"अहसास का घर -कन्हैयालाल नंदन" के अवतरणों में अंतर
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मैंने मांगी दुआएँ, दुआएँ मिलीं, | मैंने मांगी दुआएँ, दुआएँ मिलीं, | ||
− | उन दुआओं का | + | उन दुआओं का मुझ पे असर चाहिए। |
जिसमें रहकर सुकूं से गुजारा करूँ, | जिसमें रहकर सुकूं से गुजारा करूँ, | ||
मुझको अहसास का ऐसा घर चाहिए। | मुझको अहसास का ऐसा घर चाहिए। | ||
− | जिंदगी चाहिए मुझको | + | जिंदगी चाहिए मुझको मान भरी, |
− | चाहे कितनी भी हो | + | चाहे कितनी भी हो मुख़्तासर, चाहिए। |
लाख उसको अमल में न लाऊँ कभी, | लाख उसको अमल में न लाऊँ कभी, | ||
− | शानोशौकत का | + | शानोशौकत का समाँ मगर चाहिए। |
जब मुसीबत पड़े और भारी पड़े, | जब मुसीबत पड़े और भारी पड़े, |
07:30, 14 दिसम्बर 2011 का अवतरण
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हर सुबह को कोई दोपहर चाहिए, |
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