मेघा ट्रापिक्स उपग्रह
मेघा ट्रापिक्स जलचक्र तथा ऊर्जा विनिमय के अध्ययन हेतु भारत तथा फ़्राँस का एक संयुक्त उपग्रह मिशन है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य संवहनी प्रणाली के जीवन चक्र को समझना, जो उष्ण कटिबंधीय मौसम तथा वायुमण्डल को तथा सह उर्जा में उनकी भूमिका तथा उष्टकटिबंधीय क्षेत्र के वायुमंडल में आद्र बजट को प्रभावित करता है।
बादल में संघनित जल, वायुमंडल में जल वाष्प, पातन तथा वाष्पन की सूचना सहित उष्ण कटिबंधीय वापयुमंडल में जलचक्र के योगदान पर मेघा ट्रापिक्स वैज्ञानिक आँकड़े को प्रदान करेगा, अपने वृत्तीय कक्षा में भूमध्य रेखा में 20 डिग्री की आनति पर मेघा ट्रापिक्स, जलवायु अनुसंधान के लिए एक विशिष्ट उपग्रह है, जो परिष्कृत भविष्यसूचक मॉडल वैज्ञानिकों को अन्वेष्ण में सहायता करता है। मेघा ट्रॉपिक्स निम्नांकित चार नीतभारों का वहन करता है-
- वर्षा तथा वायुमंडलीय संरचनाओं के सूक्ष्मतरंग विश्लेषण (एमएडीआरएएस), सीएनईएस तथा इसरो द्वारा संयुक्त रूप से विकसित प्रतिबिंबित्र रेडियोमीटर।
- सीएनईएस से आर्द्रता के उधर्ध्वकार प्रोफाइल प्रोब के लिए परिज्ञापक (साफ़ाइर)।
- सीएनईएस से रेडियेशन बजट के लिए क्रमवीक्षक।
- इटली से ख़रीदी गई तापीय तथा आद्रतर्त (रोसा) के उर्ध्वकार प्रोफ़ाइल के लिए रेडियो उपगूहन संवेदक।
उत्थापन भार | 1000 कि.ग्रा. |
कक्षा | भूमध्य रेखा से 20 डिग्री की आनति के साथ 867 कि.मी. |
तापीय | आईआरएस परंपरा के साथ निष्क्रिय प्रणाली |
पावर ऊर्जा | 1325 वॉट (कालावधि के अंत में) दो 24 एएच निकल कैड्मियम बैटरी |
टीटीसी | एस बैण्ड |
अभिवृत्ति तथा कक्षा नियंत्रण | 4 प्रतिक्रिया चक्रो सहित त्रिअक्षीय स्थिरीकृत्त, जाइरो तथा तारा संवेदक, हाइड्राज़ाइन आधारित आरसीएस |
ठोस स्थिति रिकार्डर | 16 जीबी |
प्रमोचन दिनांक | 12 अक्तूबर, 2011 |
प्रमोचन स्थल | शार केंद्र, श्रीहरिकोटा भारत |
प्रमोचन यान | पीएसएलवी-सी18 |
|
|
|
|
|