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10:21, 24 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
चक्रपालित स्कंदगुप्त के शासन काल में सुदर्शन झील का जीर्णोद्वार करवाने वाले पर्णदत्त का पुत्र था।
- जूनागढ़ शिलालेख से कई बातें सामने आती हैं। सुदर्शन झील के पानी का उपयोग अशोक के महामात्य तुषास्प द्वारा खुदवाई गई नहरों से सिंचाई के लिए होता था। चार शताब्दी बाद उसकी मरम्मत एक पहलव या पल्लव सामंत ने करवाई। दोनों ही काम विदेशियों ने किए थे। इस तरह जूनागढ़ शिलालेख केवल बाँध ही नहीं, झील का भी एक रिकॉर्ड है। इससे पता चलता है कि ई.पू. चौथी शताब्दी में भी लोग बाँध, झील और सिंचाई प्रणाली का निर्माण जानते थे। तीन सौ साल बाद मरम्मत आदि का काम पूरा होने पर 455-456 ई. में सुदर्शन झील भारी बरसात के कारण फिर टूट गई थी।
- 456 ई. में पर्णदत्त के पुत्र चक्रपालित के आदेश पर इस विशाल दरार की मरम्मत करके तटबंधों को दो महीने में दुरुस्त किया गया।
- सम्राट स्कंदगुप्त के काल के जूनागढ़ के एक शिलालेख से पता चलता है कि चक्रपालित ने सुदर्शन झील के तटबंध की मरम्मत करवाई थी।
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