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'''बेज़वाडा विल्सन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Bezwada Wilson'', जन्म: [[1966]], [[कर्नाटक]]) प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता एवं 'सफाई कर्मचारी आंदोलन' के संयोजक हैं। बेज़वाडा विल्सन को वर्ष [[2016]] में [[रेमन मैग्सेसे पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया है।  
 
'''बेज़वाडा विल्सन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Bezwada Wilson'', जन्म: [[1966]], [[कर्नाटक]]) प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता एवं 'सफाई कर्मचारी आंदोलन' के संयोजक हैं। बेज़वाडा विल्सन को वर्ष [[2016]] में [[रेमन मैग्सेसे पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया है।  
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* विल्सन के माता-पिता मैला ढोने का काम करते थे।
 
* विल्सन के माता-पिता मैला ढोने का काम करते थे।
 
* [[1986]] में विल्सन ने फैसला किया कि [[भारत]] में सिर पर मैला ढोने का काम खत्म कराने के लिए आंदोलन शुरू किया जाए।
 
* [[1986]] में विल्सन ने फैसला किया कि [[भारत]] में सिर पर मैला ढोने का काम खत्म कराने के लिए आंदोलन शुरू किया जाए।
* विल्सन बताते हैं, "20 साल का होने पर मैंने अपनी सफाई कर्मचारी कॉलोनी के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। मैं ये भी जानना चाहता था कि बच्चे आखिर स्कूल क्यों छोड़ रहे थे? पता चला कि बच्चों के पिता कमाई का ज्यादातर हिस्सा शराब में खर्च कर रहे थे। पूछने पर बताया कि वो जो काम करते थे, उसके लिए शराब पीना जरूरी था। जानने पर पता चला कि वे लोग मैला ढोते थे। मैंने तय किया इसके लिए कुछ करना होगा। उसके बाद हमने आंदोलन चलाया। [[1993]] में सरकार ने मैला ढोने के कस्टम के खिलाफ़ कानून बनाया।"
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* विल्सन बताते हैं, "20 साल का होने पर मैंने अपनी सफाई कर्मचारी कॉलोनी के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। मैं ये भी जानना चाहता था कि बच्चे आखिर स्कूल क्यों छोड़ रहे थे? पता चला कि बच्चों के पिता कमाई का ज्यादातर हिस्सा शराब में खर्च कर रहे थे। पूछने पर बताया कि वो जो काम करते थे, उसके लिए शराब पीना ज़रूरी था। जानने पर पता चला कि वे लोग मैला ढोते थे। मैंने तय किया इसके लिए कुछ करना होगा। उसके बाद हमने आंदोलन चलाया। [[1993]] में सरकार ने मैला ढोने के कस्टम के ख़िलाफ़ कानून बनाया।"
* एक अनुमान के मुताबिक, भारत में सिर पर मैला ढोने वाले करीब 6 लाख लोगों में से 3 लाख को विल्सन ने इस काम से मुक्त कराया है।
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* एक अनुमान के मुताबिक़, भारत में सिर पर मैला ढोने वाले करीब 6 लाख लोगों में से 3 लाख को विल्सन ने इस काम से मुक्त कराया है।
 
* सफाई कर्मचारी आंदोलन के भारत के 500 ज़िलों में 7 हज़ार से ज़्यादा सदस्य हैं।
 
* सफाई कर्मचारी आंदोलन के भारत के 500 ज़िलों में 7 हज़ार से ज़्यादा सदस्य हैं।
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09:51, 11 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

बेज़वाडा विल्सन
बेज़वाडा विल्सन
पूरा नाम बेज़वाडा विल्सन
जन्म 1966
जन्म भूमि कर्नाटक
शिक्षा स्नातक (राजनीति विज्ञान)
पुरस्कार-उपाधि रेमन मैग्सेसे पुरस्कार
प्रसिद्धि 'सफाई कर्मचारी आंदोलन' के संयोजक
नागरिकता भारतीय
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बेज़वाडा विल्सन (अंग्रेज़ी: Bezwada Wilson, जन्म: 1966, कर्नाटक) प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता एवं 'सफाई कर्मचारी आंदोलन' के संयोजक हैं। बेज़वाडा विल्सन को वर्ष 2016 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

संक्षिप्त परिचय

  • 1966 में कर्नाटक के कोलार गोल्ड फील्ड में जन्मे विल्सन का ताल्लुक एक दलित परिवार से है।
  • बेज़वाडा पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएट हैं। अपने परिवार में इतना पढ़ने वाले अकेले शख्स हैं।
  • विल्सन के माता-पिता मैला ढोने का काम करते थे।
  • 1986 में विल्सन ने फैसला किया कि भारत में सिर पर मैला ढोने का काम खत्म कराने के लिए आंदोलन शुरू किया जाए।
  • विल्सन बताते हैं, "20 साल का होने पर मैंने अपनी सफाई कर्मचारी कॉलोनी के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। मैं ये भी जानना चाहता था कि बच्चे आखिर स्कूल क्यों छोड़ रहे थे? पता चला कि बच्चों के पिता कमाई का ज्यादातर हिस्सा शराब में खर्च कर रहे थे। पूछने पर बताया कि वो जो काम करते थे, उसके लिए शराब पीना ज़रूरी था। जानने पर पता चला कि वे लोग मैला ढोते थे। मैंने तय किया इसके लिए कुछ करना होगा। उसके बाद हमने आंदोलन चलाया। 1993 में सरकार ने मैला ढोने के कस्टम के ख़िलाफ़ कानून बनाया।"
  • एक अनुमान के मुताबिक़, भारत में सिर पर मैला ढोने वाले करीब 6 लाख लोगों में से 3 लाख को विल्सन ने इस काम से मुक्त कराया है।
  • सफाई कर्मचारी आंदोलन के भारत के 500 ज़िलों में 7 हज़ार से ज़्यादा सदस्य हैं।
  • बेज़वाडा विल्सन बीते 32 साल से इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं।[1]

सम्मान

भारत के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता बेजवाड़ा विल्सन को वर्ष 2016 का रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड मिला है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. टीएम कृष्णा, विल्सन को मिला 2016 का मैग्सेसे अवॉर्ड (हिन्दी) (html) news 24। अभिगमन तिथि: 29 जुलाई, 2016।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख