ईशान कोण जमीन के उत्तर-पूर्व कोने को कहा जाता है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर और पूर्व दिशा शुभ मानी जाती हैं।
- यह माना जाता है कि इस कोण पर देवताओं और आध्यात्मिक शक्ति का वास रहता है। इसलिए यह घर का सबसे पवित्र कोना होता है।
- भगवान शिव का एक नाम ईशान भी है। चूंकि भगवान शिव का आधिपत्य उत्तर-पूर्व दिशा में होता है इसीलिए इस दिशा को ईशान कोण कहा जाता है।
- यहां देवी शक्तियां इसलिए भी बढ़ती हैं क्योंकि इस क्षेत्र में देवताओं के गुरु बृहस्पति और मोक्ष कारक केतु का भी वास रहता है।
- इन दोनों दिशाओं के मिलने वाले कोण पर उत्तर-पूर्व क्षेत्र बनता है इसी वजह से यह घर या प्लाट का यह सबसे शुभ तथा ऊर्जा के स्रोत का शक्तिशाली कोना माना जाता है।[1]
इन्हें भी देखें: वास्तु शास्त्र
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वास्तु शास्त्र में ईशान कोण का महत्व (हिंदी) hindi.webdunia.com। अभिगमन तिथि: 8 मई, 2016।
संबंधित लेख