तटरक्षक दिवस
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विवरण | यह दिन उन वीर जवानों के प्रति समर्पित है जो अपनी जान की परवाह किए बगैर अपना जीवन देश सेवा में लगा देते हैं। |
तिथि | 1 फ़रवरी |
देश | भारत |
आदर्श वाक्य | वयम् रक्षाम: (हम रक्षा करते हैं) |
संबंधित लेख | भारतीय तटरक्षक, भारतीय नौसेना |
अद्यतन | 15:28, 23 जनवरी 2015 (IST)
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तटरक्षक दिवस भारत में 1 फ़रवरी को मनाया जाता है। 1 फ़रवरी 1977 को भारतीय तटरक्षक की स्थापना हुई थी। इसलिए इस दिन भारतीय तटरक्षक स्थापना दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन वीर जवानों के प्रति समर्पित है जो अपनी जान की परवाह किए बगैर अपना जीवन देश सेवा में लगा देते हैं।
भारतीय तटरक्षक की स्थापना
7 जनवरी 1977 को मंत्रीमंडल के निर्णय का अनुसमर्थन करते हुए 1 फ़रवरी 1977 को नौसेना मुख्यालय के अंतर्गत अंतरिम तटरक्षक संगठन की स्थापना हुई। आरम्भ में नौसेना से निकाले गये दो फ्रिगेट (भारतीय नौसेना पोत कृपाण तथा कुठार) तथा गृह मंत्रालय से स्थानांतरित पाँच गश्ती नौकाओं (पम्बन, पुरी, पुलीकैट, पणजी तथा पनवेल) को शामिल किया गया। इनको तटवर्ती क्षेत्र तथा द्वीप क्षेत्रों में तटरक्षक ड्यूटियों का निर्वाह करने के लिए तैनात किया गया। इसका उद्देश्य हमारे समुद्री क्षेत्र में निगरानी बनाये रखना तथा सीमित बल के साथ हमारे समुद्री क्षेत्रों में समुद्री गतिविधियों को मूल्यांकित करना था। 1 फ़रवरी 1977 को गठित अंतरिम तटरक्षक प्रकोष्ठ में, ले. कमांडर दत्त, कमोडोर सारथी वाइस एडमिरल वी. ए. कॉमथ, कमांडर भनोट, श्री वरदान, श्री संधू, श्री जैन, श्री पिल्लै, श्री मल्होत्रा, श्री शास्त्री आदि शामिल थे। 18 अगस्त 1978 को संसद में अधिनियम पारित होने के द्वारा तटरक्षक सेवा के निर्माण का रूप ले सकी तथा वह 19 अगस्त 1978 को लागू हुआ। ‘एक ऐसा अधिनियम, जोकि सामुद्रिक तथा समुद्री क्षेत्रों में अन्य राष्ट्रीय हितों तथा संबद्ध मामलों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए भारत के समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा को सुनश्चित करने के लिए, संघ के एक सशस्त्र बल का गठन एवं विनियमन करें।’
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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