कँहारा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
आशा चौधरी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:13, 29 अक्टूबर 2021 का अवतरण
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

कँहारा - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कर्मधार, व्युत्पन्न प्राकृत 'कम्महार', व्युत्पन्न 'कँहार' हिन्दी कहार)[1]

कहार एक उपजाति।

उदाहरण-

चपल पालकी के कँहार सरबान महाउत। - प्रेमघन सर्वस्व[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 732 |
  2. प्रेमघन सर्वस्व, पृष्ठ 12, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, प्रथम संस्करण, 1996 वि.

संबंधित लेख