वंदना गुप्ता
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वंदना गुप्ता आधुनिक समय की जानी-मानी लेखिका हैं। वैसे तो उनकी प्रिय विधा कवितायें हैं और उसमे भी प्रेम और विरह उनका प्रिय विषय हैं। इसके अतिरिक्त आलेख, समीक्षा और कहानियाँ भी कभी-कभी लिखती हैं। वंदना गुप्ता का प्रथम प्रकाशित काव्य संग्रह 'बदलती सोच के नए अर्थ' है, जो 'हिन्दी अकादमी दिल्ली' के सौजन्य से 2014 में प्रकाशित हुआ।
रचनाएँ
- साझा काव्य संग्रह
वंदना गुप्ता के प्रकाशित साझा काव्य संग्रह निम्नलिखित हैं-
- टूटते सितारों की उड़ान
- स्त्री होकर सवाल करती है
- हृदय तारों का स्पंदन
- शब्दों के अरण्य में
- प्रतिभाओं की कमी नहीं
- कस्तूरी
- सरस्वती सुमन
- नारी विमर्श के अर्थ
- शब्दों की चहलकदमी
- त्रिसुगंधी काव्य संकलन
- बालार्क
- जीवन बुनने में
- शोध दिशा फेसबुक कविता अंक
- कविता अनवरत खंड-2
- प्रकाशित साझा पुस्तकें-
- हिन्दी ब्लोगिंग : अभिव्यक्ति की नई क्रांति
- हिन्दीग ब्लॉोगिंग : स्व्रुप, व्याप्ति और संभावनाएं
- पत्रकारिता का बदलता स्वरूप और न्यू मीडिया
- समकालीन विमर्श मुद्दे और बहस
- प्रकाशित रचनाएँ-
वंदना जी के सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं, जैसे- कादम्बिनी, बिंदिया, पाखी, हिंदी चेतना, शब्दांकन, गर्भनाल, उदंती, अट्टहास, आधुनिक साहित्य, नव्या, सिम्पली जयपुर आदि के अलावा विभिन्न ई-पत्रिकाओं में रचनाएँ, कहानियां, आलेख आदि प्रकाशित हो चुके हैं।
अनुवाद - सिन्धी, पंजाबी और नेपाली में कविताओं का अनुवाद।
दो काव्य संग्रह - 'कृष्ण से संवाद' व 'एक अनाम काव्य संग्रह कृष्णप्रेम पर ही' और एक समीक्षा की किताब शीघ्र प्रकाशय है।
तीन ब्लॉग - ज़िन्दगी एक खामोश सफ़र, ज़ख्म जो फूलों ने दिए, एक प्रयास।
- वंदना गुप्ला 'ऑल इंडिया रेडियो' पर कई बार काव्य पाठ भी कर चुकी हैं।
पुरस्कार व सम्मान
- 'शोभना काव्य सृजन सम्मान' - 2012
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