ककुत्स्थ विकुक्षि के पुत्र थे, जो इक्ष्वाकु के पौत्र और वैवस्वत मनु के प्रपौत्र थे।[1]
- देवासुर संग्राम में ककुत्स्थ ने वृष रूपधारी देवराज इंद्र के 'कुकुद्' अर्थात् 'डील' (कूबड़) पर सवार होकर राक्षसों को पराजित किया था। इसी कारण वे ककुत्स्थ कहलाए थे।
- ककुत्स्थ के 'अनेना' नाम के पुत्र और पौत्र 'पृथु' हुए थे।
- हिन्दू धार्मिक ग्रंथ 'कूर्मपुराण' तथा 'मत्स्यपुराण' में इनके एक पुत्र का नाम 'सुयोधन' भी दिया गया है।
- ककुत्स्थ नाम के एक अन्य भगीरथ के भी पुत्र थे, जिनके पुत्र प्रवृद्धि हुए। प्रवृद्ध के पुत्र शंखन और शंखन के सुदर्शन हुए।
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