- फ़रायजी विद्रोह की शुरुआत 1838 ई. में हुई थी।
- बंगाल के फ़रीदपुर का यह सम्प्रदाय 'शरीयतुल्ला' द्वारा अनेमोदित विचारों से प्रभावित था।
- ये लोग सामाजिक, राजनीतिक तथा धार्मिक परिवर्तन का प्रतिपादन करते थे।
- शरीयतुल्ला के पुत्र 'दादूमियाँ' के नेतृत्व में अंग्रेज़ों के विरुद्ध इस विद्रोह की योजना बनाई गई।
- साथ ही ज़मींदारों के अत्याचार के विरुद्ध भी इस विद्रोह को अंजाम दिया गया था।
- यह विद्रोह 1838 ई. से 1857 ई. तक चलता रहा।
- कालान्तर में इस सम्प्रदाय के अनेक समर्थक 'वहाबी आंदोलन' में सम्मिलित हो गये।
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