रत्नावली हर्षवर्धन द्वारा रचित एक प्रसिद्ध नाटक है। इस नाटक में चार अंक हैं। इसमें हर्ष ने एक आर्दश कथानक को भव्य रूप से प्रस्तुत किया है। चरित्र-चित्रण कुशलतापूर्वक किया गया है।