आज का दिन - 13 मई 2024
- राष्ट्रीय शाके 1946, 23 गते 31, वैशाख, सोमवार
- विक्रम सम्वत् 2081, वैशाख, शुक्ल पक्ष, षष्ठी, सोमवार, पुनर्वसु
- इस्लामी हिजरी 1445, 04, ज़िलक़ाद, पीर, ज़िराअ
- रामानुजाचार्य जयन्ती, फ़ख़रुद्दीन अली अहमद (जन्म), टी. बालासरस्वती (जन्म), असित सेन (जन्म), मथुरा प्रसाद मिश्र वैद्य (जन्म), सच्चिदानंद राउतराय (जन्म), गुरु रवि शंकर (जन्म), आर. के. नारायण (मृत्यु), बादल सरकार (मृत्यु), हसरत मोहानी (मृत्यु), बाबा हरदेव सिंह (मृत्यु), हेमलता गुप्ता (मृत्यु), रामकृष्ण देवदत्त भंडारकर (मृत्यु), इंदु जैन (मृत्यु)
यदि दिनांक सूचना सही नहीं दिख रही हो तो कॅश मेमोरी समाप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें
|
|
विशेष आलेख
- वाराणसी के व्यापारी समुद्री व्यापार भी करते थे। काशी से समुद्र यात्रा के लिए नावें छूटती थीं।
- इस नगर के धनी व्यापारियों का व्यापार के उद्देश्य से समुद्र पार जाने का उल्लेख है। जातकों में भी व्यापार के उद्देश्य से बाहर जाने का उल्लेख मिलता है। एक जातक में उल्लेख है कि बनारस के व्यापारी दिशाकाक लेकर समुद्र यात्रा को गए थे। ... और पढ़ें
|
|
एक पर्यटन स्थल
- खजुराहो की मूर्तियों की सबसे अहम और महत्त्वपूर्ण ख़ूबी यह है कि इनमें गति है, देखते रहिए तो लगता है कि शायद चल रही है या बस हिलने ही वाली है, या फिर लगता है कि शायद अभी कुछ बोलेगी, मस्कुराएगी, शर्माएगी या रूठ जाएगी।
- कमाल की बात तो यह है कि ये चेहरे के भाव और शरीर की भंगिमाऐं केवल स्त्री पुरुषों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी दिखाई देती हैं। ... और पढ़ें
|
|
ऐसा भी हुआ !
- 20 हज़ार आबादी वाले एक नगर के लोगों ने दो हज़ार साल पहले स्वयं अपने नगर में आग लगा दी और अपनी स्त्रियों और बच्चों के साथ जलकर मर गए .... और पढ़ें
|
|
सूक्ति और कहावत
- जब मरने के बाद श्मशान में डाल दिए जाने पर सभी लोग समान रूप से पृथ्वी की गोद में सोते हैं, तब मूर्ख मानव इस संसार में क्यों एक दूसरे को ठगने की इच्छा करते हैं। -वेदव्यास (महाभारत, स्त्रीपर्व|4|18)
- हमारी उन्नति का एकमात्र उपाय यह है कि हम पहले वह कर्तव्य करें जो हमारे हाथ में है, और इस प्रकार धीरे–धीरे शक्ति संचय करते हुए क्रमशः हम सर्वोच्च अवस्था को प्राप्त कर सकते हैं। -विवेकानन्द (विवेकानन्द साहित्य, तृतीय खण्ड, पृ. 43) ... और पढ़ें
|
|
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
|
|