आंध्र प्रदेश स्थापना दिवस
आंध्र प्रदेश स्थापना दिवस
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राजधानी | हैदराबाद (प्रस्तावित राजधानी- अमरावती) |
राजभाषा(एँ) | तेलुगू |
स्थापना | 1 नवंबर, 1956 |
जनसंख्या | 49,665,533 |
· घनत्व | 310 /वर्ग किमी |
क्षेत्रफल | 160,205 वर्ग किमी |
भौगोलिक निर्देशांक | 17.366° उत्तर, 78.476° पूर्व |
तापमान | औसत 29 °C |
· ग्रीष्म | 45 °C |
· शरद | 13 °C |
ज़िले | 13 |
सबसे बड़ा नगर | विशाखापत्तनम |
मुख्य पर्यटन स्थल | सालारजंग संग्रहालय, चारमीनार, गोलकुंडा क़िला, हुसैन सागर झील, तिरुपति वेन्कटेशवर मन्दिर |
लिंग अनुपात | 1000:978 ♂/♀ |
साक्षरता | 67.41% |
राज्यपाल | ई.एस.एल. नरसिम्हन |
मुख्यमंत्री | एन. चंद्रबाबू नायडू |
विधानसभा सदस्य | 175 |
विधान परिषद सदस्य | 56 |
लोकसभा क्षेत्र | 25 |
बाहरी कड़ियाँ | अधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 12:53, 11 अक्टूबर 2017 (IST)
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आंध्र प्रदेश स्थापना दिवस प्रत्येक वर्ष 1 नवम्बर को मनाया जाता है। आंध्र प्रदेश भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर हैदराबाद है। भारत के सभी राज्यों में सबसे लंबा समुद्र तट गुजरात में 1600 किलोमीटर है और दूसरे स्थान पर इस राज्य का समुद्र तट 972 किलोमीटर है। तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश राज्य से अलग होकर बनने वाला 29वाँ नवगठित राज्य है। हैदराबाद को दस साल के लिए तेलंगाना और आन्ध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी बनाया गया है।
इतिहास
आंध्र प्रदेश के विषय में प्रारंभिक विवरण 'ऐतरेय ब्राह्मण' (लगभग 2000 ईसा पूर्व) में मिलता है। इसमें उल्लेख हैं कि आंध्र प्रदेश के निवासी मूल रूप से आर्य जाति के थे और उत्तर भारत में रहते थे, जहां से वे विंध्य पर्वतों के दक्षिण तक चले गए और कालान्तर में अनार्यों के साथ घुल-मिल गए। इतिहासकारों के अनुसार आंध्र प्रदेश का नियमित इतिहास 236 ईसा पूर्व से मिलना शुरू होता है। 236 ईसा पूर्व में ही सम्राट अशोक का निधन हुआ था और उसके बाद के समय में सातवाहन, शक, इक्ष्वाकु, पूर्वी चालुक्य और काकतीय ने इस तेलुगु भाषी देश पर राज्य किया। इनके बाद में विजयनगर और कुतुबशाही शासकों का शासन रहा और उनके बाद मीर कमरूद्दीन के शासन में 17 वीं शताब्दी से अंग्रेज़ों ने देश के कई भागों को अपने नियंत्रण में ले लिया और मद्रास प्रांत की स्थापना कर दी।
भाषा
तेलुगु शब्द का मूल रूप संस्कृत में "त्रिलिंग" है। इसका तात्पर्य आंध्र प्रदेश के श्रीशैल के मल्लिकार्जुन लिंग, कालेश्वर और द्राक्षाराम के शिवलिंग से है। इन तीनों सीमाओं से घिरा देश त्रिलिंग देश और यहाँ की भाषा त्रिलिंग (तेलुगु) कहलाई। इस शब्द का प्रयोग तेलुगु के आदि-कवि "नन्नय भट्ट" के महाभारत में मिलता है। यह शब्द त्रिनग शब्द से भी उत्पन्न हुआ माना जाता है। इसका आशय तीन बड़े-बड़े पर्वतों की मध्य सीमा में व्याप्त इस प्रदेश से है। आंध्र जनता उत्तर दिशा से दक्षिण की ओर जब हटाई गई तो दक्षिणवासी होने के कारण इस प्रदेश और भाषा को "तेनुगु" नाम दिया गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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