सुमित्रा कुमारी सिन्हा
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सुमित्रा कुमारी सिन्हा
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पूरा नाम | सुमित्रा कुमारी सिन्हा |
जन्म | 1913 |
जन्म भूमि | फ़ैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 30 सितंबर 1994 |
संतान | पुत्र- अजित शंकर चौधरी, पुत्री- कीर्ति चौधरी |
कर्म भूमि | भारत |
मुख्य रचनाएँ | विहाग (1940), आशापर्व (1942), बोलों के देवता (1954) |
प्रसिद्धि | कवियित्री |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | सुमित्रा कुमारी सिन्हा ने स्वाधीनता आंदोलन में सक्रिय योगदान दिया था। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
सुमित्रा कुमारी सिन्हा (अंग्रेज़ी: Sumitra Kumari Sinha, जन्म- 1913, फ़ैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 30 सितंबर 1994) हिन्दी की लोकप्रिय कवियित्री तथा लेखिका थीं।
संक्षिप्त परिचय
- सुमित्रा कुमारी सिन्हा का जन्म उत्तर प्रदेश के फ़ैज़ाबाद ज़िले में हुआ था।
- उन्होंने स्वाधीनता आंदोलन में सक्रिय योगदान दिया।
- सुमित्रा कवि-सम्मेलनों में मधुर कंठ से कविता पाठ भी करती थीं।
- सुमित्रा कुमारी सिन्हा आकाशवाणी लखनऊ से सम्बद्ध रहीं।
- उन्होंने बाल साहित्य के क्षेत्र में भी महत्त्वपूर्ण काम किया है।
- उनके पुत्र अजीत कुमार सिन्हा एक प्रतिभा संपन्न लेखक थे।
- उनकी पुत्री कीर्ति चौधरी ने तार सप्तक की प्रसिद्ध कवियित्री के रूप में अपनी पहचान बनाई।
प्रमुख रचनाएँ
कविता संकलन
कहानी संग्रह
- अचल सुहाग ([[1939)
- वर्ष गाँठ (1942
अन्य रचनाएँ
पंथिनी, प्रसारिका, कथा कुंज, फूलों के गहने, वैज्ञानिक बोधमाला, आंचल के फूल, आँगन के फूल, दादी का मटका।
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