तत्सम
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हिन्दी में जो शब्द संस्कृत से ज्यों के त्यों ग्रहण कर लिए गए हैं तथा जिनमें कोई ध्वनि परिवर्तन नहीं हुआ है, वे तत्सम शब्द कहलाते हैं। जैसे- अग्नि, वायु, माता, पिता, प्रकाश, पत्र, सूर्य आदि।
- 'हिन्दी', 'बांग्ला', 'मराठी', 'गुजराती', 'पंजाबी', 'तेलुगू' 'कन्नड़', 'मलयालम', 'सिंहल' आदि भाषाओं में बहुत से शब्द संस्कृत से सीधे ही ग्रहण कर लिये गए हैं, क्योंकि इन सभी भाषाओं का जन्म संस्कृत से ही हुआ है।
- समय और परिस्थितियों के साथ-साथ तत्सम शब्दों में कुछ परिवर्तन भी होते रहे हैं, इससे कुछ शब्द बने हैं, जिन्हें 'तद्भव' (तत् + भव = उससे उत्पन्न) कहते हैं। भारतीय भाषाओं में 'तत्सम' और 'तद्भव' शब्दों का बाहुल्य है। इसके अतिरिक्त इन भाषाओं के कुछ शब्द 'देशज' और अन्य कुछ 'विदेशी' हैं।
क्रम संख्या | तत्सम | तद्भव | क्रम संख्या | तत्सम | तद्भव |
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1. | अग्नि | आग | 2. | रात्रि | रत |
3. | पद | पैर | 4. | तैल | तेल |
5. | चन्द्र | चाँद | 6. | सूर्य | सूरज |
7. | कपाट | किवाड़ | 8. | सुभाग | सुहाग |
9. | पत्र | पत्ता | 10. | बालुका | बालू |
11. | स्तन | थन | 12. | नव्य | नया |
13. | धर्म | धरम | 14. | मृत्यु | मोत |
15. | एकादश | ग्याराह | 16. | वानर | बन्दर |
17. | सूची | सुई | 18. | स्वर्ण | सोना |
19. | युवा | जवान | 20. | आम्र | आम |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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