ध्रुव धारावर्ष|ध्रुव]] से पराजित हुआ। |
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08:20, 14 जुलाई 2016 के समय का अवतरण
वत्सराज राष्ट्रकूट नरेश ध्रुव धारावर्ष का समकालीन था। वह 'सम्राट' की उपाधी धारण करने वाला गुर्जर प्रतिहार वंश का पहला शासक था। इसे प्रतिहार साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक कहा जाता है।
- नागभट्ट प्रथम के दो भतीजे 'कक्कुक' एवं 'देवराज' के शासन के बाद देवराज का पुत्र वत्सराज (783-795 ई.) गद्दी पर बैठा।
- वत्सराज के समय में ही कन्नौज के स्वामित्व के लिए त्रिदलीय संघर्ष आरम्भ हुआ।
- राजस्थान के मध्य भाग एवं उत्तर भारत के पूर्वी भाग को जीतकर वत्सराज ने अपने राज्य में मिला लिया।
- उसने पाल वंश के शासक धर्मपाल को भी पराजित किया, पर वह राष्ट्रकूट नरेश ध्रुव से पराजित हुआ।
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