नाहन
नाहन
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विवरण | 'नाहन' हिमाचल प्रदेश के ख़ूबसूरत शहरों में एक है। यह स्थान अपने सुन्दर पहाड़ और मनोरम दृश्यों के प्रसिद्ध है। |
राज्य | हिमाचल प्रदेश |
निर्माता | राजा करन प्रकाश |
स्थापना | 1621 ई. |
भौगोलिक स्थिति | समुद्र स्तर से ऊपर 932 मीटर की ऊंचाई पर। |
प्रसिद्धि | ख़ूबसूरत पहाड़ी स्थान |
कब जाएँ | मार्च से जून |
क्या देखें | 'सुकेती जीवाश्म पार्क', 'रेणुका वन्यजीव पार्क', 'रानी ताल गार्डन', 'जगननाथ मंदिर' आदि। |
संबंधित लेख | हिमाचल प्रदेश, शिमला
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विशेष | राजा करन प्रकाश ने रक्षाबंधन के त्यौहार पर यहाँ पतंग उड़ाने की परंपरा शुरू की थी, जो आज भी जारी है। |
अन्य जानकारी | नाहन कृषि उत्पाद तथा इमारती लकड़ियों का व्यापारिक केंद्र हैं। यहाँ के उद्योगों में हथकरघा बुनाई, लकड़ियों पर नक़्क़ाशी और लोहे का काम शामिल है। |
नाहन हरे-भरे जंगलों और बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ एक शानदार शहर है। यह पश्चिमोत्तर भारत के दक्षिण हिमाचल प्रदेश राज्य की राजधानी शिमला के दक्षिण-पश्चिम में लघु हिमालय की दक्षिणी सीमा के पास शिवालिक पहाड़ियों में बसा हुआ है। नाहन को 'शिवालिक पहाड़ियों का रत्न' कहा जाता है। यहाँ गर्मी का मौसम मार्च से शुरू होता है और जून तक रहता है। यहाँ की सर्दियाँ बहुत कड़क और कुहरेदार होती हैं।
इतिहास
नाहन की स्थापना यहाँ के राजा करन प्रकाश द्वारा 1621 ई. में की गई थी। राजा करन प्रकाश ने रक्षाबंधन के त्यौहार पर यहाँ पतंग उड़ाने की परंपरा शुरू की थी, जो आज भी जारी है। कहा जाता है कि आज जहाँ नाहन महल खड़ा है, वहाँ पर एक संत बाबा बनवारी दास अपने साथी के साथ रहते थे। "नाहन" का अर्थ है- "मत मारो"। एक दिन जब राजा ने एक शेर को मारने की कोशिश की, तब संत ने कहा 'नाहन', शायद इस ऐतिहासिक घटना के कारण ही इस शहर का नाम नाहन पड़ा।[1]
पर्यटन स्थल
समुद्र स्तर से ऊपर 932 मीटर की ऊंचाई पर नाहन स्थित है। यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में निम्नलिखित हैं-
- सुकेती जीवाश्म पार्क
- संबलवारा वन्यजीव अभयारण्य
- रेणुका वन्यजीव पार्क
- रेणुका झील
- रानी ताल गार्डन
- जगननाथ मंदिर
- त्रिलोकपुर मंदिर
नाहन में कई क़िले, मंदिर और झीलें हैं। रेणुका झील 3214 मीटर की एक विशाल सीमा के साथ हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी झील है। ऋषि जमदग्नि और उनके बेटे परशुराम की एक पौराणिक कहानी इस ख़ूबसूरत झील से संबंधित है। चौगान, बिक्रम बाग, खादर-का-बाग दैनिक गतिविधियों के लिए हैं। यहाँ स्थानीय मंदिर, उपहार की दुकानें, राल और तारपीन का कारखाना इस जगह के अन्य प्रमुख आकर्षण हैं।
अन्य दर्शनीय स्थल
नाहन शहर के केंद्र में स्थित रानी ताल भी दर्शनीय स्थल है, यहाँ एक बड़ा मंदिर और एक पानी का तालाब है। रानी ताल जो रानी झील के रूप में जाना जाता है, एक शाही विरासत है, और यह नाहन शाही परिवार के प्रयोग के लिए था। हाल ही में यह गंतव्य एक सार्वजनिक पिकनिक स्थल में बदल दिया गया है। रानी ताल टैंक और रानी ताल गार्डन में बत्तख और क्रेन इस जगह के आकर्षण को बढ़ाते हैं। माल रोड युवाओं के लिए एक और लोकप्रिय गंतव्य है। जैतक नाहन के सबसे पुराने क़िलों में से एक है, जिसे गोरखा नेता रंजौर सिंह थापा और उनके अनुयायियों द्वारा निर्मित किया गया था। उन्होंने नाहन क़िले पर हमला किया था। क़िले के खंडहर से एकत्र सामग्री से ही जौतक हिल्स के शीर्ष पर जौतक क़िले का निर्माण कराया गया था। इसके अलावा जगननाथ मंदिर, रेणुका मंदिर और त्रिलोकपुर मंदिर जैसे धार्मिक स्थल नाहन के अन्य प्रमुख आकर्षण हैं। रेंजर पैलेस और पक्का तालाब नाहन के विरासत स्थल हैं। जामू पीक और चूरधार पीकट्रैकिंग और अन्य पर्वतीय खेलों के लिए अनुकूल स्थल हैं।[1]
व्यापार तथा उद्योग
नाहन कृषि उत्पाद तथा इमारती लकड़ियों का व्यापारिक केंद्र हैं। यहाँ के उद्योगों में हथकरघा बुनाई, लकड़ियों पर नक़्क़ाशी और लोहे का काम शामिल है। यहाँ पर कृषि के उपकरण, तारपीन का तेल, राल और जनरेटर का निर्माण होता है। भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान नाहन पंजाब के पर्वतीय प्रदेश सिरमौर[2] की राजधानी था।
कब जाएँ
नाहन आने वाले यात्री हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग के माध्यम से गंतव्य तक पहुँच सकते हैं। क्योंकि नाहन का मौसम हमेशा सुहावना रहता है, इसीलिए यहाँ का दौरा वर्ष भर कर सकते हैं। गर्मी का मौसम मार्च के महीने में शुरू होता है और जून तक रहता है। यात्री पतझड़ के मौसम के दौरान भी नाहन घूम सकते हैं, क्योंकि मौसम दर्शनीय स्थलों की यात्रा और ट्रैकिंग के लिए सुखद रहता है। सर्दियाँ ठंडी और पालेदार होती हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 नाहन- शिवालिक हिल्स का रत्न (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 18 जून, 2013।
- ↑ सिरमोर
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