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[[चित्र:Holi-karnataka.jpg|thumb| महाराजा होली खेलते हुए, [[कर्नाटक]]]]
 
[[भारत]] के [[कर्नाटक]] में [[होली]] के पूर्व को '''कामना हब्बा''' के रूप में मनाया जाता है। कहते है इसी दिन [[शिव|भगवान शिव]] ने [[कामदेव]] को अपने तीसरे नेत्र से जलाकर भष्म कर दिया था। होली के एक दिन पूर्व कूड़ा करकट, फटे वस्त्र आदि एक स्थान पर एकत्रकर जलाये जाते है जिसे [[होलिका दहन]] का नाम दिया गया है। आस-पास के सभी पड़ोसी इस उत्सव को देखने आते हैं।  
 
[[भारत]] के [[कर्नाटक]] में [[होली]] के पूर्व को '''कामना हब्बा''' के रूप में मनाया जाता है। कहते है इसी दिन [[शिव|भगवान शिव]] ने [[कामदेव]] को अपने तीसरे नेत्र से जलाकर भष्म कर दिया था। होली के एक दिन पूर्व कूड़ा करकट, फटे वस्त्र आदि एक स्थान पर एकत्रकर जलाये जाते है जिसे [[होलिका दहन]] का नाम दिया गया है। आस-पास के सभी पड़ोसी इस उत्सव को देखने आते हैं।  
  

10:57, 17 मार्च 2013 का अवतरण

महाराजा होली खेलते हुए, कर्नाटक

भारत के कर्नाटक में होली के पूर्व को कामना हब्बा के रूप में मनाया जाता है। कहते है इसी दिन भगवान शिव ने कामदेव को अपने तीसरे नेत्र से जलाकर भष्म कर दिया था। होली के एक दिन पूर्व कूड़ा करकट, फटे वस्त्र आदि एक स्थान पर एकत्रकर जलाये जाते है जिसे होलिका दहन का नाम दिया गया है। आस-पास के सभी पड़ोसी इस उत्सव को देखने आते हैं।


इन्हें भी देखें: मथुरा होली चित्र वीथिका, बरसाना होली चित्र वीथिका एवं बलदेव होली चित्र वीथिका


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