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'''इमादशाही वंश''' की स्थापना 1490 ई. में [[बरार]] के [[फ़तेहउल्ला इमादशाह]] के द्वारा की गई थी, जिसको 'इमादुलमुल्क' भी कहते थे। फ़तेहउल्ला चौदहवें [[बहमनी वंश|बहमनी]] सुल्तान [[महमूद शाह बहमनी|महमूदशाह]] (1482-1518 ई.) के शासनकाल में बरार का सूबेदार था।
  
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*बहमनी राज्य से अलग होने के बाद वह स्वतंत्र शासक बन बैठा।
 
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*इस प्रकार उसने बरार में 'इमादशाही वंश' की स्थापना की।
 
*इस प्रकार उसने बरार में 'इमादशाही वंश' की स्थापना की।

13:31, 1 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

इमादशाही वंश की स्थापना 1490 ई. में बरार के फ़तेहउल्ला इमादशाह के द्वारा की गई थी, जिसको 'इमादुलमुल्क' भी कहते थे। फ़तेहउल्ला चौदहवें बहमनी सुल्तान महमूदशाह (1482-1518 ई.) के शासनकाल में बरार का सूबेदार था।

  • फ़तेहउल्ला ने स्वयं को बहमनी साम्राज्य से पृथक् कर लिया था।
  • बहमनी राज्य से अलग होने के बाद वह स्वतंत्र शासक बन बैठा।
  • इस प्रकार उसने बरार में 'इमादशाही वंश' की स्थापना की।
  • इस वंश की चार पीढ़ियों ने 1490 ई. से 1574 ई. तक राज्य किया।
  • 1574 ई. में बरार पर अहमदनगर ने कब्ज़ा कर लिया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 52 |


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