अहिल्या घाट
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अहिल्या घाट
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विवरण | यह घाट होल्कर राजवंश तथा रानी अहिल्याबाई होल्कर के शासन काल की गौरवगाथा का प्रतीक है। |
स्थान | महेश्वर, मध्य प्रदेश |
अन्य जानकारी | अहिल्या घाट पूरी तरह से शिवमय दिखाई देता है। पूरे घाट पर पाषाण के अनगिनत शिवलिंग निर्मित हैं। महेश्वर की महारानी देवी अहिल्याबाई से बढ़कर शिवभक्त आधुनिक काल में कोई नहीं हुआ है। |
अहिल्या घाट मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक नगर महेश्वर के ख़ूबसूरत घाटों में से एक है। यह इतना सुन्दर है कि बस घंटों निहारते रहने का मन करता है। चारों ओर शिव जी के छोटे और बड़े मंदिर, हर जगह शिवलिंग ही शिवलिंग दिखाई देते हैं। सामने नर्मदा नदी अपने पूरे तीव्र वेग से प्रवाहित होती दिखाई देती हैं। घाट के आस पास शिव मंदिर दिखाई देते हैं और पीछे की ओर महेश्वर का ऐतिहासिक तथा ख़ूबसूरत क़िला होल्कर राजवंश तथा रानी अहिल्याबाई के शासन काल की गौरवगाथा का बखान करता प्रतीत होता है। यह घाट पूरी तरह से शिवमय दिखाई देता है। पूरे घाट पर पाषाण के अनगिनत शिवलिंग निर्मित हैं। महेश्वर की महारानी देवी अहिल्याबाई से बढ़कर शिवभक्त आधुनिक काल में कोई नहीं हुआ है।[1] उन्होंने पूरे भारत में शिव मंदिरों और घाटों का निर्माण तथा पुनरोद्धार करवाया था, जिनमें प्रमुख हैं-
- वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर
- एलोरा का घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग
- सोमनाथ का प्राचीन मंदिर
- महाराष्ट्र का वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर
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चित्र वीथिका
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महेश्वर – एक दिन देवी अहिल्या की नगरी में : भाग 1 (हिंदी) घुमक्कड़ डॉट कॉम। अभिगमन तिथि: 1 सितम्बर, 2014।
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