कच्छपिका
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:26, 19 नवम्बर 2021 का अवतरण (''''कच्छपिका''' - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत)<ref>{{पुस...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
कच्छपिका - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत)[1]
1. एक प्रकार का क्षुद्र रोग जिसमें पाँच छह फोड़े निकलते हैं जो कछुए की पीठ ऐसे होते हैं और कफ और बात से उत्पन्न होते हैं। - माधवनिदान[2]
2. प्रमेह के कारण उत्पन्न होने वाली फुड़ियों का एक भेद। ये फुड़ियाँ छोटी छोटी शरीर के कठिन भाग में कछुए की पीठ के आकार की होती हैं। इनमें जलन होती ह। कच्छपी।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
|