दीवान-ए-मुस्तख़राज पद दीवान-ए-रसालत विभाग के अंतर्गत आता था।
भारत के इतिहास में सल्तनत काल का एक प्रशासनिक विभाग था। वित्त विभाग से संबंधित इस विभाग की स्थापना अलाउद्दीन ख़िलजी ने की थी। इसका कार्य अतिरिक्त मात्रा में वसूल किये गए 'कर' का हिसाब रखना होता था। यह वज़ीर के अधीनस्थ पद था।
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