अशोकवनिकातीर्थ पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार नर्मदा नदी तथा विशोका नदी के संगम पर स्थित कहा गया है। यहाँ अशोकेश्वर लिंग है, जहाँ शापभ्रष्ट ब्राह्मणों को देवर्षि नारद ने शापमुक्त किया था।[1] कांची नरेश चन्द्रवंशोत्पन्न महाराज रविश्चन्द्र का यज्ञ इसी स्थान पर सम्पन्न हुआ था।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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