नैनीताल पर्यटन

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नैनीताल पर्यटन
नैनी झील, नैनीताल
नैनी झील, नैनीताल
विवरण नैनीताल, उत्तरी उत्तराखंड राज्य के उत्तर मध्य भारत में शिवालिक पर्वतश्रेणी में स्थित है। 1841 में स्थापित यह नगर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो समुद्र तल से 1,934 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
राज्य उत्तराखंड
ज़िला नैनीताल
निर्माता पी. बेरून
स्थापना 1841
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 29.38°, पूर्व- 79.45°
मार्ग स्थिति पंत नगर हवाई अड्डे से लगभग 63 किमी दूर है।
प्रसिद्धि झीलों के लिए
कब जाएँ अप्रैल-जून, सितंबर-अक्टूबर
हवाई अड्डा पंत नगर हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्‍टेशन
बस अड्डा नैनीताल बस अड्डा
क्या देखें नैनीताल पर्यटन
कहाँ ठहरें होटल, धर्मशाला, अतिथिग्रह, रिजॉर्ट
क्या ख़रीदें गर्म ऊनी वस्‍त्र, हस्‍तशिल्प वस्तुएँ और मोम‍बत्तियाँ
एस.टी.डी. कोड 05942
गूगल मानचित्र
संबंधित लेख नैनी झील, सात ताल झील, भीमताल झील, नौकुचिया ताल, त्रिऋषि सरोवर, मुक्तेश्वर


अन्य जानकारी पौराणिक इतिहासकारों के अनुसार मानसखंड के अध्याय 40 से 51 तक नैनीताल क्षेत्र के पुण्य स्थलों, नदी, नालों और पर्वत श्रृंखलाओं का 219 श्लोकों में वर्णन मिलता है।
अद्यतन‎

नैनीताल अपने तालों के लिए प्रसिद्ध है। जनपद के पहाड़ी भागों में कई छोटी-बड़ी झीलें स्थित हैं- जिनमें नैनी झील, भीमताल, नौकुचिया ताल, गरुड़ताल, रामताल, सातताल, लक्ष्मणताल, नलदमयंतीताल, सूखाताल, मलवाताल, खुरपाताल, सड़ियाताल आदि हैं।

नैनी झील

नैनी झील का नाम देवी नैनी के नाम पर पड़ा है। पर्यटकों के लिए यह सबसे ज़्यादा ख़ूबसूरत जगह है। मुख्य शहर से तक़रीबन ढाई किलोमीटर दूर बनी नैनी झील तक पहुँचने के लिए केबल कार का इस्तेमाल करना पड़ता है। यह सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है।

नैनीताल बोट हाउस क्लब

कब जाएँ

नैनीताल में अनेक ऐसे स्थान हैं जहाँ जाकर सैलानी अपने - आपको भूल जाते हैं। यहाँ अब लोग ग्रीष्म काल में नहीं आते, बल्कि वर्ष भर आते रहते हैं। सर्दियों में बर्फ के गिरने के दृश्य को देखने हजारों पर्यटक यहाँ पहुँचते रहते हैं। रहने के लिए नैनीताल में किसी भी प्रकार की कमी नहीं है, एक से बढ़कर एक होटल हैं। आधुनिक सुविधाओं की नैनीताल में आज कोई कमी नहीं है। इसलिए सैलानी और पर्यटक यहाँ आना अधिक उपयुक्त समझते हैं। नैनीताल में अप्रैल से जून और सितम्बर से दिसम्बर तक दो सीजन होते हैं। सम्पूर्ण देश के पूँजीपति, व्यापारी, उद्योगपति, राजा-महाराजा और सैलानी यहाँ आते हैं। इस मौसम में टेनिस, पोलो, हॉकी, फुटबाल, गॉल्फ, मछली मारने और नौका दौड़ाने के खेलों की प्रतियोगिता होती है। इन खेलों के शौकीन देश के विभिन्न नगरों से यहाँ आते हैं। पिकनिक के लिए भी लोगों का ताँता नगा रहता है। इसी मौसम में नाना प्राकर के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। सितम्बर से दिसम्बर का मौसम भी बहुत सुन्दर रहता है। ऐसे समय में आकाश साफ रहता है। प्रायः इस मोसम में होटलों का किराया भी कम हो जाता है। बहुत से प्रकृति प्रेमी इसी मौसम में नैनीताल आते हैं। जनवरी और फरवरी के दो ऐसे महीने होते हैं जब नैनीताल में बर्फ गिरती है। बहुत से नवविवाहित दम्पतियाँ अपनी 'मधु यामिनी' हेतु नैनीताल आते हैं। तात्पर्य यह है कि यह सुखद और शान्ति का जीवन बिताने का मौसम है। नैनीताल में घूमने के बाद सैलानी पीक देखना भी नहीं भूलते। आजकल नैनीताल के आकर्षण में रज्जुमार्ग (रोप वे) की सवारी भी विशेष आकर्षण का केन्द्र बन गयी है। सुबह, शाम और दिन में सैलानी नैनीताल के ताल में जहां बोट की सवारी करते हैं, वहाँ घोड़ों पर चढ़कर घुड़सवारी का भी आनन्द लेते हैं। शरदकाल में और ग्रीष्मकाल में यहाँ बड़ी रौनक रहती है। शरदोत्सव के समय पर नौकाचालन, तैराकी, घोड़ो का सवारी और पर्वतारोहम जैसे मनोरंजन और चुनौती भरे सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं।[1]

गर्नी हाउस

गर्नी हाउस अंग्रेज़ शासक जिम कॉर्बेट] का पूर्व निवास स्थल है। नैनीताल चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है, ठीक उसी तरह गर्नी हाउस भी अयारपट्टा पहाड़ियों से घिरा है। गर्नी हाउस अब एक संग्रहालय बन चुका है और जिम कॉर्बेट की कई यादगार वस्तुएँ यहाँ मौजूद हैं।

सात चोटियाँ

नैनीताल की सात चोटियों नैनीताल की शोभा बढ़ाने में विशेष, महत्व रखती हैं :

1. चीनीपीक (नैनापीक)

सात चोटियों में चीनीपीक (नैनापीक) 2,600 मीटर की ऊँचाई वाली पर्वत चोटी है। नैनीताल से लगभग साढ़े पाँच किलोमीटर पर यह चोटी पड़ती है। इस चोटी से ह्मालय की ऊँची -ऊँची चोटियों के दर्शन होते हैं। यहाँ से नैनीताल के दृश्य भी बड़े भव्य दिखाई देते हैं। इस चोटी पर चार कमरे का लकड़ी का एक केबिन है जिसमें एक रेस्तरा भी है।

2. किलवरी

2548 मीटर की ऊँचाई पर दूसरी पर्वत - चोटी है जिसे किलवरी कहते हैं। यह पिकनिक मनाने का सुन्दर स्थान है। यहाँ पर वन विभाग का एक विश्रामगृह भी है। जिसमें पहुत से प्रकृति प्रेमी रात्रि - निवास करते हैं। इसका आरक्षण डी. एफ. ओ. नैनीताल के द्वारा होता है।

3. लड़ियाकाँटा

2481 मीटर की ऊँचाई पर यह पर्वत श्रेणी है जो नैनीताल से लगभग साढ़े पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ से नैनीताल के ताल की झाँकी अत्यन्त सुन्दर दिखाई देती है।

4 - 5 देवपाटा और केमल्सबौग

यह दोनों चोटियाँ साथ - साथ हैं। जिनकी ऊँचाई क्रमशः 2435 मीटर और 2333 मीटर है। इस चोटी से भी नैनीताल और उसके समीप वाले इलाके के दृश्य अत्यन्त सुन्दर लगते हैं।

6. डेरोथीसीट

वास्तव में यह अयाँरपाटा पहाड़ी है परन्तु एक अंग्रेज़ केलेट ने अपनी पत्नी डेरोथी, जो हवाई जहाज की यात्रा करती हुई मर गई थी। की याद में इस चोटी पर क़ब्र बनाई, उसकी क़ब्र- 'डारोथीसीट' के नाम पर इस पर्वत चोटी का नाम पड़ गया। नैनीताल से चार किलोमीटर की दुरी पर 2290 मीटर की ऊँचाई पर यह चोटी है।

7. स्नोव्यू और हनी-बनी

नैनीताल से केवल ढ़ाई किलोमीटर और 2270 मीटर की ऊँचाई पर हवाई पर्वत - चोटी है। 'शेर का डाण्डा' पहाड़ पर यह चोटी स्थित है, जहाँ से हिमालय का भव्य दृश्य साफ - साफ दिखाई देता है। इसी तरह स्नोव्यू से लगी हुई दूसरी चोटी हनी - बनी है, जिसकी ऊँचाई 2179 मीटर है, यहाँ से भी हिमालय के सुन्दर दृश्य दिखाई देते हैं।[1]

कैसे जाएँ

वायु मार्ग

हवाई जहाज से जाने वाले पर्यटक चंडीगढ़ विमानक्षेत्र तक वायु मार्ग से जा सकते है। इसके बाद बस या कार की सुविधा ले सकते है। दूसरा नजदीकी हवाई अड्डा अमृतसर विमानक्षेत्र में है।

रेल मार्ग

रेल मार्ग द्वारा नैना देवी जाने के लिए पर्यटक चंडीगढ और पालमपुर तक रेल सुविधा ले सकते है। इसके पश्चात् बस, कार व अन्य वाहनों से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। चंडीगढ़ देश के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग

नैना देवी दिल्ली से 350 कि.मी. कि दूरी पर स्थित है। दिल्ली से करनाल, चंडीगढ़, रोपड़ होते हुए पर्यटक नैना देवी पहुंच सकते है। सड़क मार्ग सभी सुविधाओं से युक्त है। रास्ते में काफ़ी सारे होटल हैं, जहां पर विश्राम किया जा सकता है। सड़कें पक्की बनी हुई हैं।

आसपास के मुख्य पर्यटन स्थल

  1. मुक्तेश्वर
  2. ज्योलिकोट
  3. हल्द्वानी
  4. ढिकोली
  5. काठगोदाम
  6. रामगढ़
  7. भुवाली
  8. हनुमानगढ़ी
  9. काशीपुर
  10. त्रिऋषि सरोवर
  11. सात ताल झील
  12. भीमताल झील
  13. नौकुचिया ताल
  14. तल्ली एवं मल्ली ताल
  15. गिरीताल



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 नैनीताल (हिन्दी) www.ignca.nic.in। अभिगमन तिथि: 17 दिसम्बर, 2014।

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