उत्तर प्रदेश में शिक्षा

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काशी हिन्दू विश्वविद्यालय

उत्तर प्रदेश में 16 विश्वविद्यालय, 400 से अधिक संबद्ध महाविद्यालय, कई चिकित्सा महाविद्यालय और विशिष्ट अध्ययनों व शोध के लिए कई संस्थान हैं।

  • 1950 के दशक के बाद से राज्य में विद्यालयों व सभी स्तरों पर विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने के बावजूद राज्य की जनसंख्या का 57.36 प्रतिशत हिस्सा ही साक्षर है।
  • प्राथमिक स्तर पर शिक्षा का माध्यम हिन्दी (कुछ निजी विद्यालयों में माध्यम अंग्रेज़ी) है, उच्चतर विद्यालय के विद्यार्थी हिन्दी व अंग्रेज़ी में पढ़ाई करते हैं, जबकि विश्वविद्यालय स्तर पर आमतौर पर शिक्षा का माध्यम अंग्रेज़ी है।
ग्रामीण शिक्षा, लखनऊ
  • 1991 के 40.71 प्रतिशत के मुक़ाबले 2001 में राज्य की कुल साक्षरता दर बढ़कर 57.36 प्रतिशत हो गई है।
  • राज्य में एक इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (कानपुर), एक इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट (लखनऊ), एक इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंफ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और काफ़ी संख्या में पॉलीटेक्निक, इंजीनियरिंग व औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हैं।
वाराणसी के शिक्षण संस्थान

वाराणसी पूर्व से ही विद्या और शिक्षा के क्षेत्र में एक अहम प्रचारक और केन्द्रीय संस्था के रूप में स्थापित था। मध्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश में उदार परम्परा का संचालन था। वाराणसी 'हिन्दू शिक्षा केन्द्र' के रूप में विश्वव्यापक हुआ। वाराणसी के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय 'इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ़ सैकेंडरी एजुकेशन' [1], 'केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड' [2] या 'उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद' [3] से सहबद्ध हैं।

लखनऊ के शिक्षण संस्थान

लखनऊ में छह विश्वविद्यालय हैं: यहाँ कई उच्च चिकित्सा संस्थान भी हैं: प्रबंधन संस्थानों में भारतीय प्रबंधन संस्थान, लखनऊ (आई.आई.एम.), इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज़ आते हैं। यहाँ भारत के प्रमुखतम निजी विश्वविद्यालयों में से एक, एमिटी विश्वविद्यालय का भी परिसर है। इसके अलावा यहाँ बहुत से उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के भी सरकारी एवं निजी विद्यालय हैं। इनमें से प्रमुख हैं: कॉल्विन ताल्लुकेदार कालेज


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आई.सी.एस.ई
  2. सी.बी.एस.ई
  3. यू.पी.बोर्ड

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