एडुसैट उपग्रह
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एडुसैट को 'जीसैट-3' के रूप में जाना जाता है। यह पाठशाला स्तर से उच्च शिक्षा तक सुदूर शिक्षा के लिए बना है। यह पहला समर्पित "शिक्षा उपग्रह" है, जो देश भर में शैक्षणिक सामग्री के संवितरण के लिए कक्षा को उपग्रह आधारित दोतरफ़ा संचार उपलब्ध कराता है।
यह भू-तुल्यकालिक उपग्रह आई-2के बस पर विकसित किया गया है। जीसैट-3 74° पू. रेखांश पर मेटसैट (कल्पना-1) और इन्सैट-3सी के साथ सह-स्थित है।
मिशन | शिक्षा |
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अंतरिक्षयान का भार | 1950.5 कि.ग्रा. भार (उत्थापन के समय)
819.4 कि.ग्रा. (शुष्क भार) |
ऑनबोर्ड पॉवर | 2040 वॉ (ईओएल) जनित करते हुए 2.54 मी. x 1.525 मी. आकार के कुल चार सौर पैनल, ग्रहण सहाय के लिए दो 24 एएच एनआईसीडी बैटरियाँ |
स्थिरीकरण | संवेदक, संवेग और अभिक्रिया चक्र, चुंबकीय आघूर्णक और आठ 10 एन और 22 एन अभिक्रिया नियंत्रक थ्रस्टरों का उपयोग करते हुए कक्षा में 3-अक्षीय पिंड स्थिरीकृत |
नोदन | कक्षा संवर्धन के लिए एमओएन - 3 और एमएमएच सहित 440 एन द्रव अपभू मोटर |
नीतभार |
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प्रमोचन दिनांक | 20 सितंबर, 2004 |
प्रमोचन स्थल | शार, श्रीहरिकोटा, भारत |
प्रमोचक रॉकेट | जीएसएलवी-एफ़01 |
कक्षा | भू-स्थिर (74o पू रेखांश) |
मिशन कालावधि | 7 वर्ष (न्यूनतम) |
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