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'''कटानी''' - यह एक देशज [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] है और इसका अर्थ  [[हिन्दी]] बोलचाल की [[भाषा]] में 'मार काट' से लिया जाता है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=750|url=|ISBN=}}</ref>   
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'''कटाछनी''' - यह एक देशज [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] है और इसका अर्थ  [[हिन्दी]] बोलचाल की [[भाषा]] में 'मार काट' से लिया जाता है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=750|url=|ISBN=}}</ref>   
  
  

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कटाछनी - यह एक देशज शब्द है और इसका अर्थ हिन्दी बोलचाल की भाषा में 'मार काट' से लिया जाता है।[1]




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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 750 |

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