डेविड गैरिक
डेविड गैरिक
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पूरा नाम | डेविड गैरिक |
जन्म | 19 फ़रवरी, 1717 ई. |
मृत्यु | 20 जनवरी, 1779 ई. |
मृत्यु स्थान | लंदन |
पति/पत्नी | इवा मारिया |
कर्म भूमि | लंदन |
कर्म-क्षेत्र | अभिनेय |
विद्यालय | ग्रामर स्कूल |
नागरिकता | अभिनेता |
विशेष | इनका पहला नाटक 'ईसव इन द शेड्स' 15 अप्रैल, 1740 ई. में डूरी लेन में खेला गया और इसी से डेविड गैरिक प्रसिद्ध हो गए। |
अन्य जानकारी | शेक्सपियर को लोकप्रिय बनाने में इनका बड़ा योगदान रहा है। इन्होंने शेक्सपियर के हास्य नाटकों के ओप्रा प्रस्तुत किए। |
अद्यतन | 05:45, 23 दिसंबर 2012 (IST)
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डेविड गैरिक (अंग्रेज़ी: David Garrick, जन्म- 19 फ़रवरी, 1717 ई.; मृत्यु- 20 जनवरी, 1779 ई.) अंग्रेज़ अभिनेता तथा मंच संचालक थे। अपने शुरुआती समय में इन्होंने मंच के आलोचक तथा एक नाटककार बनने की चेष्टा की। इनका पहला नाटक 'ईसव इन द शेड्स' 15 अप्रैल, 1740 ई. में डूरी लेन में खेला गया और इसी से डेविड गैरिक प्रसिद्ध हो गए। इन्होंने अंग्रेजी मंच के उन्नयन में बड़ा ही ऐतिहासिक कार्य किया। शेक्सपियर को लोकप्रिय बनाने में डेविड गैरिक का बड़ा योगदान रहा है।
जन्म तथा शिक्षा
फ्रेंच प्रोटेस्टेंट कुल में डेविड गैरिक का जन्म हुआ। इनके पिता एक जहाज़ के कप्तान थे। परिवार लीचफील्ड में आकर बस गया था, जहाँ के ग्रामर स्कूल में इन्होंने आरंभिक शिक्षा प्राप्त की। डेविड गैरिक उच्च शिक्षा के लिये लंदन गए, किंतु एक मास के भीतर ही पिता का देहावसान हो गया। इस बीच लिस्बन स्थित चाचा की 1000 पौंड की संपत्ति उत्तराधिकार में इन्हें मिली, जिसके फलस्वरूप इन्होंने अपने भाई के सहयोग से लंदन और लीचफील्ड में शराब का व्यवसाय शुरू किया। इनकी पत्नी, इवा मारिया, जर्मन तथा अच्छी नर्तकी थीं।[1]
अद्वितीय अभिनेता
डेविड गैरिक ने आरंभ में मंच के आलोचक तथा नाटककार बनने की चेष्टा की। इनका पहला नाटक 'ईसव इन द शेड्स' 15 अप्रैल, सन 1740 में डूरी लेन में खेला गया। अपने इसी नाटक से गैरिक प्रसिद्ध हो गए। मार्च, 1741 ई. में वे पहली बार एक अभिनेता के रूप में मंच पर उतरे। इस बीच वे 'लीडाल' के नाम से अभिनय करते थे। सन 1741 ई. में गुडमेंस फील्ड्स में तृतीय रिचर्ड के रूप में उन्हें अत्यन्त प्रसिद्धि मिली। क्रमश: तत्कालीन अंग्रेज़ी मंच के वे सबसे बड़े अभिनेता माने जाने लगे। गंभीर से लेकर हास्य प्रसंगों तक के अभिनय में वे अद्वितीय थे।
डेविड गैरिक का अभिनय देखने के लिये तत्कालीन श्रीमंतवर्ग तथा प्रसिद्ध व्यक्ति आते थे। आरंभ के छह मास में तो 18 प्रकार के विभिन्न चरित्रों का उन्होंने अविश्वसनीय रूप से सफल अभिनय किया। स्वयं रोम के पोप इनका अभिनय देखने तीन बार आए और कहा कि इनके बराबर दूसरा अभिनेता नहीं है और न ही इनके समक्ष कोई हो सकेगा। अब वे डब्लिन तक मंच संचालक तथा निर्देशक के रूप में पहचाने जाने लगे। जब कुछ दिनों बाद डूरी लेन का मंच बिका, तब उसे इन्होंने ख़रीद लिया और सितम्बर, 1747 ई. में बड़े ही भव्य रूप में, मंझे हुए अभिनेताओं के दल के साथ अपना मंच आरंभ किया।[1]
सफलता के कारण
डेविड गैरिक की महान् सफलता के निम्नलिखित दो कारण बताए जाते हैं-
- फ़्राँसीसी होकर भी अंग्रेज़ी में पारगंत होना।
- ऐसी पैनी दृष्टि जो जीवन और कला की विविधता को सहज ही ग्रहण कर लेती थी। त्रासदी तथा हास्य सभी प्रकार के नाटकों में आप पारंगत थे।
योगदान
शेक्सपियर के लगभग 17 चरित्रों के अभिनय के लिये डेविड गैरिक विख्यात हुए। इन्होंने अंग्रेज़ी मंच के उन्नयन में बड़ा ही ऐतिहासिक कार्य किया। शेक्सपियर को लोकप्रिय बनाने में इनका बड़ा योगदान रहा है। इन्होंने शेक्सपियर के हास्य नाटकों के ओप्रा प्रस्तुत किए।
निधन
अंतिम दिनों में डेविड गैरिक ने अपना कारोबार बंद कर दिया। 20 जनवरी, 1779 को लंदन में इनकी मृत्यु हुई। वहाँ ये वेस्टमिनिस्टर एबे में शेक्सपियर की मूर्ति के पदतल में दफना दिए गए।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 'डेविड गैरिक (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 09 जून, 2015।
बाहरी कड़ियाँ
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