दीवान-ए-ख़ैरात राज दरबार से सम्बन्धित पद था तथा इसे फ़िरोज़शाह तुग़लक़ द्वारा स्थापित किया गया था।
भारत के इतिहास में सल्तनत काल में इसे दान विभाग कहा जाता था।
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दीवान-ए-ख़ैरात राज दरबार से सम्बन्धित पद था तथा इसे फ़िरोज़शाह तुग़लक़ द्वारा स्थापित किया गया था।
भारत के इतिहास में सल्तनत काल में इसे दान विभाग कहा जाता था।
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