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'''बहादुर शाह''' [[गुजरात]] का सुल्तान (शासन 1523-1537 ई.) था। उसने [[मालवा]] के सुल्तान को पराजित करके [[मेवाड़]] पर भी चढ़ाई की और 1534 ई. में [[चित्तौड़]] पर अधिकार कर लिया। लेकिन एक वर्ष के बाद [[मुग़ल]] बादशाह [[हुमायूँ]] ने उसे पराजित कर दिया। बहादुर शाह ने [[गोवा]] भागकर अपने को बचाया। कुछ समय के बाद हुमायूँ गुजरात से लौट गया और उसके बाद बहादुर शाह ने फिर से अपने राज्य पर अधिकार जमा लिया। [[मुग़ल|मुग़लों]] के आक्रमण के कारण उसने [[पुर्तग़ाल|पुर्तग़ालियों]] को बेसिन सौंपकर उनसे संधि कर ली।
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'''बहादुर शाह''' (शासन 1523-1537 ई.) [[गुजरात]] का सुल्तान था। उसने [[मालवा]] के सुल्तान को पराजित करके [[मेवाड़]] पर चढ़ाई की और 1534 ई. में [[चित्तौड़]] पर अधिकार कर लिया। लेकिन एक वर्ष के बाद ही [[मुग़ल]] बादशाह [[हुमायूँ]] ने उसे पराजित कर दिया और उसके राज्य पर क़ब्ज़ा कर लिया।
  
जब बहादुर शाह ने अपने राज्य पर पूरी तरह फिर से दख़ल कर लिया तब उसमें और पुर्तग़ालियों में उन्हें दी गई रियायतों को लेकर मतभेद पैदा हो गया, जिन्हें दूर करने के लिए पुर्तग़ालियों ने बहादुर शाह को पुर्तग़ाली गवर्नर नूनो डा. कुन्हा से फ़रवरी 1537 ई. में उसके जहाज़ पर जाकर मुलाकात करने पर सहमत कर लिया। लेकिन पुर्तग़ालियों ने बहादुर शाह को धोख़ा देकर जहाज़ से गिराकर डुबो दिया और उसके समर्थकों सहित उसे मार डाला।
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*इस युद्ध में पराजित होने के बाद बहादुर शाह [[गोवा]] की ओर भाग गया और अपनी जान बचाई।
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*कुछ समय के बाद हुमायूँ गुजरात से वापस लौट गया और उसके बाद बहादुर शाह ने फिर से अपने राज्य पर अधिकार जमा लिया।
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*[[मुग़ल|मुग़लों]] के आक्रमण के कारण उसने [[पुर्तग़ाल|पुर्तग़ालियों]] को [[बसीन]] सौंपकर उनसे संधि कर ली।
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*अब बहादुर शाह ने अपने राज्य पर पूरी तरह फिर से अपना दख़ल कर लिया।
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*कुछ समय पश्चात उसमें और पुर्तग़ालियों में उन्हें दी गई रियायतों को लेकर मतभेद पैदा हो गया।
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*इन मतभेदों को दूर करने के लिए पुर्तग़ालियों ने बहादुर शाह को पुर्तग़ाली जहाज़ पर मुलाकात करने के लिए बुलाया।
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*फ़रवरी 1537 ई. में पुर्तग़ाली गवर्नर नूनो डा. कुन्हा से उसके जहाज़ पर बहादुर शाह ने मुलाकात की।
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05:52, 14 नवम्बर 2011 का अवतरण

बहादुर शाह (शासन 1523-1537 ई.) गुजरात का सुल्तान था। उसने मालवा के सुल्तान को पराजित करके मेवाड़ पर चढ़ाई की और 1534 ई. में चित्तौड़ पर अधिकार कर लिया। लेकिन एक वर्ष के बाद ही मुग़ल बादशाह हुमायूँ ने उसे पराजित कर दिया और उसके राज्य पर क़ब्ज़ा कर लिया।

  • इस युद्ध में पराजित होने के बाद बहादुर शाह गोवा की ओर भाग गया और अपनी जान बचाई।
  • कुछ समय के बाद हुमायूँ गुजरात से वापस लौट गया और उसके बाद बहादुर शाह ने फिर से अपने राज्य पर अधिकार जमा लिया।
  • मुग़लों के आक्रमण के कारण उसने पुर्तग़ालियों को बसीन सौंपकर उनसे संधि कर ली।
  • अब बहादुर शाह ने अपने राज्य पर पूरी तरह फिर से अपना दख़ल कर लिया।
  • कुछ समय पश्चात उसमें और पुर्तग़ालियों में उन्हें दी गई रियायतों को लेकर मतभेद पैदा हो गया।
  • इन मतभेदों को दूर करने के लिए पुर्तग़ालियों ने बहादुर शाह को पुर्तग़ाली जहाज़ पर मुलाकात करने के लिए बुलाया।
  • फ़रवरी 1537 ई. में पुर्तग़ाली गवर्नर नूनो डा. कुन्हा से उसके जहाज़ पर बहादुर शाह ने मुलाकात की।
  • पुर्तग़ालियों ने बहादुर शाह को धोख़ा देकर जहाज़ से गिराकर डुबो दिया और उसके समर्थकों सहित उसे मार डाला।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 279।

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