कार्टोसैट-1 उपग्रह
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
कार्टोसैट-1 भारत का पहला सुदूर संवेदी उपग्रह है, जो कक्षीय त्रिविम प्रतिबिंब प्रदान करने में सक्षम है। प्रतिबिंबों का उपयोग वैश्विक आवश्यकताओं को पूरा करने वाले मानचित्रीय अनुप्रयोगों के लिए उपयोग में लाया जाता है। इस उपग्रह के कैमरा का विभेदन 2.5 मी. है। यह छोटे कार को पहचान सकता है। कार्टोसैट-1 भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) के विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए डिजिटल एलिवेशन मॉडल, लांबिक प्रतिबिंब उत्पाद, और मूल्य वर्धित उत्पादों को जनित करने के लिए अपेक्षित त्रिविम युग्म प्रदान करता है।
| प्रमोचन दिनांक | 5 मई, 2005 |
| प्रमोचन स्थल | शार केंद्र, श्रीहरिकोटा, भारत |
| प्रमोचन यान | पीएसएलवी-सी6 |
| कक्षा | 618 कि.मी. ध्रुवीय सूर्य तुल्यकाली |
| नीतभार | पैन फ़ोर, पैन-एएफ़टी |
| कक्षा अवधि | 97 मिनट |
| प्रति दिन परिक्रमाओं की संख्या | 14 |
| भूमध्य रेखा को पार करने का स्थानीय समय | प्रातः 10:30 |
| पुनरावृत्ति | 126 दिन |
| पुनरागमन | 5 दिन |
| उत्थापन भार | 1560 कि.ग्रा. |
| अभिवृत्ति और कक्षा नियंत्रण | अभिक्रिया चक्र, चुंबकीय आघूर्णक और हाइड्राज़ीन थ्रस्टरों के उपयोग द्वारा 3-अक्षीय पिंड स्थिरीकृत |
| विद्युतीय पॉवर | 15 वर्ग मी. सौर व्यूह 1100 वॉ. उत्पन्न करते हुए, दो 24 एएच एनआई-सीडी बैटरियाँ |
| मिशन कालावधि | 5 वर्ष |
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