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'''विजयपाल देव''' [[मथुरा]] का [[हिन्दू]] राजा था। मथुरा के प्रसिद्ध [[कटरा केशवदेव मन्दिर, मथुरा|कटरा केशवदेव, मंदिर]] का पुन:र्निर्माण कार्य उसने करवाया था।
 
'''विजयपाल देव''' [[मथुरा]] का [[हिन्दू]] राजा था। मथुरा के प्रसिद्ध [[कटरा केशवदेव मन्दिर, मथुरा|कटरा केशवदेव, मंदिर]] का पुन:र्निर्माण कार्य उसने करवाया था।
  
*माना जाता है कि कटरा केशवदेव का मंदिर [[श्रीकृष्ण]] के पोते [[बज्रनाभ]] ने बनवाया था। बताते हैं कि सबसे पुराने [[शिलालेख]] [[शोडास|महाक्षत्रप शोडास]] के समय (ई.पू. 50-57) में मिले [[अवशेष]] में भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान का जिक्र है।
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*माना जाता है कि कटरा केशवदेव का मंदिर [[श्रीकृष्ण]] के पोते [[वज्रनाभ|] ने बनवाया था। बताते हैं कि सबसे पुराने [[शिलालेख]] [[शोडास|महाक्षत्रप शोडास]] के समय (ई.पू. 50-57) में मिले [[अवशेष]] में भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान का जिक्र है।
 
*दूसरी बार [[विक्रमादित्य|सम्राट विक्रमादित्य]] ने 400 ई. में दूसरा बड़ा मंदिर बनवाया था। उस मंदिर को [[मुस्लिम]] आक्रांता [[महमूद ग़ज़नवी]] ने लूटा और तोड़ा, इसका जिक्र ग़ज़नवी के मुंशी अलाउद्दीन ने ‘तारीख़ यामिनी’ में किया है।
 
*दूसरी बार [[विक्रमादित्य|सम्राट विक्रमादित्य]] ने 400 ई. में दूसरा बड़ा मंदिर बनवाया था। उस मंदिर को [[मुस्लिम]] आक्रांता [[महमूद ग़ज़नवी]] ने लूटा और तोड़ा, इसका जिक्र ग़ज़नवी के मुंशी अलाउद्दीन ने ‘तारीख़ यामिनी’ में किया है।
 
*तीसरी बार 1150 ई. में मथुरा के शासक '''महाराजा विजयपाल देव''' ने इस मंदिर को बनवाया। यह भी बताया जाता है कि 1515 ई. में [[चैतन्य महाप्रभु]] भी यहाँ आये थे। इसका वर्णन भी ‘[[चैतन्य चरितामृत]]’ में मिलता है।
 
*तीसरी बार 1150 ई. में मथुरा के शासक '''महाराजा विजयपाल देव''' ने इस मंदिर को बनवाया। यह भी बताया जाता है कि 1515 ई. में [[चैतन्य महाप्रभु]] भी यहाँ आये थे। इसका वर्णन भी ‘[[चैतन्य चरितामृत]]’ में मिलता है।

13:59, 12 मई 2017 का अवतरण

विजयपाल देव मथुरा का हिन्दू राजा था। मथुरा के प्रसिद्ध कटरा केशवदेव, मंदिर का पुन:र्निर्माण कार्य उसने करवाया था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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