सूरज की पेशी -कन्हैयालाल नंदन

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सूरज की पेशी -कन्हैयालाल नंदन
कन्हैयालाल नंदन
कन्हैयालाल नंदन
कवि कन्हैयालाल नंदन
जन्म 1 जुलाई, 1933
जन्म स्थान फतेहपुर ज़िले के परसदेपुर गांव, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 25 सितंबर, 2010
मृत्यु स्थान दिल्ली
मुख्य रचनाएँ लुकुआ का शाहनामा, घाट-घाट का पानी, आग के रंग आदि।
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कन्हैयालाल नंदन की रचनाएँ

आँखों में रंगीन नज़ारे
सपने बड़े-बड़े
भरी धार लगता है जैसे
बालू बीच खड़े ।

बहके हुए समंदर
मन के ज्वार निकाल रहे
दरकी हुई शिलाओं में
खारापन डाल रहे
मूल्य पड़े हैं बिखरे जैसे
शीशे के टुकड़े. !

नजरों के ओछेपन
जब इतिहास रचाते हैं
पिटे हुए मोहरे
पन्ना-पन्ना भर जाते हैं
बैठाए जाते हैं
सच्चों पर पहरे तगड़े ।

अंधकार की पंचायत में
सूरज की पेशी
किरणें ऐसे करें गवाही
जैसे परदेसी
सरेआम नीलाम रोशनी
ऊँचे भाव चढ़े ।

आँखों में रंगीन नज़ारे
सपने बड़े-बड़े
भरी धार लगता है जैसे
बालू बीच खड़े ।



टीका टिप्पणी और संदर्भ

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