एस. एम. कृष्णा
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पूरा नाम | सोमनाहल्ली मल्लैया कृष्णा |
जन्म | 1 मई, 1932 |
जन्म भूमि | मंडया ज़िला, कर्नाटक |
अभिभावक | एस. सी. मल्लैया |
पति/पत्नी | प्रेमा कृष्णा |
संतान | दो पुत्रियाँ |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | कांग्रेस |
पद | पूर्व मुख्यमंत्री (कर्नाटक), पूर्व राज्यपाल (महाराष्ट्र), विदेशमंत्री, |
कार्य काल | मुख्यमंत्री (1999-2004), राज्यपाल (2004-2008) |
शिक्षा | कला स्नातक, एल.एल.बी. |
विद्यालय | 'महाराजा कॉलेज' (मैसूर); 'गवर्नमेण्ट लाँ कॉलेज' (बंगलौर); 'सदर्न मेथोडिस्ट विश्वविद्यालय' (संयुक्त राज्य अमरीका); 'जाँर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय' |
भाषा | हिन्दी, अंग्रेज़ी |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म विभूषण, 2023 |
अन्य जानकारी | आप कर्नाटक विधानसभा के लिए 1962 में चुने गये और संसद में प्रथम बार चौथी लोकसभा में सदस्य के रूप में प्रवेश किया। |
अद्यतन | 12:39, 8 जुलाई 2023 (IST)
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सोमनाहल्ली मल्लैया कृष्णा (अंग्रेज़ी: S. M. Krishna; जन्म- 1 मई, 1932, मंडया, कर्नाटक) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने सन 2009 के बाद से भारत सरकार में विदेश मंत्री के रूप में देश की सेवा की है। 1999 से 2004 तक एस. एम. कृष्णा कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे थे और वर्ष 2004 से 2008 तक वे महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रहे। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 22 मई, 2009 को उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया और विदेश मंत्रालय का कार्यभार सौंप दिया। वे मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल के एक मात्र ऐसे मंत्री हैं, जो मंत्री, उप-मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल और तीन बार केंद्रीय मंत्री का पद संभाल चुके हैं।
जन्म तथा शिक्षा
एस. एम. कृष्णा का जन्म 1 मई, 1932 को सोमनाहल्ली ग्राम, मंडया ज़िला (कर्नाटक) में हुआ था। उनके पिता का नाम एस. सी. मल्लैया है। एस. एम. कृष्णा ने मैसूर के 'महाराजा कॉलेज' से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। इसके बाद वे 'गवर्नमेण्ट लाँ कॉलेज' से क़ानून की डिग्री प्राप्त करने के लिए बंगलौर गये थे। बाद में उन्होंने संयुक्त राज्य अमरीका के डालाज में स्थित 'सदर्न मेथोडिस्ट विश्वविद्यालय' में अध्ययन प्राप्त किया और 'फ़ुलब्राइट छात्रवृत्ति' प्राप्त करके 'जाँर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय' में भी अध्ययन किया। 29 अप्रैल सन 1964 को उनका विवाह प्रेमा कृष्णा जी के साथ सम्पन्न हुआ। वे दो पुत्रियों के पिता हैं।
राजनीति में प्रवेश
अमेरिका में ही एस. एम. कृष्णा की सक्रिय राजनीति में रुचि जगी। वहाँ उन्होंने जॉन एफ़ कैनेडी के राष्ट्रपति चुनाव का प्रचार भी किया था। भारत वापस आने के बाद उन्होंने एक अन्तर्राष्ट्रीय क़ानून के प्रोफ़ेशर के रूप में 'रेणुकाचार्या लाँ कॉलेज', बंगलौर में अध्यापन का कार्य किया। वे कर्नाटक विधानसभा के लिए 1962 में चुने गये और संसद में प्रथम बार चौथी लोकसभा में सदस्य के रूप में प्रवेश किया।
मंत्री पद
कृष्णा जी पाँचवीं लोकसभा सांसद के लिए पुन: निर्वाचित हुए थे, परन्तु 1972 में उन्होंने प्रान्तीय राजनीति में ही वापस जाने को प्राथमिकता दी। तब वे विधान परिषद के लिए चुने गये थे और वाणिज्य, उद्योग एवं संसदीय कार्य मंत्री के रूप में प्रदेश मंत्रिपरिषद में सम्मिलित हुए थे। यह प्रभार उनके पास 1977 तक रहा था। सन 1980 में वे फिर से लोकसभा में वापस आये और उन्हें उद्योग राज्य मंत्री (1983-1984) तथा वित्तराज्य मंत्री (1984-1985) बनाया गया।
मुख्यमंत्री
एस. एम. कृष्णा ने कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष का पद भार 1989 में ग्रहण किया। इस पद पर वे 1992 में कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री चुने जाने तक बने रहे थे। उन्हें राज्यसभा (उच्च सदन) के लिए 1996 में चुना गया, जिसके सदस्य वे अक्टूबर, 1999 तक रहे। एस. एम. कृष्णा को अक्टूबर, 1999 में कर्नाटक का मुख्यमंत्री में चुना गया था। इस पद पर वे मई, 2004 तक बने रहे।
राज्यपाल
श्री कृष्णा ने महाराष्ट्र के राज्यपाल का पदभार दिसम्बर, 2004 में ग्रहण किया। उन्होंने मार्च, 2008 तक इस पद पर बने रहकर इस पद की गरिमा को बढ़ाया। वे पुनः: राज्यसभा के सदस्य के रूप में 19 जून, 2008 को चुने गये थे। उन्होंने विदेश मंत्री का पदभार 23 मई, 2009 को ग्रहण किया था।
विदेश यात्रा
देश सेवा के अंतर्गत एस. एम. कृष्णा ने व्यापक रूप से कई विदेश यात्राएँ की हैं। श्री कृष्णा वर्ष 1982 में संयुक्त राष्ट्र की यात्रा पर गये। इस समय वे एक भारतीय प्रतिनिधिमण्डल के सदस्य थे। वे यू, के. के वेस्टमिंस्टर में आयोजित राष्ट्रमण्डल संसदीय सम्मेलन में एक प्रतिनिधि थे।
रुची
एस. एम. कृष्णा एक अच्छे खिलाड़ी के रूप में भी जाने जाते हैं। वे टेनिस के बेहतरीन खिलाड़ी हैं और नियमित टेनिस खेलते हैं। अपने स्वास्थ्य के प्रति वे सदैव सजग रहते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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